कम्पीटीशन रिव्यू

दामोदर दास गटका सिद्धि का ज्ञाता था। अतः वह अयोध्या पहुंच गया तथा वहां पुजारियों के साथ घुल मिलकर रहने लगा तथा एक दिन उसने रघुनाथ जी द्वारा बनाई मूर्तियों को चुरा लिया और कुल्लू के लिए रवाना हो गया, लेकिन पता लगने पर पुजारियों ने उसका पीछा किया और वह रास्ते में पकड़ा गया…

पालकी कलाकार : पीयूष मिश्रा,  मोहित सचदेवा निर्देशक : शैलेंद्र व्यास रिलीज की तारीख : 29 अगस्त, 2019 शाहू कलाकार : प्रभास, श्रद्धा कपूर निर्देशक : सुजीत रिलीज की तारीख : 30 अगस्त, 2019  

बिंदु और बंटी में गहरी दोस्ती थी। दोनों सातवीं क्लास में पढ़ते थे। बिंदु थोड़े चिड़चिड़े स्वभाव का था तो बंटी खुशमिजाज। जब भी बिंदु किसी बात को लेकर चिढ़ जाता तो बंटी उसे कुछ ऐसी बात कह देता कि उसे हंसी आ जाती थी। एक दिन बिंदु को स्कूल से होमवर्क में मिले मैथ

मदर टेरेसा जन्मदिवस 26 अगस्त मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त, 1910 को यूगोस्लाविया में हुआ। मदर टेरेसा के पिता का नाम निकोला बोयाजू था तथा वह एक साधारण व्यवसायी थे। एक रोमन कैथोलिक संगठन की वह सक्रिय सदस्य थीं और 12 वर्ष की अल्पायु में ही उनके हृदय में विराट करुणा का बीज अंकुरित

पर्यावरण के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। इसमें जरा सा भी परिवर्तन हमारे जीवन को बहुत ज्यादा प्रभावित करता है। आज वैश्विक प्रतिस्पर्धा ने हमारे पर्यावरण को बहुत ज्यादा प्रभावित किया है। सूखा, बाढ़, भूकंप आदि इसी के परिणाम हैं। इन समस्याओं से निजात पाने के लिए हर स्तर पर प्रयास

इकोलॉजी रिसर्च में करियर संबंधित विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने एचपीयू की इकोलॉजी  विभाग अध्यक्ष डा. अनिता शर्मा से खास बातचीत की.. अनिता शर्मा , इकोलॉजी विभाग अध्यक्ष, एचपीयू इकोलॉजी रिसर्च में करियर की क्या संभावनाएं हैं? इकोलॉजी से जुड़े यूवाओं के लिए सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनांए

केंद्र की नई नरेंद्र मोदी सरकार में भी अजीत डोभाल को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाया गया है। वह आजकल अपने कारनामों को लेकर चर्चा में हैं। विशेषकर जम्मू-कश्मीर में उनकी भूमिका को लेकर विशेष चर्चा हो रही है। जम्मू एवं कश्मीर के भविष्य को लेकर मौजूद सवालों के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल

सभी जलधाराएं ‘नागणी खड्ड’ का सृजन करती हैं, यह खड्ड भी तीसा खड्ड में मिल जाती है। तीसा के पूर्वोत्तर की देहरी नामक धारों के सभी जल-स्रोत गनेड खड्ड का निर्माण करते हैं तथा अर्कीदर और भिलूंडा की समस्त शिखर श्रेणियां ‘शिकारी खड्ड’ का सजृन करती हैं, जो अंतत, तीसा खड्ड में मिल जाती हैं।