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प्रो. एनके सिंह लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं प्रदेश को विकास की अपनी प्राथमिकताएं जल्द तय करनी चाहिएं। चिन्हित लक्ष्यों पर एक समय सीमा के भीतर काम होना चाहिए। पहली प्राथमिकता पर्यटन है, लेकिन इसका विकास सड़कों, रेल व उड्डयन पर निर्भर करता है। दुखद यह है कि इन तीनों मामलों

पीके खुराना लेखक, वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार और विचारक हैं आम आदमी का रोजमर्रा का वास्ता स्थानीय स्वशासन और राज्य सरकार से है, जबकि यह हमारी शासन व्यवस्था की सबसे कमजोर कड़ी है। शहरों में पार्षद, विधायक, सांसद चुने जाते हैं, लेकिन उनकी शक्तियां परिभाषित नहीं हैं और किसी को भी मालूम नहीं है कि किस

डा. भरत झुनझुनवाला लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं पेट्रोल पर ऊंचे कर बनाए रखने से ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों का विकास होगा। जैसे बिजली से चलने वाली कार की तुलना में पेट्रोल से चलने वाली कार सस्ती होती है। पेट्रोल सस्ता होगा तो लोग पेट्रोल की कार ही खरीदेंगे, चूंकि ईंधन और कार दोनों

कुलदीप नैयर लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं जस्टिस खन्ना ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा था कि लोकतांत्रिक समाज के लोकतांत्रिक मूल्य कहते हैं कि सभी लोगों को जागरूक होना चाहिए और बलिदान के लिए तैयार रहना चाहिए। हालांकि भारत के लिए यह लक्ष्य अभी दूर है। ऐसी मिसालों के बावजूद न्यायपालिका अपनी चमक खो

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं गुरु ग्रंथ साहिब के नाम से कालांतर में प्रसिद्ध होने वाले इस महान ग्रंथ ने देश में एक नए उत्साह का संचार करना शुरू कर दिया। उसके बाद देश के इतिहास की धारा ही बदल गई, लेकिन इसका मूल्य अर्जुनदेव को अपनी शहादत से चुकाना पड़ा। ऋषि

प्रो. एनके सिंह लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं आज जरूरत इस बात की है कि हम स्वामी विवेकानंद के मूल्यों को अपनाएं और भारत की महानता के लिए उनके द्वारा सुझाए गए मार्ग को समझें। वह एक ऐसे आध्यात्मिक नेता हैं, जो भारत की वर्तमान राजनीतिक व सामाजिक परिस्थितियों में अन्य

भूपिंदर सिंह लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं पहले अधिकतर खेल प्रतियोगिताएं अक्तूबर से जनवरी तक होती थीं। इसी वक्त पहले, तीसरे व पांचवें सेमेस्टर की परीक्षाएं भी आयोजित होती थीं। अब जब परीक्षा अपै्रल में एक बार होगी, तो विद्यार्थियों को खेल तथा अन्य गतिविधियों में भाग लेने के लिए पूरा-पूरा मौका मिलेगा… हिमाचल प्रदेश

पीके खुराना लेखक, वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार और विचारक हैं सन् 2008 में मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो राज्य में अवैध मंदिरों को गिराया गया था, जिससे नाराज होकर तोगडि़या ने मोदी के विरुद्ध बोलना शुरू किया। वह दरार समय के साथ-साथ बढ़ती चली गई और आज स्थिति यह है कि दोनों आमने-सामने हैं।

डा. भरत झुनझुनवाला लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं कौटिल्य ने कहा था कि सरकारी कर्मियों द्वारा राज्य के राजस्व की चोरी का पता लगाना उतना ही कठिन है, जितना इस बात का पता लगाना कि तालाब की मछली द्वारा कितना पानी पिया गया। उन्होंने कहा था कि सरकारी कर्मियों के भ्रष्टाचार पर नजर रखने