विचार

कर्म सिंह ठाकुर सुंदरनगर, मंडी हिमालय तथा निम्न हिमालय में करीब 27 वर्षों बाद पहाड़ों को बर्फबारी नसीब हुई है। बृहद हिमालय के साथ-साथ मध्य हिमालय से सटे क्षेत्रों में मंडी जिले में स्थित बंदलाधार, सिकंदराधार तथा मुरारी माता की पहाडि़यां बर्फ  से लदालद हो गईं। यदि यह पहाडि़यां पर्यटन मानचित्र से जुड़ी होतीं, तो

 डा. विनोद गुलियानी, बैजनाथ इस बार तो जयराम ठाकुर ने बजट में सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सचमुच गागर में सागर भर दिया है। केंद्र की सभी योजनाएं तथा गरीब सामान्य वर्ग के दस प्रतिशत आरक्षण पर मुहर लगाना, मुख्यमंत्री पोर्टल व मानिटरिंग सेल, गुणवत्ता जांच सेल, लोकतंत्र प्रहरी सम्मान आदि सराहनीय कदम

डा. जयंतीलाल भंडारी विख्यात अर्थशास्त्री चीन की अर्थव्यवस्था में धीमापन आ रहा है। चीन में आई आर्थिक मंदी एवं युवा कार्यशील आबादी की कमी के कारण बढ़ती श्रम लागत की वजह से चीन में निवेश घट रहे हैं और औद्योगिक उत्पादन में मुश्किलें बढ़ रही हैं। दुनिया के निवेशक बड़ी संख्या में चीनी बाजारों के

देवभूमि के नाम से विख्यात हिमाचल  निरंतर प्रगति के डग भर रहा है। प्रदेश की जयराम सरकार ने कई नई योजनाएं शुरू की, जिनका जनता को फायदा हो रहा है। जनमंच सरीखी पहल तो लोगों के लिए लाभकारी सिद्ध हो रही है, क्योंकि लोगों की दिक्कतों का घर-द्वार समाधान किया जा रहा है।  बेशक यह

सुखदेव सिंह लेखक, नूरपुर से हैं जरूरत है पुलिस अफसरों के अत्यधिक प्रोफेशनल होने की। मात्र जवानों की टोपियों का रंग बदल देने से उनकी जरूरतें पूरी नहीं हो जाती हैं। जब तक पुलिस अफसर को अच्छा वेतनमान और दूसरी सहूलियतें नहीं मिलेंगी, तब तक उनसे सही ड्यूटी की आस रखना एक सपना लगता है…

वरुण शर्मा पीजीटी, अंगे्रजी मार्च का महीना नजदीक आ रहा है। ऐसी स्थिति में विद्यार्थियों की मनोस्थिति परिवर्तन की लहर लिए हुए है, कारण आगामी बोर्ड परीक्षाएं हैं। यहां उन विद्यार्थियों के लिए किताबी कीड़ा जैसे शब्दों का प्रयोग करना गलत होगा, जो जी-जान से पढ़ाई में जुट गए हैं। इसमें संदेह नहीं है कि

 राजीव कुमार शर्मन, अंब अंब रेलवे स्टेशन से चंडीगढ़-दिल्ली बरेली रेलवे सुविधा उपलब्ध होने से रेलवे लाइन पुल क्रासिंग पर यातायात की अव्यवस्थाओं का आलम गहराता जा रहा है। रेलवे स्टेशन का रास्ता चौड़ा और पक्का करवाने के साथ-साथ सड़क पर बड़े रेलवे चौक की नितांत आवश्यकता है। रेलवे स्टेशन पर रेलगाड़ी की आवाजाही के

 रोहित ठाकुर, मंडी विधानसभा बजट सत्र में विपक्ष के सवाल और सत्तापक्ष के जवाब लाजिमी हैं। एक लोकतांत्रिक प्रणाली में लोकतंत्र की गरिमा रखना बेहद जरूरी है। बजट सत्र के दौरान गहमागहमी का दौर भी शुरू हो जाता है, जिसमें आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चलता है। सत्ता पक्ष को चाहिए कि बजट सत्र के दौरान

योजनाओं और घोषणाओं को आगे बढ़ाते हुए जयराम सरकार ने अपने दूसरे बजट के उच्चारण में हर जिक्र को निश्चित जगह दी है। शालीन उद्बोधन के समर्पण में फिजाओं की निशानदेही हुई है, तो आगामी चुनाव की आहट में बजट की गूंज बरकरार रखी है। बजट की निरंतरता में आत्मविश्वास भरते मुख्यमंत्री ने साहस की