अपनी माटी

इन दिनों घास की दो किस्मों की बड़ी डिमांड है। ये किस्में हैं लेमन और पामारोसा ग्रास। इसके अलावा भी कई ऐसे घास हैं, जिन्हें किसान लगा सकते हैं। पढि़ए यह खबर… पामारोसा घास लगाएं किसान भाई, एक हेक्टेयर से कमा सकते हैं डेढ़ लाख मुनाफा अपनी माटी के पास प्रदेश भर से किसानों ने

हिमाचल में फसल बीमा योजना को लेकर किसानों के मन में खूब सवाल उठते हैं। इन्हीं सवालों में से एक अहम जवाब विधानसभा सत्र के दौरान मिला है। पढि़ए यह खबर मौसम आधारित फसल बीमा का सवा चार लाख को मिला लाभ हिमाचल में मौसम आधारित फसल बीमा का लाभ अब तक सवा चार लाख

हिमाचल में पहली बार होगा नया प्रयास, मार्केटिंग के लिए भी होंगे प्रयास अपनी माटी की मुहिम पर प्रदेश सरकार का बड़ा कदम, बागबानों को मिलेगी राहत हिमाचल में फ्लोरीकल्चर से जुड़े किसानों के लिए खुशी की खबर है। प्रदेश सरकार ने राज्य में फूल उत्पादन को बढ़ावा देने की दिशा में कदम उठाए हैं

किसान क्रेडिट कार्ड मौजूदा समय में किसान भाइयों के लिए बेहद फायदेमंद है। प्रदेश के कई किसान ऐसे हैं, जिन्हें इस कार्ड को बनाने की जानकारी नहीं है। ऐसे किसानों की मदद के लिए अपनी माटी टीम ने केसीसी बैंक बगली शाखा के मैनेजर सुयेश शर्मा से बात की। सुयेश ने किसानों को आसान शब्दों

क्लस्टर बनाकर खेती करने वाले किसानों को मार्केट भी मिलेगी औषधीय पौधे उगाने वाले किसानों के लिए राहत भरा समाचार है। इन किसानों को अब अपनी पैदावार बेचने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। इन्हें मार्केट भी मुहैया करवाई जाएगी। पढि़ए बिलासपुर से यह खबर… बिलासपुर जिला में ऐसे सैकड़ों किसान हैं, जो आयुर्वेद विभाग के

एक टन ट्राउट पैदा करता है शाहपुर का इंजीनियर,  हार बोह पंचायत के पप्पू राम ने लिखी कामयाबी की इबारत यूं तो हिमाचल की बरोट वैली ट्राउट के लिए मशहूर है, लेकिन इस बार हम अपनी माटी में आपको एक एरिया में ले जाएंगे,जो ट्राउट का नया हब बन गया है। हम यहां बात कर

क्लस्टर बनाकर खेती करने वाले किसानों को मार्केट भी मिलेगी औषधीय पौधे उगाने वाले किसानों के लिए राहत भरा समाचार है। इन किसानों को अब अपनी पैदावार बेचने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। इन्हें मार्केट भी मुहैया करवाई जाएगी। पढि़ए बिलासपुर से यह खबर… बिलासपुर जिला में ऐसे सैकड़ों किसान हैं, जो आयुर्वेद विभाग के

आठ साल पहले कारपोरेट की नौकरी छोड़ लौटे भाइयों के फिश पौंड में जोरदार पैदावार साढ़े पांच किलो तक है एक-एक मछली, रोहू, कतला और मृगल का हो रहा उत्पादन राज्य में मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने कई सकारात्मक कदम उठाए हैं, जिनके काफी अच्छे परिणाम मिले हैं और मत्स्य

क्या मिट्टी के बिना खेती की कल्पना की जा सकती है। जी हां, ऐसा अब संभव हो गया है। इस तकनीक का नाम है हाइड्रोपोनिक्स। आने वाले दिनों में यह बेहद लोकप्रिय हो सकती है । पेश है यह खबर… नई तकनीक में पानी की खपत भी कम हम अकसर यह सुनते हैं कि खेती