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बाबा हरदेव ‘लोक’ शब्द से भ्रांति होती है। इस शब्द से जाहिर तौर पर ऐसा प्रतीत होता है कि कहीं बाहर कहीं दूर किसी गंतव्य की ओर यात्रा करनी है। मानो ‘लोक’ शब्द से भौगोलिक बोध होता है, जबकि ‘लोक’ शब्द के संदर्भ में ऋषियों का मंतव्य बिलकुल भिन्न है। इनका कथन है कि लोक

गतांक से आगे… शरभावतार-भगवान शिव का छठा अवतार है शरभावतार। शरभावतार में भगवान शंकर का स्वरूप आधा मृग तथा शेष शरभ पक्षी  का था। लिंग पुराण में शिव के शरभावतार की कथा है, उसके अनुसार हिरण्यकशिपु का वध करने के लिए भगवान विष्णु ने नृसिंह अवतार लिया था। हिरण्यकशिपु के वध के पश्चात भी जब

ओशो इसे थोड़ा समझना पड़ेगा और इसे हम न समझ पाएं, तो ईशावास्य के पहले और अंतिम सूत्र को भी नहीं समझ पाएंगे। एक चित्रकार एक चित्र बनाता है। अगर हम हिसाब लगाने बैठें, तो रंगों की कितनी कीमत होती है, कुछ ज्यादा नहीं। कैनवास की कितनी कीमत होती है। कुछ ज्यादा नहीं, लेकिन कोई

संकल्प में जहां-जहां ‘अमुक’ शब्द आया है, वहां क्रमशः विद्यमान संवत्सर, अयन, ऋतु, मास, पक्ष, तिथि, नक्षत्र, योग, दिन, सूर्यादि नवग्रहों की स्थिति वाली राशियों के नाम, अपना गोत्र तथा अपने नाम का उच्चारण करना चाहिए। ब्राह्मण को ‘शर्माअहं’, क्षत्रिय को ‘वर्माअहं’, वैश्य को ‘गुप्तोअहं’ तथा शूद्र को ‘दासोअहं’ शब्द प्रयोग करना है… -गतांक से

श्रीराम शर्मा शरीर और प्राण मिलकर जीवन बनता है। इन दोनों में से एक भी विलय हो जाए, तो जीवन का अंत ही समझना चाहिए। गाड़ी के दो पहिए ही मिलकर संतुलन बनाते और उसे गति देते हैं। इनमें से एक को भी अस्त-व्यस्त नहीं होना चाहिए। अन्यथा प्राण को भूत-प्रेत की तरह अदृश्य रूप

गुरुओं, अवतारों, पैगंबरों, ऐतिहासिक पात्रों तथा कांगड़ा ब्राइड जैसे कलात्मक चित्रों के रचयिता सोभा सिंह पर लेखक डॉ. कुलवंत सिंह खोखर द्वारा लिखी किताब ‘सोल एंड प्रिंसिपल्स’ कई सामाजिक पहलुओं को उद्घाटित करती है। अंग्रेजी में लिखी इस किताब के अनुवाद क्रम में आज पेश हैं ‘घर’ पर उनके विचार -गतांक से आगे… समाज में

श्रीश्री रवि शंकर नियमित अभ्यास दिन भर शांति और ऊर्जा तथा विकसित सजगता बनाए रखने के लिए आपके तंत्रिका तंत्र को उन्नत करके आपके जीवन की गुणवत्ता को पूरी तरह से बदल देते हैं। आप एक सुंदर व्यक्ति बन जाते हो जो किसी शर्त के बिना जीवन में विभिन्न मूल्यों को अनुकूल बनाने में समर्थ

स्वामी विवेकानंद गतांक से आगे… स्फूर्ति का चिन्ह, जीवन का चिन्ह, आशा का चिन्ह, स्वास्थ्य का चिन्ह, प्रत्येक ऐसी वस्तु का चिन्ह, जो अच्छी है, शक्ति होती है। जब तक शरीर जीवित है, शरीर में शक्ति, मन में शक्ति, हाथ में शक्ति होनी चाहिए। इस सब जादू-टोने के द्वारा आध्यात्मिक शक्ति प्राप्ति की इच्छा में

हरे चने आंखों के लिए भी बहुत ज्यादा फायदेमंद हैं। इसमें ऐसे विटामिन्स और मिनरल्ज पाए जाते हैं, जो न सिर्फ  आपकी स्किन को लाभ पहुंचाते हैं, बल्कि आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होते हैं… इन दिनों आपको बाजार में आसानी से हरे चने यानी की छोलिया मिल जाता है। हरे चने खाने