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बाबा हरदेव परमात्मा कोई दुखवादी नहीं है, बल्कि जीवन की अनिवार्यता यह है कि विपरीत से गुजरे बिना कोई अनुभव नहीं होता। इसी प्रकार मुक्ति अथवा मोक्ष की अनुभूति संसार से गुजर कर होती है। अगरचे मनुष्य वहां ही पहुंचता है, जहां यह था, लेकिन मनुष्य भिन्न होकर पहुंचता है… वैज्ञानिक सदा से कहते आए

25 फरवरी रविवार, फाल्गुन, शुक्लपक्ष. दशमी 26 फरवरी सोमवार, फाल्गुन, शुक्लपक्ष, एकादशी, आमलकी एकादशी व्रत 27 फरवरी मंगलवार, फाल्गुन,  शुक्लपक्ष, द्वादशी, भौम प्रदोष व्रत 28 फरवरी बुधवार,  फाल्गुन, शुक्लपक्ष, त्रयोदशी 1 मार्च बृहस्पतिवार, फाल्गुन,  शुक्लपक्ष, चतुर्दशी, पूर्णिमा, होलिका दहन 2 मार्च शुक्रवार, फाल्गुन, कृष्णपक्ष, प्रथमा, होली पर्व 3 मार्च शनिवार, फाल्गुन, कृष्णपक्ष, द्वितीया, संत तुका

ओशो रास को समझने के लिए पहली जरूरत यह समझना है कि सारा जीवन ही रास है। जैसा मैंने कहा, सारा जीवन विरोधी शक्तियों का सम्मिलन है। चारों तरफ  आंखें उठाएं तो रास के अतिरिक्त और क्या हो रहा है। आकाश में दौड़ते बादल हों, सागर की तरफ  दौड़ती सरिताएं हों, बीज फूलों की यात्रा

 वेद का जो ज्ञान है, उसको न मानने के कारण ही समाज में भ्रांतियां फैल रही हैं। अतः भगवद्गीता के भी संपूर्ण सत्य अर्थ जानने के लिए हमें सर्वप्रथम वेदों के अध्ययन की आवश्यकता है क्योंकि श्रीकृष्ण महाराज ने भी सर्वप्रथम वेदों का ही अध्ययन किया था… अतः हम ईश्वर के द्वारा, ईश्वर के बताए

सुजानपुर के ऐतिहासिक मैदान में मनाया जाने वाला राष्ट्रीय होली मेला प्रतिवर्ष हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। सुजानपुर का होली मेला अपने आप में उमंग और भाईचारे का प्रतीक है। यही कारण है कि प्रतिवर्ष इस मेले का आकर्षण रूप रंग प्रगति कर रहा है। इतिहास के पन्नों में अमिट छाप छोड़ता सुजानपुर का

सृष्टि के जिस नियम के विषय में हम बात कर रहे हैं, वह है जीवन और मृत्यु का नियम। जिसने जन्म लिया है, उसकी मृत्यु और मृत्यु के बाद आत्मा का दूसरे शरीर में प्रवेश करना निश्चित है। जो लोग ऐसी चीजों के बारे में जानना चाहते हैं, उनके लिए हम कुछ रहस्य बता रहे

यदि आपका उद्देश्य केवल धन कमाना नहीं है और आप खुद की बेहतरी के साथ समाज की सेवा भी करना चाहते हैं, तो समाज कार्य एक आदर्श करियर है। अगर आप के भीतर सेवाभाव है और लीक से हटकर कुछ करने की चाह है तो यह क्षेत्र आपका इंतजार कर रहा है… व्यावसायिक सामाजिक कार्यकर्ता

सत्य की खोज में लगातार आगे बढ़ते जाने का नाम ही विज्ञान है। कुछ लोग विज्ञान के इस सिद्धांत को अपने जीवन में उतार लेते हैं। माशेलकर ऐसे ही व्यक्तियों में से एक हैं। फर्श से अर्श तक की उनकी सफलता का सफर किसी के लिए भी प्रेरणा से कम नहीं। डा. रघुनाथ अनंत माशेलकर

कुश्ती में देश का नाम सबसे ऊंचा रखने का जुनून पाले जगदीश पहलवान बिना सुविधाओं के अखाड़े में कुश्ती प्रतिभाओं को तराश रहे हैं। जिला के पंजगाई स्कूल में बतौर डीपीई पद पर कार्यरत जगदीश पहलवान सुबह-शाम चैहड़ अखाड़े में तथा ड्यूटी के समय दिन में स्कूली पहलवानों को कुश्ती की बारीकियां सिखा रहे हैं…