पाठकों के पत्र

( डा. शिल्पा जैन, तेलंगाना (ई-पेपर के मार्फत) ) प्रदूषण किस स्तर पर पहुंच गया है इसका अंदाजा तब लगाया जा सकता है, जब दिल्ली में स्कूल जाते नौनिहाल मास्क लगाए दिखाई देते हैं। देश की राजधानी की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं। आज यह समस्या पूरे देश की समस्या बन गई है। बढ़ता प्रदूषण,

( सूबेदार मेजर (से.नि.) केसी शर्मा, गगल ) राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं है। सत्ता के इस खेल में कई बार खून के रिश्ते भी टूट कर बिखर जाते हैं। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव सिर पर हैं और समाजवादी पार्टी टूट कर दोफाड़ हो चुकी है। बाप-बेटा दोनों यह साबित करने पर तुले

( सुनीता पटियाल, हमीरपुर ) जब-जब भारत में आतंक ने पैर जमाने की कोशिश की, तब-तब हमारे जांबाज जवानों ने अपने पराक्रम और शूरवीरता का परिचय देकर दुश्मन को मिट्टी में मिलाया। हमारे वीर सिपाही तो तूफानों में भी दीया जलाने की हिम्मत रखते हैं, लेकिन अगर सरहद पर लड़ने वाला जवान ही भूखा हो

( डा. सत्येंद्र शर्मा, चिंबलहार, पालमपुर ) घिसी-पिटी है साइकिल, खींचातानी छोड़, हड्डी पहले घिस चुकी, पसली देगा तोड़, बीच भंवर में फंस गई, साइकिल पर बढ़ती रार, कब से पंक्चर है पड़ी, होगा कौन सवार, एक-एक पहिया बंटे, चले एक से काम, सर्कस सा मजमा लगा, बंटेंगे वोट तमाम, संकटमोचन कौन होगा, नोचन हैं

( डा. राजन मल्होत्रा, पालमपुर ) दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि अगर आम आदमी पार्टी पंजाब में सत्तारूढ़ हुई, तो अरविंद केजरीवाल उसके अगले मुख्यमंत्री होंगे। हालांकि उनके इस विश्वास की पता नहीं क्या वजह रही होगी, पर शायद मनीष सिसोदिया यह नहीं जानते कि पार्टी की जीत पर भी अरविंद

( वर्षा शर्मा, पालमपुर, कांगड़ा ) हिमाचल में बर्फबारी के पांचवें दन भी अगर जनजीवन पूरी तरह से सामान्य नहीं हो पाया है, तो इस बात की पड़ताल बेहद आवश्यक हो जाती है कि आखिर चूक कहां पर हुई। इन नाकामियों के बीच यदि मुख्यमंत्री प्रशासन को लताड़ते हैं, तो कोइर् हैरानी नहीं होनी चाहिए।

( जग्गू नौरिया, जसौर, नगरोटा बगवां ) खरियां गल्लां असां गलाणियां, बुरियां दा नी पल्लु फड़या। कांगू गरने तुड़े झरेड़, हरड़, बेहड़ा, आंवला सड़या। लाहड़ हार बंजर होये, कख नी बंदरां छड्डया। सच गलाणां पाहडि़यो मित्रो, क्या कुछ झूठ बोल्लेया। डंगर बच्छु नसन सारे, कुणी घराला भित्त खोड़या। दिखदे रहे सरीक सारे,भेद कुणी नी दस्सया।

( अमित पडियार (ई-मेल के मार्फत) ) सीमा सुरक्षा बल के जवानों को खराब खाना परोसे जाने का वीडियो उसी बल के जवान ने सोशल मीडिया पर डाला है। कहा जा रहा है कि जिस जवान ने वह वीडियो सोशल मीडिया पर डाला है, उसका व्यक्तिगत तौर पर नकारात्मक अतीत रहा है। फिर भी उस

( शगुन हंस, योल, कांगड़ा ) आपदा में सरकार हमें कितना सुरक्षित रख सकती है, यह हमें इस बर्फबारी ने बता दिया। केंद्र हिमाचल के मुश्किल समय में कितना साथ देगा, यह मुआयना करने आई उस टीम से पता चलता है, जो बिना पूरा हिमाचल घूमे भाग खड़ी हुई। एसी कमरों में बैठकर फैसले करने