स्वामी रामस्वरूप यहां यह वैदिक ज्ञान प्रकट होता है कि जीव का संसार में सच्चा सखा कोई वेद एवं योग विद्या का ज्ञाता योगी ही होता है जो अपने अधिकारी शिष्य को वेद विद्या दान करके रक्षा करता है कि उसका शिष्य परम सखा, परम परमेश्वर को जानकर अर्थ,धर्म, काम, मोक्ष सिद्ध करके दु:खों के
सद्गुरु जग्गी वासुदेव स्पष्टता से सोचने का मतलब है, कि सवाल यह नहीं होना चाहिए कि किससे मुझे यह मिलेगा, किससे मुझे वह मिलेगा? इसे होना चाहिए क्या मेरा जीवन मेरे लिए कीमती है। इससे पहले कि आप अपना जीवन किसी चीज में निवेश करें, तो आपको खुद से पूछना चाहिए कि बहुत सालों बाद
हम सभी घर की सफाई करने के लिए बाजार से बहुत से प्रोडक्ट्स लाते हैं। इनमें से कुछ प्रोडक्ट्स ऐसे होते हैं जिनका इस्तेमाल करने से हमें बहुत सी खतरनाक बीमारियां हो जाती है। इसलिए हमें ऐसे प्रोडक्ट्स को कभी घर में नही रखना चाहिए क्योंकि इन उत्पादों में बहुत से ऐसे रसायन विषाक्त छुपे
बदलते मौसम में वायरल और बैक्टीरियल इन्फेक्शन तेजी से बढऩे लगता है। इन्फेक्शन की वजह से सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार, गले में खराश की समस्या हो जाती है। वायरल इन्फेक्शन एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैल सकता है और यह आमतौर पर 5-7 दिनों में खत्म हो जाता है, लेकिन बैक्टीरियल इन्फेक्शन
ओशो मनुष्य का अस्तित्व तीन तलों में विभाजित है शरीर, बुद्धि, हृदय। या दूसरी तरह से कहें तो कर्म, विचार और भाव। इन तीनों तलों से स्वयं की यात्रा हो सकती है। स्थूलतम यात्रा होगी कर्मवाद की। इसलिए धर्म के जगत में कर्मकांड स्थूलतम प्रक्रिया है। दूसरा द्वार होगा ज्ञान का, विचार का, चिंतन-मनन। दूसरा
श्रीश्री रवि शंकर सुंदरता के तीन स्तर होते हैं, संकेत, अभिव्यक्ति और प्रदर्शन। आध्यात्मिकता वह है जो सुंदरता को इंगित करती है या उसे धीरे से प्रकट करती है, यह सूक्ष्म पहलू है। कला सुंदरता को व्यक्त करती है। विज्ञान की भी सुंदरता में भूमिका है, क्योंकि विज्ञान सुंदरता को उजागर करता है। और ये
* मुलहठी को पानी में उबालकर उसका काढ़ा बना कर पीने से खांसी से आराम मिलता है। * लहसुन की कच्ची कली को गर्म दूध और हल्दी के साथ मिलाकर पीना सूखी खांसी से राहत देता है। रात को सोते वक्त इस नुस्खे को आजमाना चाहिए। * नींबू और शहद को मिलाकर पीने से खांसी
लिवर में इन्फेक्शन की समस्या को लंबे समय तक नजरअंदाज करने से आपको लिवर फेलियोर का खतरा भी रहता है। लिवर में इन्फेक्शन होने पर कई गंभीर स्थितियां जन्म ले सकती हैं। इसलिए इसे लंबे समय तक इग्नोर न करें। यह परेशानी मुख्य रूप से बैक्टीरियल और परजीवी संक्रमण के कारण होती है। इन्फेक्शन का
स्वामी विवेकानंद गतांक से आगे… द्रूत उन्नतिशील उद्धम पाश्चात्य जगत में दूर का काम करने के लिए अपनी योग्यता संतान को नियुक्त कर भारतमाता गौरवान्वित हुई थी। उन्होंने अपनी जन्मभूमि की गौरवपूर्ण कथाओं को न भूलकर भारत के संदेश की घोषणा की थी। शक्मितान, दृढ़ संकल्प, उद्यमशील स्वामी जी में अपने मत का समर्थन करने