पाठकों के पत्र

( किशन सिंह गतवाल, सतौन, सिरमौर ) भारत में नोट बदली का महान अभियान सफल रहा और सब कुछ ठीक रहा। राष्ट्रहित के इस कार्य को संपन्न करने के लिए संघीय सरकार धन्यवाद की पात्र है। वास्तव में एनडीए सरकार ने पाक में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद कालेधन पर भी अचानक स्ट्राइक किया और कालाधन,

( डा. सत्येंद्र शर्मा, चिंबलहार, पालमपुर ) क्यों हंगामा कर रहा, क्या नवीन कुछ बात, कोयले की यदि दलाली, काले होंगे हाथ। काले होंगे हाथ, साथ में साथी भी हैं, उनसे भी तो पूछ, मुटल्ले हाथी भी हैं। कौन नहीं खाता यहां, चुपचाप गए डकार, सिंहासन ने दे दिया, उनको यह अधिकार। सता रहे क्यों

( सुरेश कुमार, योल, कांगड़ा  ) इंतजार था कि बर्फबारी हो और बर्फबारी हुई, तो अब इंतजार है कि कब हालात सामान्य हों। प्रदेश के नौ जिले बर्फबारी की वजह से ब्लैकआउट हो गए और अनुमान यह है कि कई जगहों पर विद्युत आपूर्ति बहाल होने में अभी दो दिन का वक्त लग सकता है।

( डा. सत्येंद्र शर्मा, चिंबलहार, पालमपुर ) सत्ता का ऐसा नशा, झूम रहा है चूर, घर में ही कुरुक्षेत्र है, कितना हुआ गुरूर। काला चश्मा चढ़ाकर, चला रहा तलवार, चाचू, बूढे़ बाप पर, कस कर किए प्रहार। बापू से हैं दूरियां, सगे बने गोपाल, पाला-पोसा क्या हुआ, फेंक दिए शिवपाल। अपने खासमखास पर, नित दिन

( राजकुंवर, मलकेहड़, पालमपुर ) क्या आज हम इतने संवेदनहीन हो चुके हैं कि एक तड़पते हुए इनसान को अस्पताल तक नहीं पहुंचा सकते या किसी मुसीबत में फंसे हुए इनसान की मदद नहीं कर सकते? क्या हमारे पास किसी दूसरे इनसान की मदद करने का समय ही नहीं बचा है? जब ऐसे वाक्य सामने

( वर्षा शर्मा, पालमपुर, कांगड़ा ) शिमला जिला की ननखड़ी पंचायत ने यदि अपनी वेबसाइट तैयार करने वाली पंचायत का रुतबा हासिल किया है, तो यह प्रदेश की दूसरी पंचायतों के लिए भी अनुकरणीय पहल मानी जाएगी। आज इंटरनेट के युग में जहां सारी दुनिया एक गांव बन चुकी है, वहां हिमाचल के हर क्षेत्र

( किशन सिंह गतवाल, सतौन, सिरमौर ) भारत ने अग्नि-4 और अग्नि-5 मिसाइल का परीक्षण क्या किया कि पड़ोसी चीन का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया। उसकी सिट्टी-पिट्टी ही जैसे गुम हो गई हो। वह धमकी भरे लहजे में कह रहा है कि भारत ने अगर अपनी हरकतें न रोकीं, तो वह पाकिस्तान को

( होशियार सिंह, नूरपुर, कांगड़ा ) अगर दो बार राज्य स्तरीय कुश्ती प्रतियोगिता में प्रिया स्वर्ण पदक जीतती है, तो फिर भी उसे राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की तैयारी के लिए सरकारी सहयोग क्यों नहीं मिलता? अगर प्रिया अपनी मेहनत के बलबूते राज्य स्तर पर दो बार स्वर्ण पदक जीत सकती है, तो तीन बार राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं

( किशन सिंह गतवाल, सतौन, सिरमौर ) लोकतंत्र में मनाना-रूठना चलता रहता है, हर बात में हर शक्स यूं ही मचलता है। मांगें पूरी करो वरना पल में होते टोपलैस बात-बात में मनचले, चढ़ते पानी की टंकी पर। मन माफिक दो नौकरी, काम चलता धमकी पर, उठाते सिर पर आसमान, सुने न कोई बात। आईआरडीपी