हमीरपुर। हिमाचल प्रदेश में हमीरपुर जिले के विभिन्न गांवों में गेहूं के पौधों पर पीला रतुआ रोग लग जाने से किसान और कृषि विभाग के अधिकारी परेशान हैं। पीला रतुआ रोग गेहूं की फसल की पत्तियों पर पाउडर या मिट्टी...
सुंदरनगर के संजय सकलानी ने तैयार की फसल, दो किलो बीज से 40 किलो उत्पादन स्टाफ रिपोर्टर—सुंदरनगर मधुमेह, कैंसर, डायबीटीज, मोटापा और तनाव जैसी बीमारियों से काला गेहूं निजात दिलाएगा। सुंदरनगर के प्रगतिशील किसान संजय कुमार सकलानी ने काले गेहूं की फसल तैयार कर ली है। मात्र दो किलो काले गेहूं के बीच से उन्होंने
मंडी जिला के पंजयाणु गांव की महिलाएं बनी मिसाल खेती को दिया बढ़ावा स्टाफ रिपोर्टर—शिमला हिमाचल प्रदेशके पहाड़ों की ओट में बिखरे पड़े खेत-खलिहानों में प्राकृतिक तौर पर उपजाई जा रही फसलें आज हर किसी को आकर्षित कर रही हैं। बिना किसी रसायन उर्वरक के उपयोग अथवा कीटनाशक के छिडक़ाव के बजाय पूरी तरह प्राकृतिक
तरगाड़ी गांव की महिला किसान अनिता नेगी ने पेश की मिसाइल, राज्यपाल ने भी की तारीफ मोहर सिंह पुजारी-कुल्लू प्राकृतिक खेती के लिए पहले परिवार से खूब डांट मिलती रही। छह महीने काम छोड़ दिया, फिर प्राकृतिक खेती की उम्मीद जागी। जब प्रोडेक्ट तैयार कर दिया तो आज महिला किसान मास्टर ट्रेनर बन गई। हम
गोभी में तेले-सुंडियों की रोकथाम के लिए मैलाथियान 50 ईसी का करें छिड़काव कार्यालय संवाददाता — पालमपुर भूरी सरसों व राया की फसल में इन दिनों तेले का अत्याधिक प्रकोप होता है। तेले की रोकथाम के लिए फसल पर साइपरमैथरिन-10 ईसी या मिथाइल डेमिटान 25 ईसी या 60 मिली डाइमिथोएट 30 ईसी ( 1.0 मिली
टमाटर, बैंगन, मिर्च और शिमला मिर्च की पनीरी की बिजाई के लिए समय उचित कार्यालय संवाददाता — पालमपुर प्रदेश के निचले पर्वतीय क्षेत्रों में भिंडी की पालम कोमल, पी-8, अर्का अनामिका, वर्षा उपहार, यूएस 6125 (संकर), पंचाली (संकर), उमंग (संकर) , इंद्रनील (संकर), पूर्वी (संकर), कान्ति (संकर) इत्यादि तथा फ्रांसबीन की कंटेडर, प्रीमीयर, पालम मृदुला,
स्टाफ रिपोर्टर — शिमला खेतों में फसलों को नाइट्रोजन उपलब्ध करवाने के लिए अब बोरियों में यूरिया खाद खरीदने की जरूरत नहीं है। इफ्को कंपनी ने अब नेनो यूरिया लांच किया है। खाद की 45 किलों की एक बोरी का काम सिर्फ 500 एमएल की एक बोतल से हो जाएगा। कंपनी के राज्य विपणन प्रबंधन
दिव्य हिमाचल ब्यूरो-मनाली एशिया की सबसे बड़ी लाहुल पोटेटो सोसायटी के दिन फिर बहुरने लगे हैं। घाटे में चल रही इस संस्था के प्रति किसानों का रुझान बढ़ऩे लगा है। लाहुल घाटी के किसान अपने बीज आलू को एलपीएस के माध्यम से बेच रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों से गिरे आलू बीज की आमद का