वैचारिक लेख

डा. जयंतीलाल भंडारी लेखक ख्यात अर्थशास्त्री, इंदौर से हैं केंद्र सरकार आंतरिक जल माल ढुलाई को तेजी से प्रोत्साहन देकर भारी दबाव से जूझ रहे सड़क और रेल परिवहन तंत्र को काफी राहत देने की रणनीति पर आगे बढ़ते हुए दिखाई दे रही है। गौरतलब है कि जनवरी 2018 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने व्यापक जलमार्ग

एसके भटनागर लेखक, पपरोला से हैं पहला सुझाव है कि वर्तमान डिपुओं की संख्या बढ़ाई जाए। साथ लगते गांवों-पंचायतों इत्यादि में लोगों की सुविधानुसार अलग डिपो खोलने चाहिएं, ताकि उपभोक्ताओं को राशन लेने के लिए अधिक भीड़ में अधिक दूर जाने और खाली लौटने की परेशानी से छुटकारा मिले… सार्वजनिक वितरण प्रणाली द्वारा डिपुओं में

डा. भरत झुनझुनवाला लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं बाजार में श्रमिक के सच्चे वेतन में वृद्धि हासिल करने के लिए विशेष कदमों की जरूरत है। आर्थिक विकास से सहज ही सच्चे वेतन में वृद्धि नहीं होती है। आर्थिक विकास और श्रमिक के वेतन का जो अलगाव है उसका मूल कारण है कि हम अधिकाधिक

प्रकाश शर्मा लेखक, सिरमौर से हैं इस सांस्कृतिक अवनति का कारण सामुदायिक चेतना में आई कमी के साथ-साथ हमारी वर्तमान शिक्षा व्यवस्था भी है, जो लोक कलाओं के संरक्षण का सामयिक प्रशिक्षण दे पाने में असमर्थ रही है। वास्तव में शिक्षा क्षेत्र में बढ़ते बाजारीकरण ने ऐसी संभावनाओं को ही समाप्त कर दिया है। अपनी

कुलदीप नैयर लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं इस तरह की घटनाएं जब भी होती हैं, लिंचिंग और लोगों पर हमले सहित, निर्विवाद रूप से मुसलमान व दलित तथाकथित गौ रक्षा के नाम पर हिंसा के शिकार हुए हैं। अपने समाज को बहुलतावादी बनाने की दिशा में हमारे प्रयासों पर यह दुखदायी टीका-टिप्पणी है। महात्मा गांधी अपनी

किशन चंद चौधरी लेखक, कांगड़ा से हैं प्रदेश सरकार के अनुसार जनमंच ने आम जनता की समस्याओं एवं अन्य मामलों को प्रशासन व सरकार के समक्ष उठाने के लिए ऐसा बेहतर मंच प्रदान किया है, जिसमें आम जनता को घर-द्वार पर ही समस्याओं का शीघ्र निपटारा करने में सहायता मिलेगी… प्रदेश सरकार की अनूठी पहल के

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं ममता बनर्जी तो दहाड़ रही हैं कि यदि इन अवैध बांग्लादेशियों को बाहर निकाला, तो देश में गृहयुद्ध छिड़ जाएगा। खून की नदियां बह जाएंगी। कांग्रेस नरेश राहुल गांधी कह रहे हैं कि भाजपा मुसलमान विरोधी है, इसलिए वह इस प्रकार की हरकतें कर रही है। मुलायम

सुखदेव सिंह लेखक, नूरपुर से  हैं आज का युवा लक्ष्यहीन बनकर कई नशों की लत में फंसता जा रहा है। स्कूल, कालेज के छात्रों के लिए शराब, नशीली दवाइयां, कोकीन, चरस, गांजा और अफीम आदि का सेवन करना आम बात है। इसी वजह से आज हिमाचल में भी बलात्कार, चोरी, हत्याएं और छेड़छाड़ के मामलों

प्रो. एनके सिंह लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं एक सर्वे में यह तथ्य सामने आया कि 59 फीसदी ग्रामीण तथा 41 फीसदी शहरी जनसंख्या सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही चिकित्सा सुविधाओं से असंतुष्ट है। 45 फीसदी लोगों के अनुसार चिकित्सा स्टाफ रिश्वत मांगता है। पूरे देश के रूप में विचार