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मासिक शिवरात्रि प्रत्येक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। हिंदू धर्म में इस शिवरात्रि का भी बहुत महत्त्व है। शिवरात्रि भगवान शिव और शक्ति के अभिसरण का विशेष पर्व है। धार्मिक मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि के दिन व्रत आदि करने से भगवान शिव की विशेष कृपा द्वारा कोई भी

2 दिसंबर रविवार, मार्गशीर्ष, कृष्णपक्ष, दशमी 3 दिसंबर सोमवार, मार्गशीर्ष, कृष्णपक्ष, एकादशी, उत्पन्ना एकादशी व्रत 4 दिसंबर मंगलवार, मार्गशीर्ष,  कृष्णपक्ष, द्वादशी, भौम प्रदोष व्रत 5 दिसंबर बुधवार,  मार्गशीर्ष,  कृष्णपक्ष, त्रयोदशी 6 दिसंबर बृहस्पतिवार, मार्गशीर्ष,  कृष्णपक्ष, चतुर्दशी 7 दिसंबर शुक्रवार, मार्गशीर्ष, कृष्णपक्ष, अमावस 8 दिसंबर शनिवार, मार्गशीर्ष, शुक्लपक्ष, प्रथमा

-गतांक से आगे… कर्त्री हर्त्री पालयित्री शर्वरी तामसी दया। तमिस्रा यामिनीस्था न स्थिरा धीरा तपस्विनी।। 38।। चार्वङ्गी चंचला लोल-जिह्वा चारु-चरित्रिणी। त्रपा त्रपा-वती लज्जा निर्लज्जा ह्नीं रजोवती।। 39।। सत्व-वती धर्म-निष्ठा श्रेष्ठा निष्ठुर-वादिनी। गरिष्ठा दुष्ट-संहत्री विशिष्टा श्रेयसी घृणा ।। 40।। भीमा भयानका भीमा-नादिनी भीःप्रभावती। वागीश्वरी श्रीर्यमुना यज्ञ-कर्त्री यजुः-प्रिया।। 41।। ऋक्-सामाथर्व-निलया रागिणी शोभन-स्वरा। कल-कण्ठी कम्बु-कण्ठी वेणु-वीणा-परायणा।। 42।। वशिनी

मेथी में बहुत से विटामिन्स जैसे थायमिन, फॉलिक एसिड, राइबोफ्लोबिन, नियासिन, आयरन, सेलेनियम, जिंक, मैगनीज और मैगनीशियम पाए जाते हैं। इसके साथ ही मेथी की पत्तियां विटामिन ‘के’ का सबसे अच्छा स्रोत हैं। मेथी के बीज ट्रिगोनेलिन, लाइसिन और एल ट्रीप्टोफान के अच्छे स्रोत हैं…  मेथी का सेवन करना हमारे अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत

ज्ञान की पंथ कृपाण की धारा यानी की ज्ञान को प्राप्त करना दोधारी तलवार पर चलने के समान है। भारतीय संस्कृति और समाज के सर्वाधिक लोकप्रिय और जनमानस के मन में अपने हर शब्द से खास जगह बनाने वाले, गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रामचरित मानस में लिखी यह चौपाई सर्वकालिक है। कौन नहीं जानता कि

गांव के ही किसी व्यक्ति ने घर में यह सूचना दे दी कि त्रिलोचन जिंदा है और घर लौट आया है। बेटे को घर आते देख मां फूला नहीं समाई और पत्नी की भी आंखों में खुशी के आंसू निकल पड़े। इसके बाद त्रिलोचन अपने परिवार के साथ रहने लगा। कहा जाता है कि भोलेनाथ ने उसे

श्रीश्री रवि शंकर कर्म का रास्ता बहुत अजीब है। जितना आप इसे समझते हैं यह उतना ही आपको आश्चर्यचकित करता है। यह लोगों को मिलाता है भी है और उन्हें दूर भी कर देता है। कर्म के कारण ही कोई व्यक्ति कमजोर हो जाता है और कोई व्यक्ति शक्तिशाली। कर्म ही किसी को गरीब तो

नवंबर से दिसंबर के बीच का समय बच्चों के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण होता है। इस वक्त गलियों में बच्चों के खेलने का तेज शोर नहीं सुनाई देता, साइकिल पर उनके कमाल के स्टंट देखने को नहीं मिलते, पार्क में भी अकसर शाम के वक्त बच्चे कम दिखते हैं। ऐसा इसलिए नहीं क्योंकि इन दो महीनों

ओशो ध्यान या समाधि का यही अर्थ है कि हम अपनी खोल और गिरी को अलग करना सीख जाएं। वे अलग हो सकते हैं, क्योंकि वे अलग हैं। इसलिए ध्यान को मैं कहता हूं स्वेच्छा से मृत्यु में प्रवेश और जो आदमी अपनी इच्छा से मौत में प्रवेश कर जाता है, वह मौत का साक्षात्कार