भूपिंदर सिंह

हिमाचल प्रदेश में इस समय हर जिला स्तर सहित कई जगह उपमंडल स्तर पर भी इंडोर स्टेडियम बन कर तैयार हैं, मगर उन स्टेडियमों में बनी प्ले फील्ड का उपयोग प्रशिक्षण के लिए खिलाडि़यों को ठीक से करना नहीं मिल रहा है। वहां पर अधिकतर शहर के लाला व अधिकारी अपनी फिटनेस करते हैं… अंतरराष्ट्रीय

केंद्र व केरल सरकार की तर्ज पर प्रशिक्षकों को भी खिलाड़ी की तरह नगद ईनामी राशि व अवार्ड मिलना चाहिए। आप हर विद्यार्थी को फिटनेस के लिए खेल मैदान में ले जाएंगे, उनमें से जरूर कुछ अच्छे खिलाड़ी भी मिलेंगे। प्रतिभा खोज के बाद पढ़ाई के साथ-साथ प्रशिक्षण के लिए अच्छी खेल सुविधाएं मुहैया कराई

खिलाड़ी को तैयार करने में प्रशिक्षक की भूमिका जब बेहद जरूरी है तो फिर हम उसे सामाजिक व आर्थिक रूप से निश्चिंत कर शारीरिक व मानसिक पूरी तरह अपने प्रशिक्षण पर केंद्रित क्यों नहीं होने देते। भर्ती-पदोन्नति नियमों में संशोधन होना चाहिए… जब राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ी करोड़ों लोगों में स्वयं व अपने

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक पिछले खत्म हुए साल के आखिरी माह में जब आशीष चौधरी दो महीने के यूरोपीय दौरे के बाद वापस एक सप्ताह के लिए घर छुट्टी आया तो खेल मंत्री राकेश पठानिया से मिला और अपनी ट्रेनिंग व ओलंपिक तक की भावी प्रतियोगिताओं के बारे में चर्चा की थी। खेल मंत्री

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक इस सबके लिए विद्यालय स्तर पर विद्यार्थियों की सामान्य फिटनेस का मूल्यांकन कर उसमें सुधार के लिए सुझाव देकर सुधार करवाने के लिए ‘फिटनेस मूल्यांकन व सुझाव कार्यक्रम’ की शुरुआत जल्द ही करनी चाहिए। इस कार्यक्रम के अतंर्गत विद्यालय के हर विद्यार्थी का साल में तीन बार विभिन्न शारीरिक क्षमताओं

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक पूरे संसार में खिलाडि़यों के लिए महाविद्यालय स्तर पर उच्च स्तरीय खेल सुविधाएं उपलब्ध हैं क्योंकि यही उम्र होती है जहां से खिलाड़ी को स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की जरूरत होती है। महाविद्यालय प्रशासन को चाहिए कि वह अपने स्तर पर भी खेल आगे बढ़ाने के लिए प्रयास करे। हिमाचल प्रदेश

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक क्या हिमाचल सरकार पंजाब, गुजरात आदि राज्य की तरह उत्कृष्ट खेल परिणाम दिलाने वाले प्रशिक्षकों को यहां लगातार कई वर्षों के लिए अनुबंधित  कर  प्रदेश के खिलाडि़यों को राज्य में ही प्रशिक्षण सुविधा दिला कर खेल प्रतिभा का पलायन रोक नहीं सकती है। इससे प्रदेश में खेल वातावरण बनेगा, साथ

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक हिमाचल प्रदेश में बहुत कम प्रशिक्षण केंद्र हैं। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाला खिलाड़ी बनने के लिए स्कूल व कालेज समय में खिलाड़ी को अच्छी खेल सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए। पूरे संसार में जहां के खिलाड़ी श्रेष्ठ हैं, वहां पर स्कूल व कालेज स्तर पर बहुत ही उत्तम खेल सुविधाएं मुहैया

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक 2015 से आशीष लगातार राष्ट्रीय क्रीड़ा संस्थान पटियाला में चल रहे राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर में गहन प्रशिक्षण प्राप्त कर रहा है। 2017 में हिमाचल प्रदेश सरकार ने आशीष को खेल आरक्षण के अंतर्गत मंडी जिला की धर्मपुर तहसील के कल्याण अधिकारी की नौकरी दी है। आशीष के पिता जी का

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक आज कौन देश कितना हर क्षेत्र में आगे  है, इस बात का पता ओलंपिक की पदक तालिका से  चलता है जहां विकसित देश ही ऊपर होते हैं। विकसित देशों ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी व चिकित्सा के साथ-साथ खेल क्षेत्र में काफी प्रगति की है। मानव की वृद्धि व विकास जानने के