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हम उम्मीद करें कि खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर की पीएलआई योजना से फसलों की कटाई के बाद फसल की बरबादी रोकने, बेहतर खाद्य सुरक्षा, गुणवत्ता प्रमाणन व्यवस्था, तकनीकी उन्नयन और लॉजिस्टिक सुधार के कारण देश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग से संबंधित अपार संभावनाओं को साकार करने की डगर पर तेजी से आगे बढ़ेगा… हाल ही में केंद्र

होटल, रेस्टोरेंट, छोटे ढाबों के मालिक पूरी तरह से बेरोजगार और प्रभावित हो चुके हैं। आज अगर एक अनुमान लगाया जाए तो हिमाचल प्रदेश का पर्यटन पूर्णतः ठप हो चुका है। कोरोना महामारी के कारण पर्यटकों के साथ प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए होटलों, ट्रैवल एजेंटों, टैक्सी कैब, ग्रुप पर टूर ऑपरेटर, मनोरंजन पार्क, एडवेंचर

यदि कोविड-19 की महामारी लंबी भी चलती है तो समय की मांग है कि ऑनलाइन शिक्षा को और सुदृढ़ किया जाए। ऑनलाइन शिक्षण को व्यवस्थित करने की जरूरत है… लगभग सदी के पश्चात कोरोना जैसी महामारी ने पूरे विश्व के आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक ढांचे को पूरी तरह उथल-पुथल कर दिया है, जिसमें शिक्षा का क्षेत्र

ऐसी नीतियां बनाई जानी चाहिए जो काम करने वाले बच्चों और उनके परिवारों को विभिन्न अनुभवों और इससे निपटने में मदद कर सकें। सरकारों ने कुछ पहल तो शुरू की है, लेकिन यह समय है जबकि केंद्रित पहल शुरू की जानी चाहिए। समेकित बाल संरक्षण योजना (आईसीपीएस) के माध्यम से संभावित परिवारों का चयन कर

प्रशासक के नए फैसले कई गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं। ईको पर्यटन और द्वीपों के विकास की आड़ में यहां द्वीपों के निवासियों के जीवन और संस्कृति के लिए खतरा पैदा हो गया है… देश की मुख्य-भूमि से कोई साढ़े चार सौ किलोमीटर दूर अरब महासागर की गोद में बसा 36 द्वीपों का समूह

अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं की पदक तालिका में स्थान बनाने के लिए जहां विद्यालय स्तर से ही अच्छे ज्ञानवान प्रशिक्षक चाहिए, वहीं पर प्ले फील्ड भी बहुत जरूरी है। हिमाचल प्रदेश के खेल मैदानों व अन्य हाल ही के वर्षों में बनी अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्ले फील्ड का रखरखाव भी ठीक ढंग से नहीं हो रहा

वित्त विधेयक में शामिल मात्र 34 शब्दों ने भाजपा और कांग्रेस के गैरकानूनी काम को वैधानिक मान्यता दे दी। राजनीतिक धूर्तता से परिपूर्ण उन 34 शब्दों का हिंदी भावार्थ यह है : ‘सन 2016 के वित्त अधिनियम के सेक्शन 236 के प्रथम पैराग्राफ में शामिल शब्दों, अंकों और अक्षरों 26 सितंबर 2010 की जगह सभी

बहरहाल कोरोना के डेढ़ साल के सफरनामे का पैगाम है कि देश की विशाल आबादी को योग्य विशेषज्ञ डॉक्टर, प्रशिक्षित चिकित्सा स्टाफ, आईसीयू, एंबुलेंस सेवाएं जैसी पर्याप्त सुविधाओं से लैस सरकारी अस्पतालों की जरूरत है। बेशक कोरोना संक्रमण का बढ़ता ग्राफ  गिर रहा है, मगर कोविड पूरी तरह नष्ट नहीं हुआ है। कोविड रोधी टीकाकरण

डॉक्टर सना की चार बहनें हैं। उनका कोई भाई नहीं है। वह कहती हैं कि उन्होंने कभी यह महसूस नहीं किया कि वह किसी पुरुष से कम हैं। उनके अनुसार ब्यूरोक्रेसी में कई महिलाएं हैं जो बहादुर हैं और अच्छा काम करती हैं, वह उन्हें ही फॉलो करेंगी… पड़ोसी देश पाकिस्तान के सिंध प्रांत में