पाठकों के पत्र

हमारे देश में हर वर्ष वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से 31 मार्च तक होता है। देश में वर्ष 1867 में अंग्रेजों ने पहली बार बजट प्रस्तुत किया था। उन्होंने 1 अप्रैल से 31 मार्च को वित्तीय वर्ष घोषित करके इसे अपनी सुविधा के लिए रखा था। तब से ही हमारे देश में वित्तीय वर्ष की परंपरा 1 अप्रैल से 31 मार्च तक चलती आ रही है। उम्मीद है कि हमारे देश के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 महत्वपूर्ण रहेगा और केंद्र में जो भी

मेरा एक सवाल है, शायद आपको पसंद आए या न आए। यह जो माननीय निर्दलीय विधायक इस्तीफा देने पर अड़े हैं, उनसे यह पूछा जाना चाहिए कि जनता पर उपचुनाव का बोझ क्यों डाला जा रहा है? जो इस चुनाव का खर्च होगा, वह कौन वहन करेगा? इस चुनाव खर्च को, इस पैसे को हम अपने प्रदेश की जनता का भला करने में भी लगा सकते थे। एक तरफ हम कहते हैं कि प्रदेश पर लोन का ब

दिव्य हिमाचल का हिंदी दैनिक समाचारपत्रों में अनूठा नाम है। गत 28 मार्च के संपादकीय पृष्ठ पर हैपीनेस गुरु पीके खुराना का लेख ‘कर करनी, कर जोड़ कर’ वर्तमान समय में भी बहुत प्रासंगिक लगा। इसके अलावा अनुज आचार्य का ‘बड़ा भंगाल : चुनौतियां अपार,

देश में आम चुनाव का मौसम है। राजनीतिक दल मतदाताओं को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं, लेकिन कुछ राजनेता अभद्र, बेतुकी बयानबाजी भी इस दौरान करते हैं। हाल ही में कंगना रनौत और ममता बनर्जी के लिए अभद्र भाषा का प्रयो

हाल ही में स्विस ग्रुप आईक्यू एयर ने विश्व भर के उन देशों की सूची जारी की है जिनमें सबसे ज्यादा प्रदूषण है। इस सूची में हमारे देश की राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली को सबसे ज्यादा प्रदूषित बताया गया है। इस सूची के अनुसार पिछले साल 134 देशों में बांग्लादे

प्रदेश की राजनीति में कांग्रेस के छह और तीन निर्दलीय विधायकों के सुक्खू सरकार का साथ छोडऩे के कारण हलचल मची हुई है। इसने आम जनता को हैरान कर दिया है और प्रदेश में ऐसा पहली बार हो रहा। इस हलचल से भाजपा को फायदा होगा या कांग्रेस

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने एक शानदार निर्देश देते हुए देश के सभी राजनीतिक दलों को यह आदेश दिया है कि जिस प्रत्याशी को भी वह संसद के लिए अपना उम्मीदवार बना रहे हैं उसका सारा आपराधिक रिकार्ड, अगर वह अपराधी है, तो चुनाव आयोग को भेजा जा

विश्व जल दिवस 22 मार्च को मनाया जाता है। विश्व के सभी विकसित देशों में स्वच्छ एवं सुरक्षित जल की उपलब्धता सुनिश्चित करवाने और जल संरक्षण के महत्व पर भी ध्यान केंद्रित करते हुए, साल 1992 में ब्राजील में रियो डी जेनेरियो में पर्यावरण तथा विका

21 मार्च को अंतरराष्ट्रीय वन दिवस मनाया गया। दुनिया भर में इस उपलक्ष्य में प्रोग्राम आयोजित किए गए। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वनों की सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से 28 नवंबर 2012 को हर वर्ष 21 मार्च को अंतरराष्ट्रीय वन दिवस के रूप में मनाने के लिए एक प्रस्ताव पा