विटामिन डी को सनशाइन विटामिन भी कहा जाता है, क्योंकि सूरज विटामिन डी का सबसे अच्छा सोर्स है। विटामिन डी की कमी के कारण हड्डियों का घनत्व (बोन डेंसिटी) कम हो सकती है, और तो और हड्डियां आसानी से टूट भी सकती हैं।
* अंडे के सफेद हिस्से में थोड़ा सा जैतून का तेल मिलाएं और इस मिश्रण को हफ्ते में दो बार बालों में लगाकर हल्के हाथों से मसाज करें। इसके बाद माइलड शैम्पू से धो लें। इससे बालों का झडऩा कम हो जाएगा और ग्रोथ भी अच्छी होगी।
एक मनुष्य को बस मनुष्य होना चाहिए, एक मनुष्य को बस मानवीय होना चाहिए, समग्र, अखंड और उस अखंडता से एक नए किस्म के स्वास्थ्य का उदय होगा। पूरब अंतर्मुखी है, पश्चिम बहिर्मुखी है। मनुष्य विभाजित है, मन विखंडित है। इसी कारण सारे महान गुरु पूरब से आते हैं और सारे महान वैज्ञानिक पश्चिम से आते हैं। पश्चिम ने विज्ञान विकसित किया है और अंदर की आत्मा को पूरी तरह से भुला दिया है, वह पदार्थ की चिंता लेता रहा, लेकिन अंदर की आत्मपरकता से अनजान बना रहा। सारा ध्यान पदार्थ पर है। इसलिए सारे महान वैज्ञानिक पश्चिम में पैदा हुए हैं। पूरब अंतरात्मा की बहुत अधिक
जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले के कटरा शहर की त्रिकुटा पहाडिय़ों पर स्थित श्री माता वैष्णो देवी मंदिर के 2024 में करीब 94.83 लाख तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए हैं। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अंशुल गर्ग ने ‘एक्स’ पर लिखा कि वर्ष 2024 में लगभग 94.83 लाख तीर्थयात्रियों ने श्री माता वैष्णो देवी मंदिर में दर्शन कि
नववर्ष के लिए प्रदेश के पांचों शक्तिपीठों को रंग-बिरंगे फूलों व लाइट्स से सजाया गया है। नववर्ष मेले के दौरान चिंतपूर्णी मंदिर 24 घंटे खुला रहेगा। नववर्ष मेले को लेकर चिंतपूर्णी को अलग-अलग सेक्टर में एरिया बांटा जाएगा। नए साल के लिए मईया के मंदिर रंग-बिरंगे फूलों और लाइट्स से सजाए गए है। इसके अलावा मंदिरों में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुख्ता प्रबंध किए है। प्रदेश के शक्तिपीठों में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुलिस कर्मी भी तैनात कर दिए है। उपायुक्त ऊना जतिन लाल ने बताया कि नए साल के मेले के लिए चिंतपूर्णी मंदिर 24 घंटे खुला रहेगा। नववर्ष पर शक्तिपीठों में मईया की विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी। इसके अलावा मईया को विशेष व्यंजनों के भोग लगाए जाएंगे। प्रदेश के पांचों शक्तिपीठों में श्री बज्रेश्वरी देवी
नए साल का आगमन हर किसी के जीवन में नई उम्मीदें, सपने और संभावनाओं का संदेश लेकर आता है। जिन लोगों की ज्योतिष में आस्था होती है, वे यह जानने के लिए हमेशा उत्सुक रहते हैं कि ग्रह-नक्षत्रों की चाल उनकी जिंदगी में कौनसे बदलाव लाएगी। उनकी लव लाइफ, पारिवारिक लाइफ, करियर, आर्थिक स्थिति और स्वास्थ्य नए साल में कैसा रहेगा? नया साल जिंदगी में कौनसी उपलब्धियां लेकर आएगा और कहां पर उन्हें सतर्क रहना होगा? ऐसे सवाल मन में उठते रहते हैं। 2025 की शुरुआत ज्योतिषीय दृष्टिकोण से बेहद खास होने वाली है, क्योंकि यह वर्ष महत्वपूर्ण खगोलीय घटनाओं और ग्रह-गोचर के कारण जीवन के हर पहलू को प्रभावित करेगा। ज्योतिष की दृष्टि से 2025 संभावनाओं और परिवर्तनों का वर्ष है। नए साल का शुभारंभ उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में और मकर लग्न
अंग्रेजों की काल गणना के अनुसार नए ईसाई वर्ष 2025 का आरंभ होने वाला है। 31 दिसंबर, 2024 की रात को 12 बजते ही नया साल शुरू हो जाएगा। कोई भी नया वर्ष एक नई शुरुआत का प्रतीक होता है। लोग इसे आत्मविश्लेषण और जीवन में सुधार का अवसर मानते हैं। अपने लक्ष्यों, आदतों और व्यवहार में सकारात्मक बदलाव के संकल्प धारण किए जाते हैं। यह आत्मविकास, प्रेरणा और नए उत्साह से भरे जीवन की ओर एक कदम बढ़ाने का समय होता है। संकल्प हमारे जीवन में परिवर्तन लाने और सफलता प्राप्त करने का सबसे प्रभावशाली साधनों में से एक है। यह केवल एक विचार या इच्छा नहीं है, बल्कि एक दृढ़ निश्चय है जो व्यक्ति को अपने ल
सोमवार को पडऩे वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं। यह वर्ष में लगभग एक अथवा दो ही बार पड़ती है। इस अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष महत्त्व होता है। विवाहित स्त्रियों द्वारा इस दिन अपने पतियों के दीर्घायु कामना के लिए व्रत का विधान है। इस दिन मौन व्रत रहने से सहस्र गोदान का फल मिलता है। शास्त्रों में इसे अश्वत्थ प्रदक्षिणा व्रत की भी संज्ञा दी गई है। अश्वत्थ यानी पीपल वृक्ष। इस दिन विवाहित स्त्रियों द्वारा पीपल के वृक्ष की दूध, जल, पुष्प
क्रिया उस प्रकार का कार्य है जो खुद को एक बिलकुल अलग आयाम पर अंकित करता है और सिस्टम में जमा हुए कर्म के अवशेषों को खत्म करने लगता है। कर्म कई तरह के होते हैं, उनकी कई अलग-अलग परतें और कई अलग-अलग आयाम होते हैं...