भूपिंदर सिंह

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय स्तर पर कुछ एक खेलों को छोड़ कर अधिकांश बार पिछड़ा ही रहा है। हिमाचल हो या देश का कोई अन्य राज्य, उत्कृष्ट प्रदर्शन करवाने के लिए केवल प्रशिक्षक ही मुख्य किरदार दिखाई देता है। यही कारण है कि भारत का खेल मंत्रालय व कई राज्य भी

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक धर्मशाला साई खेल छात्रावास की धाविका रिचा शर्मा ने राष्ट्रीय महिला खेलों की 200 मीटर दौड़ में रजत पदक जीता है तथा हमीरपुर की रिशु ठाकुर ने 100 मीटर की दौड़ में चौथा स्थान प्राप्त किया था। हमीरपुर के विजय कुमार शर्मा ने पहली बार 1981 में कनिष्ठ राष्ट्रीय स्तर

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक हिमाचल प्रदेश सरकार ने भी बिलासपुर व ऊना में विभिन्न खेलों के लिए छात्रावास चलाए हैं। बिलासपुर से महिला कबड्डी में पहले स्वर्गीय दौलत व उसके बाद रतन ठाकुर ने अच्छा प्रशिक्षण कार्यक्रम चला कर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक अच्छे परिणाम दिए हैं। एशिया स्तर पर पदक विजेता रितू नेगी सहित

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक राजस्व विभाग को चाहिए था कि वह खेल कोटे के सभी पास प्रतिभागियों की सूची मैरिट तय करने के लिए खेल विभाग को भेजता, जैसा सभी विभाग करते हैं। राजस्व विभाग लिखित परीक्षा में सबसे अधिक अंक प्राप्त खिलाड़ी प्रतिभागी को सीट दे देता है, यह भी नहीं जानता कि

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक देश के लिए पदक विजेता प्रदर्शन करवाने वाले नामी प्रशिक्षकों को अब भारत सरकार का खेल मंत्रालय भी दो लाख रुपए राशि प्रति माह की सीमा को हटा करके विदेशी प्रशिक्षकों के बराबर एक करोड़ रुपए से अधिक वार्षिक सम्मानजनक राशि पर अनुबंधित करने की बात कर रहा है। गुजरात

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक पिछले कुछ दशकों से हिमाचल प्रदेश के नागरिकों की फिटनेस में बहुत कमी आई है। इसका प्रमुख कारण है विद्यालय स्तर पर विद्यार्थियों के लिए किसी भी प्रकार के फिटनेस कार्यक्रम का न होना। रट्टे वाली पढ़ाई की होड़ में हम विद्यार्थियों की फिटनेस को ही भूल गए हैं। हिमाचल

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक एथलेटिक्स में स्वर्गीय बलदेव सिंह, जीआर मेहता व स्वर्गीय सतीश कुमार ने यहां से अच्छे धावक व धाविकाओं को प्रशिक्षित कर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर का सफर तय करवाया है। अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी पदमश्री व अर्जुन अवार्ड से सम्मानित अजय ठाकुर व धावक अमन सैनी बिलासपुर साई खेल छात्रावास की

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक ओलंपिक जैसी बड़ी प्रतियोगिता की तैयारी के लिए बहुत अधिक संसाधनों व धन की आवश्यकता होती है। राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर में किसी हद तक संसाधन व प्रशिक्षक तो मिल जाते हैं, मगर फिर भी इस सबसे अलग खिलाड़ी को अन्य कई प्रकार के खर्चों के लिए धन की जरूरत होती

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक 50 प्रतिशत युवा संयोजक व 25 प्रतिशत पद हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से भरे जाते हैं। प्रशिक्षक बनने की योग्यता बहुत कठिन है। स्नातक डिग्री के साथ जो प्रतिभागी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हो या तीन बार वरिष्ठ राष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रतिनिधित्व किया हुआ हो या शारीरिक शिक्षा में

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक हिमाचल प्रदेश की जनता  पठानिया को द्रोणाचार्य अवार्ड मिलने पर बधाई देती है तथा अपेक्षा करती है कि वह हिमाचल प्रदेश से हाकी में अर्जुन अवार्डी तैयार करें। इससे पहले पिछले वर्ष जुडो में ऊना जिले के जीवन शर्मा को द्रोणाचार्य अवार्ड मिला है। हिमाचल प्रदेश सरकार से अपेक्षा रहेगी