आस्था

स्वामी विवेकानंद गतांक से आगे… उसकी परीक्षा करके देखनी होगी, नरेंद्र ने सोचा। रात का एक पहर बीत चुका था। नरेंद्र काली के मंदिर की तरफ चल पड़े। आज श्री रामकृष्ण की कृपा से मेरे परिवार के दु:खों का अंत होगा। यह सोचकर वह खुशी से झूम उठे। उन्होंने देखा, जगदंबा के भुवन मोहन रूप

श्रीराम शर्मा आज के मनुष्य का एक प्रधान शत्रु आलस्य है तनिक सा कार्य करने पर ही वह ऐसी मनोभावना बना लेता है कि अब मैं थक गया हंू, मैंने बहुत काम कर लिया है। अब थोड़ी देर विश्राम या मनोरंजन कर लूं। ऐसी मानसिक निर्बलता का विचार मन में आते ही वह शैय्या पर

10 दिसंबर रविवार, मार्गशीर्ष, कृष्णपक्ष, त्रयोदशी, प्रदोष व्रत 11 दिसंबर सोमवार, मार्गशीर्ष, कृष्णपक्ष, चतुर्दशी, मासिक शिवरात्रि 12 दिसंबर मंगलवार, मार्गशीर्ष, कृष्णपक्ष, अमावस, भौमवती अमावस 13 दिसंबर बुधवार, मार्गशीर्ष, शुक्लपक्ष, प्रथमा 14 दिसंबर गुरुवार, मार्गशीर्ष, शुक्लपक्ष, द्वितीया 15 दिसंबर शुक्रवार, मार्गशीर्ष, शुक्लपक्ष, तृतीया 16 दिसंबर शनिवार, पौष, शुक्लपक्ष, चतुर्थी

* फूलों की सुगंध केवल वायु की दिशा में फैलती है, पर एक व्यक्ति की अच्छाई हर दिशा में फैलती है * गलती भूल जाओ मगर, उस गलती से सीखा हुआ सबक हमेशा याद रखो * प्रशंसा से बचो यह आपके व्यक्तित्व की अच्छाइयों को घुन की तरह चाट जाती है * इनसान दुखी इसलिए

सद्गुरु जग्गी वासुदेव इस याद्दाश्त को हम कर्मगत छाप कहते हैं। एक ऐसा समय था जब भारत में, समाज आपकी कर्मगत छाप को संभालने की कोशिश कर रहा था। इसी मकसद से जातियां और गोत्र और दूसरी चीजें शुरू की गई थीं। लेकिन वो अब पूरा खत्म हो गया है… मेरे विचार और भावनाएं वाकई

स्वामी रामस्वरूप यह ज्ञान सदा अविनाशी परमेश्वर में रहता है और परमेश्वर हम पर दया करके प्रत्येक सृष्टि रचना के आरंभ में अपनी सामथ्र्य से चार ऋषियों के अंदर प्रकट करता है और आज तक यह ज्ञान हम परंपरागत ऋषि-मुनियों से लेते आए हैं… गतांक से आगे… ऋग्वेद के मंत्र 1/164/39 में अक्षर शब्द से

श्रीश्री रवि शंकर जब आप संसार की किसी वस्तु को जानने की जिज्ञासा में यह प्रश्न करते हैं कि यह क्या है? तो दरअसल किसी चीज को इस दृष्टिकोण से जानने की उत्सुकता रखना आपको विज्ञान की ओर अग्रसर करता है। और यदि आप ये प्रश्न करते हैं कि मैं कौन हूं? तो यह दृष्टिकोण

उत्पन्ना एकादशी के दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। पुराणों के अनुसार मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की एकादशी उत्पन्ना है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। वैसे तो हर माह दो एकादशी आती है और सभी एकादशियों का महत्त्व अलग होता है। लेकिन मार्गशीर्ष माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी को बेहद पवित्र माना गया है। इसे ही उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है। यह भी मान्यता है कि इस दिन माता एकादशी ने राक्षस मुर का वध किया था। उत्पन्ना एकादशी व्रत रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि एकादशी देवी का जन्म भगवान श्री हरि विष्णु से हुआ था। मार्गशीर्ष मास में कृष्ण पक्ष एकादशी को एकादशी माता प्रकट हुई, जिस कारण इस एकादशी का नाम उत्पन्ना एकादशी पड़ा। इस व्रत को करने से मनुष्य को जीवन में सुख-शांति मिलती है। मृत्यु के पश्चात विष्णु के परम धाम का वास प्राप्त होता है...

तुलसी हिंदू परंपरा में एक पवित्र पौधा है। हिंदू इसे देवी तुलसी की सांसारिक अभिव्यक्ति के रूप में मानते हैं। उन्हें लक्ष्मी का अवतार और इस प्रकार भगवान विष्णु की पत्नी माना जाता है। एक अन्य पुनरावृत्ति में, वृंदा के रूप में, उसका विवाह जलंधर से हुआ है। विष्णु और उनके अवतारों, जैसे कृष्ण और