भरत झुनझुनवाला

डा. भरत झुनझुनवाला लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं संपूर्ण विश्व ने समझ लिया है कि कृषि कांप रही है और किसानों को वहां से निकाल लिया है। हम अनायास ही किसान को उसी दलदल मे धकेल रहे हैं। हमें कृषि में श्रम की गिरती जरूरत को देखते हुए किसानों की संतानों को शहरों में

डा. भरत झुनझुनवाला लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं वित्तीय घाटे पर नियंत्रण करने के मंत्र के पीछे सोच थी कि मेजबान सरकार भ्रष्ट होने से सरकारी निवेश पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। इसलिए सरकारी निवेश घटाओ और निजी निवेश बढ़ाओ। वित्त मंत्री द्वारा विश्व बैंक के इसी मंत्र का अनुपालन किया जा

डा. भरत झुनझुनवाला लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं पूर्व में सरकारी कर्मियों के वेतन आम जनता की आय के समकक्ष थे। संभवतः भ्रष्टाचार की आय भी कम थी। तब सरकारी नौकरी से दलित को विशेष व्यक्तिगत लाभ नहीं मिलता था। वह अपने पद का उपयोग दलितों की सेवा के लिए कर सकता था जैसे

डा. भरत झुनझुनवाला लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं पेट्रोल पर ऊंचे कर बनाए रखने से ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों का विकास होगा। जैसे बिजली से चलने वाली कार की तुलना में पेट्रोल से चलने वाली कार सस्ती होती है। पेट्रोल सस्ता होगा तो लोग पेट्रोल की कार ही खरीदेंगे, चूंकि ईंधन और कार दोनों

डा. भरत झुनझुनवाला लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं कौटिल्य ने कहा था कि सरकारी कर्मियों द्वारा राज्य के राजस्व की चोरी का पता लगाना उतना ही कठिन है, जितना इस बात का पता लगाना कि तालाब की मछली द्वारा कितना पानी पिया गया। उन्होंने कहा था कि सरकारी कर्मियों के भ्रष्टाचार पर नजर रखने

डा. भरत झुनझुनवाला लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं सोच है कि एक कर दर से विवाद कम होंगे, अर्थव्यवस्था सरल और गतिमान होगी। परंतु यह भूला जा रहा है कि यह गतिमानता रोजगार भक्षण की दिशा में होगी, न कि रोजगार सृजन की दिशा में। बजट की सामाजिक दायित्वों को पूरा करने में महत्त्वपूर्ण

डा. भरत झुनझुनवाला लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं 2017 की पहली तिमाही में हमारी ग्रोथ रेट 5.7 प्रतिशत थी, जो कि दूसरी तिमाही में 6.3 प्रतिशत हो गई है। हालांकि यह सुधार प्रभावी नहीं है। न्यून ग्रोथ रेट का पहला कारण काले धन पर सरकार का प्रहार है। जी हां, सरकार की स्वच्छता ही

डा. भरत झुनझुनवाला लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं डब्ल्यूटीओ के विस्तार की दूसरी संभावना ई-कॉमर्स की है, जैसे आज आप चीन की किसी कंपनी को ऑनलाइन ऑर्डर देकर माल मंगवा सकते हैं। इस व्यापार को सुनियोजित करने के लिए कोई वैश्विक कानून नहीं है। हाल में हुई डब्ल्यूटीओ की मंत्रिस्तरीय वार्ता में इन विषयों

डा. भरत झुनझुनवाला लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं आतंकवाद एवं नंबर दो के धंधे पर अल्प समय के लिए अंकुश लगा है। बड़ी रकम का लेन-देन डिजिटल माध्यम से बढ़ा है। यह नोटबंदी का दीर्घकालिक सकारात्मक प्रभाव है। छोटे उद्यमियों पर डिजिटल प्रयास का दीर्घकालिक नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। मेरे आकलन में डिजिटल पेमेंट