डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार रपट में कहा गया कि अब तक राज्य सरकार ने अवैध तरीके से कब्जायी गई 27 लाख कनाल सरकारी भूमि में से 348160 कनाल भूमि के मालिक कब्जाधारियों को बना दिया है। सरकारी नियम के अनुसार इनसे भूमि की कीमत के तौर पर 317.54 करोड़ रुपया लिया जाना था।
डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार अब इन सभी ने मिल कर जम्मू-कश्मीर को पुराने कैदखाने में लाने के लिए पीपुल्स एलायंस बनाया है। बड़ों की बड़ी बातें। बस इतना ही कि इस एलायंस में शेख भी हैं, सैयद भी, चीन भी है और पाकिस्तान भी। नहीं हैं तो कश्मीरी नहीं हैं, दलित नहीं हैं,
डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार कम्युनिस्ट चीन ने भारतीय मीडिया को एक और सूचना भी दी। उसका कहना था कि भारत सरकार का भी यही मत है कि कम्युनिस्ट चीन की सरकार ही असली सरकार है। कम्युनिस्ट चीन की हिमाकत की यह हद ही कही जाएगी कि वह भारतीय मीडिया को बता रहा है
डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार गांधी के लिए गीता हर प्रकार की परिस्थिति में कर्त्तव्य बोध कराने वाला वैश्विक ग्रंथ था, लेकिन नेहरू की दृष्टि में एक मजहबी किताब से ज्यादा उसकी कोई कीमत नहीं थी। गांधी हजार साल की गुलामी के बाद आजाद हुए भारत का नया ताना-बाना भारतीय रास्ते में से ही
डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार अलबत्ता फारूक अब्दुल्ला ने अपनी पारिवारिक परंपरा को निभाते हुए एक ध्यान रखा है। वह बात सदा अपने कुनबे के हित की करते हैं लेकिन नाम आम कश्मीरियों का लेते हैं। यदि ऐसा न होता तो नेशनल कान्फ्रेंस के पास जब सत्ता आती है तो सदा परिवार में ही
डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार कंगना रणौत ने शिव सेना की उसी धुएं की चादर पर फूंक मार दी थी। यह चादर उड़ गई तो शिव सेना क्या करेगी? इसलिए शिवसेना अपनी उस चादर को बचाने के लिए जी जान से लगी हुई है। लेकिन शायद फिल्मी जगत में भी हड़कंप मच गया है
डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार बाबा साहेब का अभिमत स्पष्ट है। शिक्षा जनहितकारी होनी चाहिए। शिक्षा से प्राप्त योग्यता का उपयोग वंचित समाज के कल्याण के लिए किया जाना चाहिए, न कि उसके शोषण के लिए। शिक्षा का उद्देश्य बहुजन हिताय बहुजन सुखाय होना चाहिए, न कि स्व हिताय स्व सुखाय। यही कारण है
डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार स्पष्ट है तिब्बत से विश्वासघात किए जाने से चीन की सेना लद्दाख की सीमा पर पहुंच जाएगी। उन दिनों लद्दाख जम्मू-कश्मीर का ही हिस्सा था। चीन की ओर संकेत करते हुए ही अंबेडकर कहते हैं, ‘कोई भी विजेता यदि कश्मीर पर अधिकार कर लेता है तो वह सीधा पठानकोट
डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार राहुल गांधी ने कहा कि चिट्ठी लिखने वाले भारतीय जनता पार्टी के संपर्क में हैं। भाजपा के इशारे पर ही चिट्ठी लिखी गई है। इसका अर्थ यह हुआ कि सोनिया परिवार का यह निष्कर्ष है कि इस देश में माई कन्ट्री की चिंता केवल भाजपा करती है तो यकीनन