नई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जिस बंगले में रहते थे उसके जीर्णोद्धार में हुई कथित गड़बड़ी को लेकर केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने जांच के आदेश दिए हैं। केजरीवाल मुख्यमंत्री रहते हुए...
मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता विक्की कौशल और रश्मिका मंदाना की फिल्म ‘छावा’ बड़े पर्दे पर रिलीज हो गई है। फिल्म ने पहले ही दिन 30 करोड़ से अधिक का बिजनेस कर लिया है। यह विक्की कौशल की पहले ही दिन अब तक की सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्म बन गई है। यह फिल्म छत्रपति शिवाजी
छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं की बोलेरो उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ जा रही थी हादसे का शिकार हो गई। बोलेरो और बस की टक्कर में 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि 19 श्रद्धालु घायल हुए हैं। सभी कोरबा जिले के थे और श्रद्धालु संगम स्नान करने के लिए जा रहे थे। हादसा प्रयागराज-मिर्जापुर...
कुल्लू। हिमाचल में मौसम ने एक बार फिर से करवट ली है। मैदानी इलाकों में जहां आसमान में सुबह से ही बादल छाए हुए हैं, वहीं पहाड़ों पर बर्फबारी का दौर शुरू हो गया है। प्रदेश के जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति में मौसम ने एक बार फिर करवट बदली है। शनिवार सुबह से ही लाहुल-स्पीति की ऊंची चोटियों में बर्फबारी शुरू हो गई थी, वहीं विश्व पटल में प्रसिद्ध अटल टनल रोहतांग के नोर्थ और साउथ पोर्टल में भी बर्फबारी शुरू हो गई है। अब तक सिस्सू क्षेत्र में बर्फ हल्की पड़ी है। एटीआर टनल के पास भी हल्की बर्फबारी हुई है। लाहुल...
हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग के पेपर लीक मामले में फंसी भर्तियों को लेकर शनिवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में फैसला हो सकता है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में यह बैठक होगी और इस बैठक से ठीक पहले मुख्यमंत्री ने ड्राइंग मास्टर समेत अन्य पोस्ट कोड को लेकर मामला कैबिनेट में लाने को कहा है। कार्मिक विभाग शुक्रवार को यह एजेंडा नोट तैयार करने में लगा रहा। हालांकि कैबिनेट में इस पूरे मामले की पूरी हिस्ट्री रखी जा रही है। इससे पहले इस मुद्दे को लेकर बनाई गई कैबिनेट सब-कमेटी ने कुल सात पोस्ट कोड को क्लियर कर दिया था। हिमाचल सरकार केंद्र से कालका-शिमला फोरलेन का दायरा किन्नौर तक बढ़ाने की सिफारिश करेगी। इस निर्माण में ज्यादा सुरंगों को प्राथमिकता देने का आह्वान किया जाएगा। केंद्र सरकार सरकार के समक्ष चीन से लगती सीमाओं तक सैन्य वाहनों के पहुंचने का तर्क प्रमुखता से रखा जाएगा। ताकि केंद्र सरकार इस परियोजना को आगे बढ़ाने का कदम जल्द उठाए। यह बात पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कही है। उन्होंने शुक्रवार को कैंथलीघाट-शकराल के मध्य निर्माणाधीन पुल और सुरंग का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने एनएचएआई के अधिकारियों से सुरंग में सुरक्षा और स्थानीय लोगों के मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया।
यशोदा को पौराणिक ग्रंथों में नंद की पत्नी कहा गया है। भागवत पुराण में यह कहा गया है कि देवकी के पुत्र भगवान श्रीकृष्ण का जन्म देवकी के गर्भ से मथुरा के राजा कंस के कारागार में हुआ। कंस से रक्षा करने के लिए जब वासुदेव जन्म के बाद आधी रात में ही उन्हें यशोदा के घर गोकुल में छोड़ आए तो उनका पालन पोषण यशोदा ने किया। भारत के प्राचीन धार्मिक ग्रंथों में बालक कृष्ण की लीलाओं के अनेक वर्णन मिलते हैं, जिनमें यशोदा को ब्रह्मांड के दर्शन, माखनचोरी और उसके आरोप में ओखल से बांध देने की घटनाओं का सूरदास ने सजीव व
रामायण और महाभारत का भारतीय जीवन पर गहरा प्रभाव रहा है। एक आस्थावान भारतीय अपने जीवन की विभिन्न परिस्थितियों में रामायण और महाभारत के प्रसंगों के साथ जुड़ाव महसूस करता है। इनसे उसे अपने जीवन की कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना करने का साहस मिलता है। रामायण-महाभारत से जुड़ी ऐसी अनेक कथा-कहानियां हैं, जिनसे जुड़े हुए साक्ष्य और स्थान आज भी मिलते हैं। रामायण-महाभारत में जिन जगहों का उल्लेख मिलता है, वो वर्तमान में भी हैं। उनमें से कई जगहों के नाम बदल दिए गए हैं। रामायण और महाभारत से संबंधित इन महत्त्वपूर्ण स्थानों के बारे में यदि हम विस्तृत जानकारी प्रा
शबरी का उल्लेख रामायण में भगवान श्री राम के वनगमन के समय मिलता है। शबरी को श्री राम के प्रमुख भक्तों में गिना जाता है। अपनी वृद्धावस्था में शबरी हमेशा श्री राम के आने की प्रतीक्षा करती रहती थी। राम उसकी कुटिया में आएंगे, इसी बात को ध्यान में रखते हुए वह अपनी कुटिया को सदैव साफ-सुथरा रखा करती थी। ‘प्रभु आएंगे’, ये वाणी सदा ही उसके कानों में गूंजा करती थी। सीता की खोज करते हुए जब राम और लक्ष्मण शबरी की कुटिया में आए, तब शबरी ने बेर खिलाकर उनका आदर-सत्कार किया। यह
उन्होंने करुणापूर्ण हंसी के साथ मेरी ओर स्नेहपूर्ण दृष्टि से देखा, मानों मैं एक सरल, अज्ञानी शिशु की तरह प्रश्र पूछ रही थी। बाद में वे धीरे भाव से बोले, तुम्हारे विषय में किसी ने भी कुछ नहीं कहा। क्या किसी से सुनना ही चाहिए। ऐसी बात तो नहीं है। मैंने तुम्हारे हृदय का पुस्तक की तरह पाठ किया। जब मैं उनसे विदा ले रही थी तो वे खड़े होते हुए बोले, तुम पिछली बातें भूलने की चेष्टा करो और विचार विमर्श भाव को दूर कर चित्त को सदा प्रसन्न रखो। सब प्रकार से यत्न करके स्वास्थ्य की रक्षा करो। अपने रोके हुए भावों या वेग को दूसरे पथ से बाहर निकाल दो। धर्म ही जीवन की स्वाभाविक स्वच्छंदता के लिए यही
मेले सदियों से मानव जीवन का अभिन्न अंग रहे हैं। कुंभ मेला, सबसे पुराने और भव्य आध्यात्मिक उत्सवों में से एक है, जो मानवता के उत्थान और व्यक्तिगत जीवन में पूर्णता के सांझा उद्देश्य के लिए उन लोगों को एक साथ लाता है जो कुछ नहीं चाहते और जो बहुत कुछ चाहते हैं। कुंभ शब्द पूर्णता का प्रतीक है। शायद इसीलिए आत्म साक्षात्कार प्राप्त संतों और ऋषियों को कुंभ भी कहा जाता है। जो लोग वास्तव में पूर्ण होते हैं वे अकसर भीड़ से दूर एकांत में रहते हैं। हालांकि, कुंभ मेला एक ही स्थान पर संतों और गुरुओं से मिलने का एक दुर्लभ अवसर प्रदान करता है। यहां ज्ञान, ध्यान और शिक्षाएं सहज रूप से सुलभ हैं। यह सूक्ष्म और स्थूल क्षेत्रों, प्रकट और अव्यक्त के बीच संबंध का अनुभव करने और प्रबुद्ध योगियों और साथी साधकों की उत्थान और पवित्र ऊर्जा से अनुग्रहि