हमारा देश गांवों का देश है। यहां पंचायती राज व्यवस्था का सुदृढ़ होना बहुत जरूरी है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गांवों की दशा सुधारने के लिए कहा था कि अगर पंचायती राज संस्थाएं उचित तरीकों से काम करती हैं और आम जन विकास के कामों में भाग लेता है, तो देश में माओवादी खतरे का मुकाबला भी किया जा सकता है।
छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में भाजपा ने मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों को लेकर जो समय लिया और इसमें उन नामों को शामिल किया जिनका जिक्र मीडिया में नाममात्र का रहा, यह भाजपा के लिए नया काम नहीं है, बल्कि ऐसा कुछ समय पहले वर्ष 2017 में उस समय भी हुआ था जब हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा प्रेम कुमार धूमल हार गए थे। तब भाजपा मुख्यमंत्री पद के लिए जयराम ठा
सुक्खू सरकार के कार्यकाल का एक वर्ष पूरा हो गया। इस एक वर्ष में सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी प्राकृतिक आपदा बरसात में भारी बारिश। इस आपदा ने विकास के मामले में पीछे भी धकेला और प्रदेश को काफी आर्थिक नुकसान भी हुआ। प्रदेश सरकार ने इसके लिए काम भी किया
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में है। लगभग चार साल पहले केंद्र सरकार ने इस धारा को हटाने के लिए काम किया था। इसके लिए कुछ लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी थी। अब इस पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के फैसले को उचित ठहराया है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों ने फैसला सुनाया है। सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि जम्मू-कश्मीर हमारे देश का अ
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 10 दिसंबर 1948 को पेरिस में एक घोषणा पत्र जारी किया था। इसमें मानवाधिकारों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए पहल की गई थी। इसमें यह चीजें थी कि दुनियाभर में किसी भी प्रकार का कोई भेदभाव न करते हुए सभी लोगों को बराबर अधिकार उपलब्ध करवाए जाएं। संयुक्त राष्ट्र ने
सन् 1972 में लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने कहा था कि भ्रष्टाचार व्यापक जोड़ तोड़, व्यक्तिगत लाभ, स्वार्थ परक राजनीति से पनपता है। इससे भ्रष्ट नौकरशाह को बढ़ावा मिलता है। इस स्थिति में सत्यनिष्ठ और ईमानदार लोगों को काम करने में कठिनाई होती है। 9 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस मनाया गया। 3
स्वच्छता का लक्ष्य और स्वच्छ भारत का सपना तब तक पूरा नहीं हो सकता, जब तक प्लास्टिक का प्रयोग शत-प्रतिशत बंद नहीं होता। हमारे देश में प्लास्टिक कचरा भी बढ़ता जा रहा है, कूड़े के ढेर में सबसे ज्यादा पॉलीथिन बैग ही नजर आते हैं। प्लास्टिक के कचरे को जला कर भी नष्ट नहीं किया जा सकता। इसे जलाने से जहरीली गैसें निकलती हैं।
हमारे देश में दिन प्रतिदिन सडक़ हादसों में जान गंवाने वालों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। देश में सडक़ हादसों में एक दिन में जितने लोग जान गंवाते हैं, उतने तो आतंकवाद के शिकार नहीं होते। या यूं कहा जा सकता है कि हमारे देश के लिए आतंकवाद से ज्यादा बड़ी समस्या सडक़ों पर बढ़ते हादसों की लग रही है। वैसे तो हर मौसम में सडक़ हादसों की गिनती कम नहीं होती, लेकिन सर्दियों के मौसम में धुंध में विजिबिलिटी कम रहने से सडक़
न कंपकंपाती ठंड की परवाह और न आग बरसती गर्मी की परवाह, बस देश की सुरक्षा इनका मकसद है। ये हैं हमारे देश की तीनों सेनाओं के जांबाज बहादुर सैनिक। जब हमारा देश आजाद हुआ था, तब भारत सरकार ने देश की सेना के जवानों की मदद के लिए एक कमेटी का गठन किया था। इसने हर वर्ष 7 दिसंबर को सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाने का निर्ण