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सहज संन्यास घर छोडऩे, परिवार छोडऩे, दुनिया छोडऩे, कपड़े रंगवाने, सिर मुंडाने या बाल बढ़ाने की आवश्यकता नहीं है। हम जैसे हैं, वैसे ही रहें। हम जो काम कर रहे हैं, वो पूरी तन्मयता से, पूरी ईमानदारी से, पूरी लगन से, पूरी मेहनत से, पूरी निष्ठा से, पूरी काबलियत से करें। जो करें वह ऐसा हो जो सबके भले के लिए हो, तो हम संन्यासी हैं। जब हम लालच छोड़ दें, क्रोध छोड़ दें, ईष्र्या छोड़ दें, ऊंच-नीच का विचार

इस क्षेत्र में घरेलू हिंसा को रोकने और कम करने के लिए, लिंग-तटस्थ कानून लागू किए जाने चाहिए और लिंगवादी कानून नहीं बनाए जाने चाहिए। पुरुषों के खिलाफ मानसिक और शारीरिक प्रताडऩा, न तो अब संवेदनहीन मुद्दा है, न ही इस पर बात करना महिला अधिकारों का किसी प्रकार का अतिक्रमण है। जहां तक पुरुषों के उत्पीडऩ का प्रश्न है, इस पर बात करना मानव अधिकारों का, समाज में संतुलन बनाए रखना है। एक देशी डॉक्यू

विश्व को ‘तमसो मां ज्योतिगर्मय’ का संदेश देने वाले भारत में शिक्षा के नाम पर प्रतिभाओं का पलायन व विदेशों में हो रही हत्याएं तथा कोचिंग सेंटरों में छात्रों द्वारा आत्महत्याओं की बढ़ती घटनाएं चिंताजनक हैं। भारतीय आचार्यों की विरासत सहेजनी होगी...

ऐसे में अब भारत के तेज विकास और भारत को विकसित देश बनाने के लक्ष्य को पूरा करने के मद्देनजर भारतवंशियों व प्रवासियों द्वारा तन-मन-धन से आगे सहयोग करने के संकल्प के अभियान को इंडियास्पोरा द्वारा दुनियाभर में आगे बढ़ाया जा रहा है। हम उम्मीद करें कि इस समय यूएई की तरह दुनिया के कोने-कोने के देशों में प्रवासी भारतीय आर्थिक और तकनीकी क्षेत्रों में अपना प्रभावी योगदान देते हुए वैश्विक मंच पर भी भारत के हितों की जोरदार हिमायत के सा

यदि दुनिया को शल्य चिकित्सा व आयुर्वेद का ज्ञान देने वाले ‘विश्व गुरु’ भारतवर्ष की प्रतिभाएं मेडिकल विषय की शिक्षा के लिए विदेशों में भटक रही हैं तो मतलब साफ है कि देश की शिक्षा व्यवस्था आचार्य सुश्रुत व महर्षि चरक तथा शालिहोत्र जैसे विद्वान आचार्यों की चिकित्सा की गौरवशाली ज्ञान विरासत को सहजने में नाकाम रही है...

हाकी में माजरा स्कूली खेल छात्रावास की लड़कियों ने पिछले कई वर्षों से राष्ट्रीय स्कूली खेलों में हिमाचल प्रदेश को पदक तालिका में स्थान दिलाया है। इन लड़कियों को एस्ट्रोटर्फ मिले तो यहां से और भी अच्छे परिणाम आ सकते हैं। माजरा छात्रावास को फीडिंग रख कर अच्छे खिलाडिय़ों को एस्ट्रोटर्फ पर प्रशिक्षण के लिए ऊना में एक और नया छात्रावास जल्द ही हिमाचल को खोलना चाहिए...

कोलकाता की नाक के नीचे शाहजहां ने वहां की महिलाओं के लिए जितना भयंकर नर्क तैयार किया हुआ था, वह सरकारी मशीनरी की प्रत्यक्ष-परोक्ष सहायता के बिना संभव नहीं है। ममता बनर्जी ने संदेशखाली की इन महिलाओं को सबक सिखाने की सोची। उन्होंने संदेशखाली में किसी के भी जाने पर पाबंदी लगा दी। धारा 144 लगा दी।

मैं फिर से दोहराता हूं कि हमारी कामना के फलीभूत होने का सीक्रेट, यानी रहस्य यह है कि हम इच्छा करें, सपने देखें, और ग्रेटेस्ट सीक्रेट यह है कि हम जिस चीज के सपने देख रहे हों, उसे पाने के लिए सार्थक प्रयत्न भी करें, क्योंकि असली काम तो काम ही है। इसके बिना जो कुछ है वो केवल मुंगेरी लाल के हसीन सपने, या यूं कहें कि शेखचिल्ली के सपनों के समान है, जिसका अंत निराशा और हताशा में होने की संभावना सबसे ज्यादा है।

हमारे राज्य भी शिक्षा पर काफी राशि खर्च करते हैं, लेकिन इस राशि को तार्किक तरीके से खर्च किए जाना नदारद पाया जाता है और काफी पैसे बेफिजूल खर्च किए जाते हैं। डिजिटल शिक्षा के तेजी से विकसित हो रहे परिदृश्य में, आज के शिक्षार्थियों की गतिशील जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रौद्योगिकी का एकीकरण अनिवार्य हो गया है। शिक्षा में प्रौद्योगिकी की कमी ने असंख्य चुनौतियां पैदा की हैं जो सीखने की प्रक्रिया की प्रभावशीलता, पहुंच और अनुकूलनशीलता में बाधा उत्पन्न करती हैं। पिछले कुछ वर्षों में, शैक्षिक ऐप्स शिक्षा के सभी पहलुओं में एक महत्वपूर्ण घटक