आस्था

* एक छोटे कप पानी में 5-10 कालीमिर्च और कसा हुआ अदरक का टुकड़ा डालें। इसे उबालने के बाद छानकर इसमें आधा चम्मच शहद मिलाकर गरमागर्म पीने से सर्दी, खांसी से आराम मिलता है। * गले में सूखेपन की समस्या को दूर करने के लिए कालमिर्च पाउडर को एक चम्मच देशी घी में मिलाकर सेवन

* मकड़ी भी नहीं फंसती अपने बनाए हुए जालों में, जितना आदमी उलझता है अपने बुरे ख्यालों में * अगर मेरी कामयाबी की परिभाषा मजबूत है, तो नाकामी कभी मुझसे आगे नहीं निकल सकती * सफलता की ऊंचाई पर हो तो धीरज रखना, पक्षी भी जानते हैं कि आकाश में बैठने की जगह नहीं होती

श्रीराम शर्मा अनेक व्यक्ति थोड़ी सी कठिनाई आने पर अत्यंत अस्त-व्यस्त हो जाते हैं, घबराने लगते हैं और ठोकर पर ठोकर खाते हैं। निराशा उनके जीवन को भार बना देती है। हमारी असफलताएं अधिकांश में निराशा के अभद्र विचारों से ही प्राप्त होती है और वे अयोग्य मंत्रणाओं, भयपूर्ण कल्पनाओं के ही फल हैं। यदि

दुनियाभर में डिप्थीरिया के केस तेजी से बढ़ रहे हैं, इसे लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चिंता जाहिर की है। डिप्थीरिया एक संक्रामक बीमारी है, जिसमें मरीज को समय पर इलाज न मिलने पर जान भी जा सकती है। इसे आम भाषा में लोग गलाघोंटू कहते हैं। यह एक बैक्टीरियल इन्फेक्शन है, जो गले और

बाबा हरदेव गतांक से आगे… उपरोक्त बातें आपके जीवन में सहायक हो सकती हैं। यदि जीवन में अपनाई जाएं। हो सकता है आपके पास इससे अच्छा व सफलता लाने वाले और भी विचार होंगे। कहने का भाव है आपका जीवन है और आपने ही सहजना और संवाराना और आनंदपूर्ण बनाना है। सद्गुरु ने अपने प्रवचनों

डा. भारती तनेजा मेरे नाखून बहुत जल्दी टूटते हैं और हाथ सुंदर नहीं लगते नाखूनों को मजबूत करने के लिए क्या करूं? – नीना, कांगड़ा नाखून बने हैं प्रोटीन से इसलिए खाने में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होनी चाहिए। नाखूनों को मजबूत करने के लिए अपने खाने में विटामिन ई, विटामिन बी, फाइबर व प्रोटीन

श्रीश्री रवि शंकर राम हमारी चेतना हैं। हमारे दिल में जो प्रकाश है, वही राम है। ऐसी कथा प्रचलित है कि चैत्र नवमी के दिन ही अयोध्या में, राजा दशरथ और माता कौशल्या के पुत्र के रूप में भगवान राम का जन्म हुआ था। इसीलिए भारत में प्रत्येक वर्ष, चैत्र नवमी को राम नवमी के

14 अप्रैल रविवार, वैशाख, शुक्लपक्ष, षष्ठी 15 अप्रैल सोमवार, वैशाख, शुक्लपक्ष, सप्तमी 16 अप्रैल मंगलवार, वैशाख, शुक्लपक्ष, अष्टमी, दुर्गा अष्टमी 17 अप्रैल बुधवार, वैशाख, शुक्लपक्ष, नवमी, राम नवमी 18 अप्रैल गुरुवार, वैशाख, शुक्लपक्ष, दशमी 19 अप्रैल शुक्रवार, वैशाख, शुक्लपक्ष, एकादशी, कामदा एकादशी 20 अप्रैल शनिवार, वैशाख, शुक्लपक्ष, द्वादशी

स्वामी रामस्वरूप इसी वैदिक नियम के आधार पर योगेश्वर श्रीकृष्ण महाराज जो एक ज्ञानी विभूति हुए हैं, उनके हृदय में परमेश्वर प्रकट था। इस प्रकार श्रीकृष्ण महाराज ब्रह्मलीन थे और ऐसी ब्रह्मलीन जैसी उच्च अवस्था में प्रत्येक योगी अपने स्वरूप को भूल जाते हैं… गतांक से आगे… इस ईश्वर के अतिरिक्त संसार की रचना करने