पाठकों के पत्र

( अर्पित ठाकुर, बिझड़ी, हमीरपुर ) कश्मीर के गुरेज सेक्टर में दो एवलांच में शहीद होने वाले जवानों की तादाद 14 हो गई है। गुरेज में बुधवार को एक दिन में दो जगह एवलांच ने आर्मी को भारी नुकसान पहुंचाया। देश की सरहदों की हिफाजत में डटे भारत मां के इन जवानों की शहादत हर

( डा. सत्येंद्र शर्मा, चिंबलहार, पालमपुर ) पीड़ा है, दुख-दर्द है, खाने में है खोट, काला है कुछ दाल में, जले हुए हैं रोट। अति संवेदनशील है, विषय बड़ा गंभीर, चमकाते हैं बूर वो, मन में भारी पीर। सोते हैं हम, क्योंकि वे जाग रहे दिन-रात, पानी जैसी दाल है, जला हुआ है भात। नहीं

( किशन सिंह गतवाल, सतौन, सिरमौर ) भारतीय यातायात की भाग्यरेखा कही जाने वाली भारतीय रेल में यदि तीन माह के भीतर तीन हादसे हो जाते हैं, तो संबंधित मंत्रालय के लिए यह निश्चित तौर पर यह गहन चिंता का विषय होना चाहिए। आंध्रप्रदेश में हुए हादसे में करीब 40 लोगों की जान चली गई

( डा. शिल्पा जैन सुराना, वंरगल (ई-पेपर के मार्फत) ) घूंघट प्रथा एक ऐसा सवाल है, जिस पर समाज आज भी मौन है। हमारे देश में आज जहां महिलाएं पायलट हैं, आईएएस अधिकारी हैं, अन्य विभागों में उच्च पदों पर पदासीन हैं, वहीं समाज का एक बड़ा वर्ग यह कहकर इस बात से पल्ला झाड़

( रमेश सर्राफ  (ई-मेल के मार्फत) ) शनिवार की देर रात आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिला में हिराखंड एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गई। रेलवे प्रवक्ता ने कहा कि प्रारंभिक रिपोर्ट से पता चलता है कि पटरियों में फ्रैक्चर से ट्रेन बेपटरी हुई है। यह पता लगाना होगा कि पटरी तोड़-फोड़ के चलते टूटी या लापरवाही के

( डा. सत्येंद्र शर्मा, चिंबलहार, पालमपुर ) हिम का आंचल, कितना उज्ज्वल, कितना सुंदर, कितना शीतल। धरती का है स्वर्ग निराला, हिमाच्छादित पर्वतमाला। सरिता करती कलकल, कलकल, मधु से भी मीठा इनका जल। पुष्प सुगंधित महक रहे हैं, विहग डाल पर चहक रहे हैं। वृक्ष लताएं झूम रही हैं, मस्ती लिपटी, चूम रही है। नदियां

( अवतार कपूर, निहारी, कांगड़ा ) हिमाचल में प्रत्येक वर्ष डप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन (पूर्व में जेबीटी) के लिए लगभग 2800 विद्यार्थियों को सरकारी व निजी संस्थानों में प्रवेश दिया जाता है। इसके लिए विद्यार्थी की योग्यता जमा दो व न्यूनतम आयु सीमा 18 वर्ष रखी गई है। विद्यार्थियों की आयु न्यूनतम 18 वर्ष निर्धारित

( जयेश राणे, मुंबई, महाराष्ट्र ) भारतीय जवान चंदू चव्हाण को पाकिस्तान ने आखिरकार छोड़ दिया है। देशवासियों में जवान की घर वापसी से काफी राहत है। भारतीय जवानों के शरीर को छिन्न-भिन्न करने वाले पाकिस्तानी जवान गलती से उनकी सीमा में चले गए इस भारतीय जवान के साथ कैसा बर्ताव करते रहेंगे, उसकी चिंता

( डा. सत्येंद्र शर्मा, चिंबलहार, पालमपुर ) मासूमों की याद में, सब मिल रखें मौन, कुंभकर्णी नींद में प्रशासन, किसको बोले कौन? दोष दे रहे सड़क को या कोहरे को लोग, गति की थी जो तीव्रता, नहीं पकड़ते रोग। नियम फेंक कर भाड़ में, तोड़ रहे कानून, अंधे पट्टी बांधकर, चालक करते खून। शासन, खाकी