विचार

पूरन सरमा  स्वतंत्र लेखक स्थानीय निकाय का चुनाव मैं जीत गया था। महापौर ने एक अत्यंत गोपनीय बैठक बुलाई और कहा-‘मित्रों, यह सामने चबूतरे पर रखी टोकरियां आप देख रहे हैं? कई चुने हुए जन प्रतिनिधि एक साथ बोले-‘हां-हां, ये ही न, जिन पर ‘विकास’ लिखा हुआ है।’ महापौर बोले-बिलकुल सही पहचाना। विकास समय की

 नागेंद्र गौतम, सुंदरनगर, मंडी दिव्य हिमाचल के 22 जनवरी के प्रकाशन में ‘जनहित में व्यय करने की जरूरत’ संपादकीय पढ़ा। आज देश का शिक्षित युवा बेरोजगारी की जंग लड़ रहा है। सरदार पटेल की ऐसी खर्चीली प्रतिमा स्थापित करने से बेरोजगारों को कोई सरोकार नहीं। वह इस बहस में भी नहीं पड़ना चाहते कि इस

 दिनेश नेगी, संधोल, मंडी सन् 1835 से पहले न कोई इनसान, न जानवर, न कोई पक्षी इतना सफल था, जितना आज है, परंतु तब भुखमरी की समस्या इतनी नहीं थी। इसके बाद मामला थोड़ा गड़बड़ हो गया। लोगों की ईमानदार रहने की प्रवृत्ति कहीं खो गई। आज भी जरूरत है उन लोगों की सेवा में

डा. भरत झुनझुनवाला आर्थिक विश्लेषक सच यह है कि मेन्युफैक्चरिंग के लिए देश को बिजली की जरूरत कम है, क्योंकि हमारा विकास मुख्यतः सेवा क्षेत्र से हो रहा है, जिसमें बिजली की डिमांड कम होती है।खपत के लिए भी बिजली की डिमांड कम है, क्योंकि छोटे उद्यमियों पर संकट है और इनके द्वारा बिजली की खपत नहीं

हीरा दत्त शर्मा लेखक, कुनिहार से हैं नैतिकता के नियमों का पालन करने के लिए राज्य सरकार का दबाव नहीं होता, बल्कि इनका पालन आत्म चेतना द्वारा किया जाता है। आत्म विश्लेषण, आत्मज्ञान एवं आत्मचिंतन में योग शिक्षा एक सशक्त माध्यम बन सकती है। नैतिकता एवं संस्कृति का पाठ बालकों को अवश्य पढ़ाया जाना चाहिए। वह विचार एवं

अमोल पालेकर बॉलीवुड के बेहतरीन अभिनेता-निर्देशक रहे हैं। सबसे पहले वह देश के सम्मानित नागरिक भी हैं। उन्हें एक कार्यक्रम में बोलने और संबोधित करने को आमंत्रित किया गया था। बेशक उन्होंने मोदी सरकार के खिलाफ कुछ कहा या सरकार पर सवाल उठाए, लेकिन अधबीच में ही उनका भाषण रोक क्यों दिया? ऐसा कैसे किया

आर्थिक सर्वेक्षण के कालखंड में तरक्की के बजटीय पैगंबर, कुछ मन्नतें और कुछ हिसाब। नागरिक उन्नति का सूचकांक हिमाचल की हकीकत में एक सदाबहार नतीजा है और कोई भी राज्य सरकार इस आंकड़े में मेहरबान और जनता कामयाब दिखाई देती है। आर्थिक सर्वेक्षण में पुनः हिमाचली जनता जीती, तो तराजू पर प्रदेश की तस्वीर लोगों

बलदेव राज शर्मा, बारीकलां ज्वालामुखी व नगरोटा विधानसभा क्षेत्र को आपस में जोड़ने वाली कंडी-थिल्ल सड़क लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 1990 में बस चलने योग्य घोषित कर दी गई थी। उसके बाद परिवहन विभाग द्वारा धर्मशाला से कंडी चलाई जा रही बस सेवा को थिल्ल-बारी तक बढ़ा दिया गया। यह नियमित चलती रही, परंतु

कर्म सिंह ठाकुर सुंदरनगर, मंडी हिमालय तथा निम्न हिमालय में करीब 27 वर्षों बाद पहाड़ों को बर्फबारी नसीब हुई है। बृहद हिमालय के साथ-साथ मध्य हिमालय से सटे क्षेत्रों में मंडी जिले में स्थित बंदलाधार, सिकंदराधार तथा मुरारी माता की पहाडि़यां बर्फ  से लदालद हो गईं। यदि यह पहाडि़यां पर्यटन मानचित्र से जुड़ी होतीं, तो