आस्था

उत्पन्ना एकादशी के दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। पुराणों के अनुसार मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की एकादशी उत्पन्ना है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। वैसे तो हर माह दो एकादशी आती है और सभी एकादशियों का महत्त्व अलग होता है। लेकिन मार्गशीर्ष माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी को बेहद पवित्र माना गया है। इसे ही उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है। यह भी मान्यता है कि इस दिन माता एकादशी ने राक्षस मुर का वध किया था। उत्पन्ना एकादशी व्रत रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि एकादशी देवी का जन्म भगवान श्री हरि विष्णु से हुआ था। मार्गशीर्ष मास में कृष्ण पक्ष एकादशी को एकादशी माता प्रकट हुई, जिस कारण इस एकादशी का नाम उत्पन्ना एकादशी पड़ा। इस व्रत को करने से मनुष्य को जीवन में सुख-शांति मिलती है। मृत्यु के पश्चात विष्णु के परम धाम का वास प्राप्त होता है...

तुलसी हिंदू परंपरा में एक पवित्र पौधा है। हिंदू इसे देवी तुलसी की सांसारिक अभिव्यक्ति के रूप में मानते हैं। उन्हें लक्ष्मी का अवतार और इस प्रकार भगवान विष्णु की पत्नी माना जाता है। एक अन्य पुनरावृत्ति में, वृंदा के रूप में, उसका विवाह जलंधर से हुआ है। विष्णु और उनके अवतारों, जैसे कृष्ण और

कालभैरवाष्टमी मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाई जाती है। भगवान शिव के अवतार कहे जाने वाले कालभैरव का अवतार मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हुआ था। इस संबंध में शिवपुराण की शतरुद्रसंहिता में बताया गया है। शिवजी ने कालभैरव के रूप में अवतार लिया और यह स्वरू

देवों की नगरी वाले प्राचीन शहर बनारस में उत्सवों की कोई कमी नहीं है। देव दीपावली बीतने के बाद आता है काशी का प्राचीन उत्सव लोटा-भंटा का मेला। इस मेले को श्रद्धालु बहुत ही श्रद्धा और आस्था के साथ धूमधाम से मनाते हैं। बनारस(काशी)के पारंपरिक उत्सव लोटा-भंटा मेले का महात्म्य ही अलग है। वाराणसी के

कुंद्राथुर मुरुगन एक हिंदू मंदिर है जो तमिलनाडु के कांचीपुरम जिले में चेन्नई के उपनगर कुंद्राथुर में स्थित है… माना जाता है कि कुंद्राथुर मुरुगन मंदिर 1,000 साल पहले बनाया गया था और इसे इस क्षेत्र के प्राचीन मुरुगन मंदिरों में से एक माना जाता है। बहु स्तरीय गोपुरम (मीनार) के साथ वास्तुकला की द्रविड़

ओशो ज्ञान जहां तक जाता है वहां तक उस ज्ञान के विस्तार का नाम वेद है। वेद का अर्थ होता है ज्ञान: जानना। जिस मूल से वेद शब्द बना है उसी से विद्वान भी। ज्ञान अर्थात वेद। लेकिन ऐसा भी आयाम है जीवन का और अस्तित्व की ऐसी गुह्य स्थिति भी है, जहां वेद भी प्रवेश नहीं कर पाता है, जहां ज्ञान भी नहीं पहुंच

जब क्रोध का आवेग आता है तो उसका एक ही लक्ष्य होता है, जो अपनी कामनाओं में बाधक बना है उसे नुकसान पहुंचाना। मार-पीट कर, सामान को नष्ट कर, काम में रोड़ा अटकाकर जैसे भी बने क्रोध का लक्ष्य दूसरे को हानि पहुंचाना ही होता है। वह भले ही किसी भी रूप में पहुंचाई जाए। कभी-कभी लोग क्रोध से प्रेरित हो

अकेलापन दूर करने के लिए जो भी और गतिविधियां आप करोगे यह तो क्षणिक होगा, थोड़े समय के लिए होगा। मगर ज्ञान, गान और ध्यान यह तीनों लेकर चलोगे तो आप पूर्णता का अनुभव करोगे। आप इस पृथ्वी में हो औरों को भावनात्मक सुख देने के लिए। तब देखना अकेलापन हाथों हाथ मिट जाएगा...

भारत में हिंदू धर्म से जुड़े कई ऐसे चमत्कारिक और रहस्यमयी मंदिर हैं, जिनके दर्शन मात्र से ही लोगों के दु:ख पलक झपकते दूर होते हैं। सनातन परंपरा में पंच देवों में से एक भगवान विष्णु को जगत का पालनहार माना जाता है। भगवान विष्णु भक्तों पर शीघ्र ही प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाते हैं।