कम्पीटीशन रिव्यू

ऐसा माना जा सकता है कि संभवतः पांडवों ने भी बहुपति प्रथा खशों से ही ली हो। अब यह प्रथा लगभग बंद हो गई है। द्रोपदी द्वारा पांच पांडवों को पति रूप में स्वीकारना इतिहास की एक दुर्घटना मानी जा सकती है…              प्रागैतिहासिक हिमाचल इस जाति का दर्जा राजपूतों से कुछ कम समझा जाता था।

कांगड़ा के विवाह संबंधी गीत जिन्हें ‘घोड़ी’ कहा जाता है, अपनी मिठास और विषय की गहनता के लिए अति लोकप्रिय हैं। विवाह संबंधी कई अन्य प्रकार के गीत भी हैं, जिन्हें ‘सोठणियां’ कहा जाता है… हिमाचल में वीर रस से भरे लोक नृत्य परंतु प्रायः गाए जाने वाले लोकगीत, प्रेम गाथाओं, वीर-गाथाओं, देव-स्तुतियों, ऋतु-प्रभात और

तत्तापानी चश्मे का पानी प्राकृतिक गंधक युक्त है। इस चश्मे के उद्भव के बारे में प्रचलित है कि एक बार जब स्थानीय राजा रुद्राजीत ने महर्षि जम्दग्नि से कामधेनु गाय को छीनना चाहा तो उस समय जम्दग्नि पुत्र परशुराम, मणिकर्ण तीर्थ के तप्त कुंड में स्नान कर रहे थे… गर्म पानी के चश्मे यज्ञ में

ज्ञान एक ऐसा शक्तिशाली हथियार है जिसके द्वारा हम स्वयं के साथ-साथ विश्व को भी बदल सकते हैं और ज्ञान ही आपको आपका हक दिलाता है। शास्त्रों में तो यहां तक वर्णित है कि यदि लक्ष्य की सिद्धि न हो तो वह विद्या व्यर्थ है… वर्तमान प्रगतिशील दुनिया में प्रत्येक मानवमात्र की यह हार्दिक इच्छा

एनिमेशन कार्टूनिंग का कोर्स करवाने वाले संस्थानों बारे जानकारी दें। — रमेश  कुमार, नाहन एनिमेशन कार्टूनिंग का कोर्स कराने वाले प्रमुख संस्थान हैं दिल्ली कालेज ऑफ  आर्ट, तिलक मार्ग, नई दिल्ली, सर जेजे स्कूल ऑफ  आर्ट, मुंबई, नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ  डिजाइन पाल्दी अहमदाबाद। हेरिटेज मैनेजमेंट का कोर्स कहां से किया जा सकता है? — कर्म 

नियोजित विकास की प्रक्रिया एवं कल्याणकारी कार्यों से राज्यों के कार्यों में वृद्धि होने के साथ ही लोक सेवकों की जिम्मेदारियों एवं कर्त्तव्यों में व्यापक परिवर्तन हुए हैं। वर्तमान में अपने चार्मिंग करियर के कारण आज यह सेवा सभी युवाओं को आकर्षित करती है। चाहे डाक्टर हो, इंजीनियर हो या फिर सफल वकील ही क्यों

मनीष सोनी एचएएस परीक्षा-2015 में दूसरा रैंक हासिल किया प्रशासनिक सेवा में करियर संबंधित विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने मनीष सोनी से बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश… एचएएस की तैयारी कब से शुरू कर देनी चाहिए ? सिविल सेवा की तैयारी के लिए गे्रजुएशन के अंतिम वर्ष से ही तैयारी

प्रारंभिक जीवन सद्गुरु जग्गी वासुदेव का जन्म 3 सितंबर, 1957 को कर्नाटक राज्य के मैसूर शहर में हुआ। उनके पिता एक डाक्टर थे। बालक जग्गी को कुदरत से खूब लगाव था। अकसर ऐसा होता था कि वह कुछ दिनों के लिए जंगल से गायब हो जाते थे, जहां वह पेड़ की ऊंची डाल पर बैठकर

अंजुला कटोच प्रिंसीपल राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक गर्ल्ज स्कूल धर्मशाला हिमाचल प्रदेश की संगीत पाठशाला के रूप में उभर कर अपनी अलग पहचान बना रहा है। धौलाधार की वादियों में बसे धर्मशाला शहर में गर्ल्ज स्कूल धर्मशाला 1932 से हिमाचली बेटियों का कारवां की भूमिका निभा रहा है। धर्मशाला गर्ल्ज स्कूल ने प्रदेश भर में संगीत