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जब बात एक्सरसाइज की आती है, तो ज्यादातर लोगों को लगता है कि जिम में जाकर वर्कआउट करना, रनिंग, साइक्लिंग, स्वीमिंग या फिर इस तरह की कोई भी एक्टिविटी, जिसमें ज्यादा मेहनत लगे, वही एक्सरसाइज है। लेकिन ऐसा नहीं है, एक जगह शांति से बैठकर ब्रीदिंग करना भी एक बेहतरीन एक्सरसाइज है और अगर आप

स्वामी रामस्वरूप श्लोक 9/27 में श्रीकृष्ण महाराज अर्जुन से कह रहे हैं कि हे कुंती पुत्र अर्जुन! जो भी तू कर्म करता है, जो भी तू खाता है, जो भी तू यज्ञ करता है और जो भी तू दान करता है और जो भी तू तपस्या करता है, वह सब मेरे अर्पण कर। भावः श्रीकृष्ण

अकसर लोग गिनी चुनी सब्जियों का ही सेवन करना पसंद करते हैं। कई बार हमें पता नहीं होता मार्केट में दिखने वाली आम सी या फिर दिखने में अजीब सब्जी आपकी सेहत के लिए कितनी फायदेमंद है। जी हां, उन्हीं सब्जियों में से एक है कमल ककड़ी। कमल ककड़ी की सब्जी में आयरन से लेकर

16 फरवरी रविवार, फाल्गुन, कृष्णपक्ष, अष्टमी 17 फरवरी सोमवार, फाल्गुन, कृष्णपक्ष, नवमी 18 फरवरी मंगलवार, फाल्गुन, कृष्णपक्ष, दशमी 19 फरवरी बुधवार, फाल्गुन, कृष्णपक्ष, एकादशी, विजया एकादशी व्रत 20 फरवरी बृहस्पतिवार, फाल्गुन, कृष्णपक्ष, द्वादशी, प्रदोष व्रत 21 फरवरी शुक्रवार,फाल्गुन, कृष्णपक्ष, त्रयोदशी, महाशिवरात्रि व्रत 22 फरवरी शनिवार, फाल्गुन, कृष्णपक्ष, चतुर्दशी, पंचक प्रारंभ

प्राददशेष विज्ञानं सगरया मृदा।। अबाप्तज्ञानतन्स्य न तरुयादवैतवासना। स ऋभुस्तर्कयामास निदघस्य नरेश्वरः।। दविकायास्तटे वीरनगरं नाम वै पुरम। समृकमतिरम्य च तुलस्त्येन निवेशित्तम।। रम्योपवनपर्यंते य तस्मिन्पाथिवीत्तम। निदोघोनाम योगज्ञ अभुशिष्योऽवसत्पुरा।। उसे अत्यंत प्रसन्न होकर महर्षि ऋभु से  तत्तवोपदेश दिया। हे नरेश्वर उससे ऋभु को प्रतीत हुआ कि संपूर्ण शास्त्रों के होने पर भी निदाघ अद्वैत के प्रति निष्ठावान नहीं

गतांक से आगे… इस कारण बल या शक्ति विज्ञान से अधिक है। वह बल भूमि रूप अन्न से उत्पन्न होता है,इससे भूमि रूप अन्न उस बल से अधिक है। वह अन्न वृष्टि रूप जल से उत्पन्न होता है,इस कारण वह जल भूमि रूप जल से अधिक है। जल की वृष्टि का कारण तेज है और

*       फूलों की सुगंध केवल वायु की दिशा में फैलती है,लेकिन एक व्यक्ति की अच्छाई हर दिशा     में फैलती है *           कौन है जिसमें कमी नहीं, आसमान के पास भी जमीन नहीं *          इनसान की सोच भी अजीब है, कामयाबी मिले,तो अपनी अक्ल पर खुश होता है और

* एक कप पानी में थोड़ी चाय की पत्ती और अदरक,  नमक डालकर उबालें और इसमें आधा नींबू निचोड़ कर पीने से खांसी में आराम मिलता है। * जुकाम होने पर गर्म दूध में अथवा गाय के देशी घी में छुहारा उबाल कर इसमें थोड़ी सी इलायची और केसर मिलाकर सेवन करने से जुकाम के

गतांक से आगे… सदैकरूपस्य चिदात्मनो विभोरानंद मूर्तेरनवद्यीिर्तेः। नैवान्यथा क्वाप्यविकारिणस्ते विनाहमध्या सममुष्य संसृतिः।। इस अहंकार रूपी अध्यास के बिना तुझ सर्वदा एकरूप, चिदात्मा, व्यापक, आनंदस्वरूप,पवित्रकीर्ति और अविकारी आत्मा को और किसी प्रकार से संसार बंधन की प्राप्ति नहीं हो सकती। तस्मादहंकारामियं स्वशत्रुं भोक्तुर्गले कंटकवत्प्रतीतम। विच्छिद्य विज्ञानमहासिना स्फुटं भुंक्ष्वात्मसाम्राज्यसुखं यथेष्टम।। इसलिए हे विद्वान! भोजन करने वाले पुरुष