कम्पीटीशन रिव्यू

एनिमेशन कार्टूनिंग का कोर्स करवाने वाले संस्थानों के बारे में जानकारी दें। — रमेश कुमार, पालमपुर एनिमेशन कार्टूनिंग का कोर्स कराने वाले प्रमुख संस्थान हैं दिल्ली कालेज ऑफ  आर्ट, तिलक मार्ग, नई दिल्ली, सर जेजे स्कू ल ऑफ  आर्ट, मुंबई, नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ  डिजाइन पाल्दी अहमदाबाद। हेरिटेज मैनेजमेंट का कोर्स कहां से किया जा सकता

पल पल दिल के पास कलाकार : करण देओल , साहेर बंबा निर्देशक : सनी देओल रिलीज की तारीख : 20 सितंबर, 2019 जोया फैक्टर कलाकार : सलमान, सोनम कपूर निर्देशक :अभिषेक शर्मा रिलीज की तारीख : 20 सितंबर, 2019 परस्थानम कलाकार : संजय दत्त , जैकी श्रॉफ निर्देशक : देवा कट्टा रिलीज की तारीख

1.  जितनी ज्यादा सेवा करता, उतना घटता जाता हूं। सभी रंग का नीला-पीला, पानी के संग भाता हूं। 2.  गोरा-चिट्टा खूब हूं पर पहनूं नहीं पायजामा। मां का तो भाई नहीं, फिर भी बच्चों का मामा। ३.  मुझ से बड़ी पेट में अंगुली सिर पर रखा पत्थर। गोल-गोल रूप है मेरा, बूझो जल्दी उत्तर। उत्तर 

लखनऊ में एक सर्कस कंपनी आई थी। उसके पास शेर, भालू, चीता और कई तरह के और भी जानवर थे। इनके सिवा एक बंदर मिट्ठू भी था। लड़कों के झुंड के झुंड, रोज इन जानवरों को देखने आया करते थे… बच्चो आज हम तुम्हें एक ऐसा हाल सुनाते हैं, जिससे मालूम होगा कि बंदर लड़कों

क्योंकि हमारे शरीर में पानी की कमी हो जाती है। हमारा शरीर जिन तत्वों से बना है उनमें दो तिहाई पानी है। पानी के बिना हम पांच से दस दिन से ज्यादा जीवित नहीं रह सकते। रोज कोई तीन लीटर पानी हमारे शरीर से निकल जाता है, आधा लीटर पसीने में, एक लीटर सांस छोड़ने

एक कंजूस बनिया अपने बेटे को पीट रहा था। पड़ोसी : क्यों पीट रहे हो बच्चे को। बनिया : मैंने इसको कहा कि 1-1 सीढ़ी छोड़कर चढ़, चप्पल कम घिसेगी। नालायक 2-2 सीढ़ी छोड़कर चढ़ा, पायजामा फाड़ लिया। **** हमको तीन तलाक वाली फेसलिटी नहीं चाहिए, बस इतना करवा दो कि तीन बार ‘मायके जा..

पलक फड़कना एक आम लक्षण है। इसमें आंख के आसपास की मांसपेशियां अपने आप संकुचित होती हैं जिससे उलझन तो बहुत होती है लेकिन नुकसान कोई नहीं होता और थोड़ी बहुत देर में ये अपने आप बंद भी हो जाता है। इसका क्या कारण है ये कहना मुश्किल है, लेकिन आंखों के विशेषज्ञ ये मानते

यश चोपड़ा जन्मदिन 27 सितंबर यश चोपड़ा हिंदी फिल्मों के एक प्रसिद्ध निर्देशक थे। यश चोपड़ा का जन्म 27 सितंबर, 1932 को ब्रिटिश भारत में पंजाब प्रांत के एतिहासिक नगर लाहौर में हुआ था। उनका पूरा नाम यश राज था, जिसमें से उन्होंने यश अपना लिया और राज को राज ही रहने दिया। यश ने

मुगल बादशाह जहांगीर ने पिंजौर में कुछ भवन बनवाए। उत्तम चंद (महलोग की बंदोबस्त रिपोर्ट के अनुसार 35वें शासक सुखपाल )  ने मुगलों के भय से भवाना को छोड़ दिया और कोट महलोग आकर बस गया। इस क्षेत्र में कई  मावी लोग रहते थे। इसलिए उसने इस क्षेत्र का नाम महलोग रखा। यह ठकुराई क्योंथल