भूपिंदर सिंह

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक 11 सितंबर 1971 को हमीरपुर जिला के  ककड़ क्षेत्र के गांव पुरली में पिता स्वर्गीय रुलिया राम शर्मा व माता शकुंतला देवी शर्मा के घर जन्मे वीरेंद्र शर्मा का पालन-पोषण व शिक्षा दिल्ली में ही हुई। उनका परिवार, पिता की नौकरी व कारोबार दिल्ली में होने के कारण यहीं दिल्ली

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक राकेश चंद कपिल का जन्म हमीरपुर जिला में भोरंज उपमंडल के बैरी गांव में पिता महंत राम कपिल व माता अजुध्या देवी के घर 12 दिसंबर 1951 को हुआ। पांच बहन-भाइयों में सबसे बडे़ राकेश ने प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय भरेड़ी स्कूल से पास कर राजकीय महाविद्यालय हमीरपुर से 1973 में

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक हिमाचल प्रदेश सरकार को चाहिए कि वह खेल आरक्षण से सरकारी नौकरी लगे खिलाडि़यों के लिए अपनी ट्रेनिंग लगातार जारी रखने के लिए कम से कम पांच वर्षों का समय दिया जाए ताकि वे प्रदेश व देश को पदक जीत सकें। जिस विभाग में खेल आरक्षण से नौकरी लगा खिलाड़ी

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक केहर सिंह पटियाल का जन्म हमीरपुर शहर के साथ लगते गांव वारल में पिता स्वर्गीय मिलखी राम पटियाल व माता स्वर्गीय शाहवो देवी के घर 11 दिसंबर 1959 को हुआ। तत्कालीन राजकीय उच्चतर माध्यमिक बाल पाठशाला हमीरपुर जो अब वरिष्ठ माध्यमिक बाल पाठशाला हमीरपुर है, से 11वीं कक्षा पास की

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक खेल विभाग के आरक्षण सैल की कमेटी खिलाडि़यों की वरिष्ठता सूची तय करती है और फिर इस सूची को वापस उसके विभाग को भेजा जाता है। कैटेगरी चार के खिलाडि़यों को कमीशन या विभाग द्वारा ली गई भर्ती परीक्षा में न्यूनतम पास अंक प्राप्त करने वाले खिलाड़ी प्रतिभागियों की सूची

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक हिमाचल प्रदेश के स्कूली लड़कों ने भी कुछ वर्ष पहले अडंर 17 वर्ष आयु वर्ग में हिमाचल प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर रजत पदक हासिल किया था। स्कूल स्तर की राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिमाचल प्रदेश का प्रदर्शन सम्मानजनक खेल छात्रावासों के कारण रहता है। हिमाचल प्रदेश में स्कूली स्तर पर

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक हिमाचल प्रदेश में लगातार प्रशिक्षण कार्यक्रम का कोई भी प्रावधान अभी तक नहीं बन पाया है। हिमाचल प्रदेश राज्य युवा सेवाएं एवं खेल विभाग के प्रशिक्षकों को कभी विभिन्न विभागों की भर्तियों में ड्यूटी तो कभी मेलों व उत्सवों में हाजिरी भरनी पड़ती है। खेल प्रशिक्षक की नियुक्ति ही उच्च

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक हिमाचल प्रदेश में रह कर प्रशिक्षण प्राप्त कर राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करना बहुत कठिन है। यही कारण है कि राज्य में अच्छा प्रशिक्षण कार्यक्रम न होने के कारण प्रतिभाशाली खिलाड़ी अधिकतर हिमाचल से पलायन कर जाते हैं। कनिष्ठ स्तर पर प्रतिभा खोज के बाद खिलाडि़यों के लिए स्कूली

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक कुछ दशकों से राष्ट्रीय स्तर के खेल परिणामों में काफी उन्नति हुई है। इस का मुख्य कारण खेल ढांचे में वैज्ञानिक तकनीकी से आधुनिकीकरण है। इस बात को ध्यान में रख कर पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल ने अपने पहले कार्यकाल में आधुनिक खेल ढांचे की रूप रेखा तैयार