वैश्विक महामारी कोरोना ने जब सारी दुनिया को दहशत में डाल दिया था, अमरीका, जर्मनी और अन्य बड़े बड़े देश भी इस महामारी से दहशत में आ गए थे और सारी दुनिया ने इससे बचने के लिए लॉकडाऊन लगा दिया था। उस दहशत भरे माहौल में दुनिया यह कह रही थी कि जल्दी से जल्दी इससे निपटने के लिए कोई दवा तैयार होनी चाहिए, इसके लिए लगभग सभी देशों ने प्रयास भी किए, बहुत से एक्सपेरि

देव भूमि हिमाचल की पहचान पर्यटन उद्योग के रूप में सारे विश्व में है। राज्य में पर्यटन उद्योग का योगदान यहां की जीडीपी में लगभग दस प्रतिशत के आसपास है। हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम पूरे राज्य में 55 होटलों का संचालन करता है, लेकिन इसी वर्ष 12 मार्च को निगम द्वारा जारी पत्र निगम की माली हालत को व्यक्त कर रहा है। चिंता का विषय है कि निगम के इन होटलों में लगभग 31 होटल घाटे में कार्य कर रहे है। निगम अपने कर्मचारियों को समय पर वेतन भी नहीं उपलब्ध करवा पा रहा है। हाल ही में प्रदेश विधा

प्रदेश हाई कोर्ट ने धर्मशाला के पूर्व विधायक सुधीर शर्मा द्वारा मुख्यमंत्री सुक्खू के खिलाफ दायर मानहानि से जुड़े मामले में नोटिस जारी किया है। हाई कोर्ट के एडिशनल रजिस्ट्रार ने इस मामले में प्रतिवादी बनाए सीएम सुक्खू को इस मानहानि से जुड़े दीवानी मुकद्द्मे का नोटिस जारी किया। सुधीर शर्मा ने इससे पहले एक लीगल नोटिस जारी कर मुख्यमंत्री से माफी मांगने और मुआवजे के तौर पर पांच करोड़ रुपए की मांग की थी। सुधीर शर्मा का आरोप है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने भाषणों में बार-बार उन पर कीचड़ उछाला व कई अपमानजनक टिप्पणियां कीं, जिससे उनकी मानहा

हिमाचल में कांग्रेस बदल रही है और यह कोशिश आलाकमान का सजदा कर रही है। चुनावी परिदृश्य में कांग्रेस खुद से संघर्ष करती हुई यह बताना चाहती है कि उसे बाह्य स्थिति से कहीं अधिक आंतरिक सत्ता की जरूरत है। जरूरत आलाकमान के फरमान को मोहरों पर खेल रही है और जहां मकसद जीत-हार से कहीं आगे नए स्थापत्य में खुद के गुमशुदा हालात में खोजने कहीं अधिक है। इसलिए जिन्हें आश्चर्य है कि अचानक पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा अचानक कहां से कांगड़ा के उजड़े चमन में नई बहारों के लिए उतार दिए गए, वे गलत सोच रहे हैं। दरअसल यह नए लफ्जों, नए वादों और नई शक्ल-सूरत में प्रदेश की पुरानी कांग्रेस को संबोधित करने का प्रयास है। जिस पार्टी को छह विधायकों के रुखसत होने पर भी आत्मविश्लेषण की जरूरत नहीं, वह अब चमत्कार पर विश्वास कर सकती है। इसलिए

हमारी सोच बदली कि नहीं, हमारी नीयत बदली कि नहीं, हमारा व्यवहार बदला कि नहीं, यह पैमाना है आध्यात्मिकता का। आध्यात्मिक हो गए तो संत हो गए। संत हो गए तो दुनिया की सेवा में लग गए। दुनिया की सेवा में लग गए तो सूर्य के चारों ओर के चक्कर वाला चरण पूरा होने लग गया। हम परिवार को समय दें, परिवार के लिए कुछ करें, और लगातार करते रहें, यह हमारी धुरी पर हमारा चक्कर है। हम समाज को समय दें, समाज के लिए कुछ करें, और लगातार करते रहें, यह समाज रूपी सूर्य के चारों ओर हमारा चक्कर है... भूगोल हमें बताता है कि हमारी पृथ्वी चपटी और गो

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिन्दल ने कहा कि हिमाचल में कांग्रेस पार्टी की हालत ‘खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे’ वाली हो गई है। कांग्रेस पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने अनेक स्थानों पर अपने हृदय का दुख व्यक्त करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार कांग्रेस संगठन की नहीं सुनती है, न ही संगठन को सरकार में कोई महत्व मिलता है। उन्होनें अपनी व्यथा व्यक्त करते हुए कहा कि

जय मां चामुंडा, कीजिए सुबह की शुरुआत माता की पवित्र आरती के साथ 02 मई 2024

कोरोना वैश्विक महामारी से जुड़ी एक खबर हम सभी को चिंतित, व्यथित कर सकती है, लेकिन चिकित्सकों ने इसे घबराहट का मुद्दा न मानने की सलाह दी है। दुनिया में कोरोना महामारी के दौरान ब्रिटेन की कंपनी एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने एक टीके का आविष्कार किया था। उस टीके को भारत में ‘कोविशील्ड’ के नाम से सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने बेचा और वितरित किया। चूंकि इतने लंबे अंतराल के बाद ब्रिटिश मीडिया के जरिए यह खुलासा हुआ है कि एस्ट्राजेनेका के टीके से खून में थक्के जम सकते हैं और व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ सकता है। कंपनी ने अदालत में यह स्वीकार भी किया है, लेकिन

बदी पर नेकी की, झूठ पर सच की और बुराई पर भलाई की जीत की बात ही पढ़ते आए थे। जब से हमने होश संभाली, तभी से पाठशाला को मन्दिर सम माना जाता था, और गुरु वन्दना का तो बाकायदा एक दिन निर्धारित होता ही था। देखते ही देखते जब हमारी उम्र ने गुजरने की रफ्तार पकड़ी तो ये सब विश्वास, मूल्य और मान्यताएं भी अपना रूप बदल गयीं। पहले सुना था कि केवल गिरगिट ही रंग बदलता है, लेकिन अब अगर हर मौसम, हर दिन या हर पल रंग न बदल पायें तो उसके लिए कहोगे कि जा रे जमाना। ज