ब्लॉग

वैसे नेहरू भी जानते थे कि इतिहास में यह प्रश्न तो उठेगा ही। इसलिए उन्होंने उन दिनों स्वयं इसका उत्तर देकर स्वयं को स्वयं ही अपराधमुक्त करने का प्रयास किया था। उनका स्पष्टीकरण था कि विभाजन तो रुक सकता था लेकिन उम्र के जिस मोड़ पर हम पहुंच चुके थे, वहां कोई भी अब और

पिछली बार हुई भर्ती में विभाग ने नियमों को ठेंगा दिखा कर छह सप्ताह में प्रशिक्षण पूरा किए सर्टिफिकेट कोर्स वाले को प्रशिक्षक भर्ती कर दिया है… पिछले दो वर्षों से सुन रहे हैं प्रशिक्षक कैडर के भर्ती व पदोन्नति नियमों में सुधार कर लिया है, मगर अभी तक जूनियर प्रशिक्षक का स्केल और काम

रात दस बजे तक सो जाना अत्यंत लाभकारी है क्योंकि रात 10 बजे से सवेरे के 2 बजे के बीच हमारा मस्तिष्क मेलाटोनिन हार्मोन विसर्जित करता है जो गहरी नींद का कारण है। इसी दौरान शरीर में फैट को संतुलित रखने, बीमार कोशिकाओं की मरम्मत और नई कोशिकाएं बनती हैं, हड्डियों की मरम्मत होती है

इंटरनेट पर पश्चिमी सभ्यता और संस्कृति के प्रचार-प्रसार और वेब सीरीज ने अब धीरे-धीरे भारतीय नागरिकों को भी खोलना शुरू कर दिया है और अब धीरे-धीरे भारत में सेक्स भी हाईटेक होता जा रहा है। भारतीय बेडरूम में भी अब सेक्स की हाईटेक तकनीकी और पोजिशन का दखल धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। सवाल है

इस दिशा में बांस उत्पादन भी एक बेहतर विकल्प हो सकता है। बांस खरपतवार वाली भूमि में भी सफलतापूर्वक लगाया जा सकता है… हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था सेब, जल विद्युत, सीमेंट और पर्यटन के इर्द-गिर्द घूम रही है। इनमें से सीमेंट कोई टिकाऊ उद्योग नहीं है। कुछ वर्षों में सीमेंट के भंडार समाप्त हो ही

हम उम्मीद करें कि देश के उद्योग कारोबार, कृषि और सर्विस सेक्टर की मजबूती से विशाल आकार वाली अर्थव्यवस्था के बल पर सामथ्र्यवान भारत देश के करोड़ों लोगों को आर्थिक-सामाजिक खुशियां देने के साथ दुनिया के जरूरतमंद देशों की उम्मीदों को पूरा करते हुए भी दिखाई देगा। साथ ही भारत के बारे में हाल ही

आज़ाद सांसें, आज़ाद ख्याल और आज़ाद जि़ंदगी, ये आज़ादी के सबसे खूबसूरत और खुशनुमा एहसासात हैं। आज़ादी मानव जीवन के लिए कितती खास व अहम नेमत है, इस बात का अंदाज़ा तब सहज ही लगाया जा सकता है जब कोई हम से ये कहता है कि चंद समय के लिए अपने मोबाइल फोन ऑफ कर

लाजिमी है आजादी दिवस पर उन क्रांतिवीरों का स्मरण किया जाए जिन्होंने अपना स्र्वोच्च बलिदान देकर बर्तानिया हुकूमत का अंजाम तय करके भारत से अंग्रेज निज़ाम को रुखसत किया था। आज़ादी के बाद हमारे राजाओं ने लोकतंत्र की बहाली के लिए अपनी रियासतों का भारत में विलय किया था। राजाओं के उस त्याग को याद

भारतीय जनता पार्टी के लिए तो तिब्बत के प्रश्न की एक ही कसौटी है जिसकी घोषणा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्कालीन सरसंघचालक माधवराव सदाशिव गोलवलकर ने 1962 में ही कर दी थी। उन्होंने कहा था कि तिब्बत भारत सरकार की भूल के कारण चीन के फंदे में फंसा है… चीन की मंशा है कि तिब्बत