कम्पीटीशन रिव्यू

जानी-मानी अभिनेत्री, गायिका, कवि और सामाजिक कार्यकर्ता कामिनी खन्ना ने अपने परिवार के साथ अपनी आत्मकथात्मक पुस्तक ‘कामिनी ऐसी ही है’ लांच की। आत्मकथात्मक पुस्तक ‘कामिनी ऐसी ही है’ श्रीमती खन्ना के जीवन की कहानी, उनके संघर्ष, उपलब्धियां, असफलता, सक्सेस और उनके जीवन के हर पल पर आधारित है जिसने उनकी दृष्टि को बदल दिया।

दे दे प्यार दे निर्देशक : अकिव अली संगीतकार : अमाल मलिक, तनिष्क बागची, कलाकार : राकुल प्रीत सिंह, अजय देवगन,तब्बू रिलीज दिनांक : 17 मई 2019 मोतीचूर चकनाचूर निर्देशक : देवा मित्रा हसन कलाकार : नवाजुद्दीन सिद्दीकी, अथिया शेट्टी , संजीव वत्स रिलीज दिनांक : 17 मई 2019    

दोस्तो, चुनावों का माहौल है और चुनाव में वोट हर किसी को करना चाहिए किसी ने वोट दिया है या नहीं इसे पहचान ने का एक मात्र तरीका है उसकी अंगुली पर लगी स्याही, जी हां वोट डालने के वाद चुनाव अधिकारी चुनाव देने वाले की अंगुली पर एक विशेष प्रकार की स्याही लगाते हैं

पूर्णमाशी का दिन, जिस दिन चंद्रमा पूर्ण रूपेण आकाश में दिखाई देता है, वह भी शुभ माना जाता है और इस दिन भी लोग उपवास रखने में पुण्य समझते हैं। अमावस्या का दिन भी शुभ माना जाता है। प्रत्येक त्योहार के समय विवाहित लड़कियोें को अपने घर बुलाना मां-बाप अपना कर्त्तव्य समझते हैं। हमारे मुख्य

राणा शिव सरण सिंह एक धर्मपरायण व्यक्ति था। उसने कई मंदिर बनवाए और ब्राह्मणों को दान दिया। उसने एक ‘दीवानखाना’ भी बनाया। इसके बाद उसका पुत्र किशन सिंह गद्दी पर बैठा। जब कांगड़ा से मुगलों का प्रभुत्व समाप्त हो गया तो वहां का ऐतिहासिक प्रसिद्ध किला दोबारा संसार चंद के हाथ आ गया…  गतांक से

विश्व दूरसंचार दिवस प्रत्येक वर्ष 17 मई, को मनाया जाता है। आधुनिक युग में फोन, मोबाइल और इंटरनेट लोगों की प्रथम आवश्यकता बन गए हैं। इसके बिना जीवन की कल्पना करना बहुत ही मुश्किल हो चुका है। आज यह इनसान के व्यक्तिगत जीवन से लेकर व्यावसायिक जीवन में पूरी तक प्रवेश कर चुका है। पहले

  पहाड़ी के पीछे एक शेर रहता था। जब भी वह ऊंचाई पर चढ़कर गरजता था तो गांव वाले डर के मारे कांपने लगते थे। कड़ाके की ठंड का समय था। सारी दुनिया बर्फ  से ढंकी हुई थी। शेर बहुत भूखा था। उसने कई दिनों से कुछ नहीं खाया था। शिकार के लिए वह नीचे

ये बात तो हम सब जानते हैं कि दिन और रात होते हैं और यह एक प्राकृतिक घटना है पर क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है अगर नहीं आइए जानते हैं ऐसा क्यों हम आपको बता दें कि हमारी पृथ्वी अपनी धुरी पर लगातार धुमती रहती है और सूर्य का चक्कर

मार्को पोलो एक इतालवी व्यापारी, खोजकर्ता और राजदूत था। उसका जन्म वेनिस गणराज्य में मध्य युग के अंत में हुआ था। अपने पिता निकोलस पोलो और चाचामातेयो के साथ वह सिल्क रूट की यात्रा करते हुए भारत पहुंचा। उसने अपनी यात्रा 1272 ईस्वी में आर्मेनिया से प्रारंभ की थी। तब उसकी उम्र 17 साल थी।