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अफसोसजनक है कि हमारे धार्मिक स्थलों को ध्वस्त करके बेगुनाहों का खून बहाकर धर्मांतरण व कई नगरों का नाम तब्दील करने वाले विदेशी आक्रांताओं को महान् पढ़ाया गया, मगर तलवार से दुश्मन का हलक सुखाकर भारत की गौरव पताका फहराने वाले, धर्म-संस्कृति, आत्मसम्मान के रक्षक व मातृभूमि का रक्त से अभिषेक करने वाले राष्ट्रनायक महाराणा

प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए गेहूं, दालों, दूध व उससे बने पदार्थ तथा सूखे मेवों को ठीक से समय-समय पर खाना चाहिए। इस सीजन में पेड़ पर ठीक ढंग से पके फलों की कमी आम बात है। समय से पहले पेड़ से तोड़े गए फलों में से पोषक तत्त्व नष्ट हो गए

आज इस महामारी ने हमारी आंखें खोल दी हैं। देश की अर्थव्यवस्था, रोजगार और अस्मिता बचाने का शायद आत्मनिर्भरता यानी ‘स्वदेशी’ ही एक सही रास्ता है। इसलिए हमें स्वदेशी के विचार को मजबूत करना होगा… हाल ही में अमरीकी प्रशासन द्वारा इस महामारी में जनता के सुरक्षा कवच के नाते भारत के वैक्सीन उत्पादन के

बिल गेट्स और मिलिंडा गेट्स ने माइक्रोसॉफ्ट जैसी दैत्याकार कंपनी का नेतृत्व किया है। लोगों को समझना और उन्हें अपनी बात समझाना उन्हें खूब आता है। इसके बावजूद वे अपने जीवन साथी को ही अपनी बात नहीं समझा पाए। इसका एक बहुत बड़ा मनोवैज्ञानिक कारण है। जब हम अपने किसी कर्मचारी से बात करते हैं

आज यदि भारत का हर व्यक्ति कालाबाज़ारी और जमाखोरी छोड़ दिल से अपने देशवासियों की कोरोना से जान बचाने  में अपना सहयोग देगा तो मात्र 2 से 3 महीनों में पूरा देश कोरोना मुक्त हो जाएगा… कोरोना महामारी के दूसरे कहर ने पूरे देश को झकझोर दिया है। हर तरफ  डर का साया फैला हुआ

टीएमसी पहले से महिला वोटरों को लुभाने की तैयारी भी कर रही थी। करीब 12 हजार करोड़ की महिला कल्याणकारी योजनाएं बनाकर ममता एक योद्धा बन कर उभरी हैं… पश्चिम बंगाल के चुनावी नतीजे राजनीतिक दृष्टिकोण से कम या ज्यादा महत्त्वपूर्ण कहे जा सकते है, परंतु यह एक महिला राजनीतिक नेत्री के राजनीतिक संघर्ष की

विद्यालय स्तर पर संगीत के माध्यम से हम विद्यार्थियों को अपनी संस्कृति से संबंधित गीत, देशभक्ति गीत, लोकगीत, त्योहारों से संबंधित गीत, लोक नृत्य आदि बड़ी ही सरलता से सिखा सकते हैं तथा उन्हें अपनी मातृ भाषा एवं संस्कृति से अवगत करवा सकते हैं… संगीत कला मानवीय भावों की हृदयस्पर्शी अभिव्यक्ति है। यह हमारी अमूल्य

वर्तमान संकट से शीघ्र ही छुटकारा मिलने वाला नहीं दिख रहा है। सरकार को सर्वप्रथम टीका बनाने में भारी निवेश करना चाहिए, विशेषकर देश में उपलब्ध गंगा के फाज अथवा आयुर्वेद इत्यादि से। दूसरे, ऋण लेकर अपने खर्चों को सामान्य रूप से बनाए रखने की नीति को त्याग कर सरकारी खर्चों में 50 प्रतिशत की

लोग सेनेटाइजर, मास्क, ग्लब्ज और पीपीई किटें खरीदने में अपना घरेलू बजट खर्च करते जा रहे हैं। सेनेटाइजर का इस्तेमाल कार्यालयों में किया जाता था, आज अधिकतर लोगों के घरों में यह देखने को मिल रहा है। इस महामारी से बचाव के लिए आम जनमानस को अपने भोजन में अदरक, लहसुन, काली मिर्च, दाल चीनी,