कर्म सिंह ठाकुर

पिछले कुछ समय से यह देखने को मिल रहा है कि हिमाचल प्रदेश में कई वर्षों से युवा कंपीटीशन की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन उन्हें नौकरी नहीं मिल पा रही है। कहीं न कहीं इसके पीछे उनकी अध्ययन सामग्री व उनकी कार्य के प्रति लगन जिम्मेदार हो सकती है। यदि आप तन-मन-धन से अपनी

कर्म सिंह ठाकुर, लेखक सुंदरनगर से हैं इस समस्या से बचने का एकमात्र तरीका है कि प्रदेश के किसानों को जैविक खेती की तरफ  ले जाकर खेतीबाड़ी की बुझती लौ को पुनः जगाया जाए। जैविक खेती स्वास्थ्यवर्द्धक, खेती की उपजाऊ क्षमता व संरक्षण में सहायक है, वहीं रोजगार के नए दरवाजे खोलने में भी सहायक हो

कर्म सिंह ठाकुर लेखक सुंदरनगर से हैं ऐसे में प्रदेश सरकार इन विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन के लिए प्रदेशवासियों के डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड की तरफ  भी ध्यान दे तो आने वाले समय में एक मोबाइल क्लिक से ही पूरा स्वास्थ्य विवरण डाक्टर के सामने आ जाएगा, जिससे डाक्टर भी सही ढंग से डायग्नोज करने

कर्म सिंह ठाकुर लेखक सुंदरनगर से हैं हिमाचल जैसे पहाड़ी प्रदेश में उच्च शिक्षा के संस्थानों की बहुत कमी है।  हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय समरहिल तथा केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला में हजारों डिग्री धारक छात्र हर वर्ष उच्च शिक्षा के लिए आवेदन करते हैं, लेकिन सीटों की संख्या कम होने के कारण उन्हें निराश होना होना पड़ता