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प्रो. एनके सिंह लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं हाल में एयर इंडिया के मुखिया के रूप में एक नागरिक प्रशासक को नियुक्त किया गया, लेकिन कुछ ही महीनों में उसे इससे आरामदायक पद  मिल गया तथा वह रेलवे में शिफ्ट हो गया। एयर इंडिया अथवा यहां तक कि विमानन क्षेत्र की

भूपिंदर सिंह लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं देश में खेलों के पिछड़ने का बहुत बड़ा कारण खेल संघों पर लगातार कई टर्म तक व्यक्ति विशेष का कब्जा भी एक प्रमुख कारण है। पहली टर्म में तो ये पदाधिकारी काफी रुचि दिखाते हैं, मगर बाद में फिर धीरे-धीरे खेल उत्थान को भूल कर अपनी नेतागिरी व

पीके खुराना लेखक, वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार और विचारक हैं जब समय कठिन होता है तो उत्तेजना की नहीं, बल्कि धैर्य और सम्मति की आवश्यकता होती है। हमारे देश में जनतंत्र की हालत यह है कि शासन-प्रशासन में जनता की भागीदारी कहीं भी नहीं है। देश में जनतंत्र सिर्फ 5 साल बाद आता है, जब लोग

हिंदू राष्ट्र व अखंड भारत, दोनों अभियान असफल होने की आशंका है। अखंड भारत का पुनर्निर्माण पहुंच से परे, और हिंदू राष्ट्र अंततः आत्मघाती लगता है। एक वृहद् भारत के निर्माण की अभिलाषा सफल होने के यदि अवसर हैं तो वे समान विचार वाले देशों का एक संघ, भारत महासंघ, बनाकर यथार्थ किए जा सकते हैं...

डा. भरत झुनझुनवाला लेखक, आर्थिक विश्लेषक  एवं टिप्पणीकार हैं सरकार का प्रयास है कि इन्कम टैक्स की अधिकतम दरों में कटौती की जाए। इसका प्रभाव देखिए। इन्कम टैक्स की अधिकतम दर में कटौती से अमीरतम लोगों को लाभ होगा, क्योंकि यदि आज वे अपनी आय का 30 प्रतिशत  दे रहे हैं, तो कल वे 25

कुलदीप नैयर लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं वास्तव में एक संघीय ढांचे की संभावना को देखने के लिए गैर भाजपा शासित राज्यों के कुछ नेता एक-दूसरे के संपर्क में हैं। अगर आप पीछे की ओर देखें, तो जनता पार्टी एक संघीय ढांचा था। यह पार्टी शासन की अपनी पूरी अवधि पूरा नहीं कर पाई क्योंकि इसके

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं ममता बनर्जी की मंशा दोषियों को सजा दिलवाने में इतनी नहीं है। उनकी मंशा इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना का राजनीतिक लाभ उठाने की लगती है। ममता बनर्जी को आने वाले चुनावों में मुसलमानों के एकमुश्त वोट चाहिए। उन्हें हिंदुओं के वोटों पर भरोसा नहीं है। हिंदुओं के वोट

प्रो. एनके सिंह लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं राज्यसभा की एक-एक सीट महत्त्वपूर्ण हो गई है। हाल में मैंने जब वाराणसी का दौरा किया तो पाया कि वहां हर कोई राज्यसभा की 10 सीटों के लिए होने वाले चुनावों पर नजर गड़ाए हुए था तथा आकलन कर रहा था। चूंकि भाजपा

पीके खुराना लेखक, वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार और विचारक हैं मोदी ने बहुत से नारे दिए, लेकिन उन्हें जल्दी ही समझ आ गया कि नौकरशाही से लड़ना और घाटे के सरकारी उपक्रमों को बंद करना जनहित का कार्य तो हो सकता है, पर फिर अगला चुनाव जीतना तो दूर, राज्यों के विधानसभा चुनाव भी नहीं जीत