आस्था

आप यहां आए बिना किसी निवेश के। जब जाएंगे तब भी आपके हाथ में कोई पूंजी नहीं होगी। इस बीच जो कुछ भी हो, आपका तो लाभ ही होगा क्योंकि अब आपके पास जीवन का अनुभव भी होगा। महत्त्वपूर्ण यह है कि आप जीवन को किस तरह अनुभव करते हैं। अगर आपकी भीतरी स्थिति मानसिक

सिद्ध भैरवतंत्र, मायिक भैरवतंत्र, कंकाल भैरवतंत्र, कालाग्नि भैरवतंत्र, शक्ति भैरवतंत्र, योगिनी भैरवतंत्र, महाभैरवतंत्र तथा भैरवनाथ भैरवतंत्र, ये आठ भैरवतंत्र इस समय अति दुर्लभ हैं। इनमें वर्णित विविध भैरव रूपों के पटल, पद्धति, कवच, सहस्रनाम स्तोत्र, स्तवराज, हृदय तथा दीपदान विधि कहीं-कहीं मिलते हैं। ये सब शिवोक्त हैं। तंत्रलोक में वर्णन है कि असितांग आदि अष्ट

कई बार मनुष्य अपने अनुचित कार्यों और आदतों के संबंध में दुखी भी होता है और सोचता है कि उन्हें छोड़ दूं। अवांछनीय अभ्यासों की प्रतिक्रिया उसने देखी-सुनी भी होती है। परामर्श उपदेश भी उसी प्रकार के मिलते रहते हैं, जिनमें सुधारने-संभालने के लिए कहा जाता है। सुनने में वे परामर्श सारगर्भित भी लगते हैं।

किस्त-54 सौंदर्य के क्षेत्र में शहनाज हुसैन एक बड़ी शख्सियत हैं। सौंदर्य के भीतर उनके जीवन संघर्ष की एक लंबी गाथा है। हर किसी के लिए प्रेरणा का काम करने वाला उनका जीवन-वृत्त वास्तव में खुद को संवारने की यात्रा सरीखा भी है। शहनाज हुसैन की बेटी नीलोफर करीमबॉय ने अपनी मां को समर्पित करते

29 नवंबर रविवार, मार्गशीर्ष, शुक्लपक्ष, चतुर्दशी, त्रिपुरोत्सव 30 नवंबर सोमवार, मार्गशीर्ष, शुक्लपक्ष, पूर्णिमा, कार्तिक पूर्णिमा, देव दीपावली 1 दिसंबर मंगलवार, मार्गशीर्ष, कृष्णपक्ष, प्रथमा 2 दिसंबर बुधवार, मार्गशीर्ष, कृष्णपक्ष, द्वितीया 3 दिसंबर बृहस्पतिवार, मार्गशीर्ष, कृष्णपक्ष, तृतीया, गणेश चतुर्थी 4 दिसंबर शुक्रवार, मार्गशीर्ष, कृष्णपक्ष, चतुर्थी 5 दिसंबर शनिवार, मार्गशीर्ष, कृष्णपक्ष, पंचमी

गतांक से आगे… शास्त्र का यह कथन ठीक अवश्य है किंतु केवल वेद नाम के गं्रथ ही वह ज्ञान समष्टि है, यह कहना मन को धोखा देना मात्र है। मनु एक स्थान पर कहते हैं वेद का जो अंश युक्तिसंगत है, वही वेद है और शेष अंश वेद नहीं है। हमारे बहुत से दार्शनिकों का

गुरु का वचन क्या है? इस निराकार-दातार का इशारा, इस प्रभु-दातार का ज्ञान। जो गुरु के इस वचन पर एतबार करके, इस पर चलता है, गुरु से यह ज्ञान रूपी रोशनी प्राप्त करता है और जीवन में अपनाता है, वही इससे लाभ प्राप्त कर सकता है। कहीं बहुत अंधकार है और एक इनसान आवाजें दे

 गतांक से आगे…. सगुण-निर्गुण श्रृंगी कभी छूटने वाली नहीं। अगम-निगम का इकतारा पुखता है। मैं तन मन से लक्ष्य प्राप्त कर सुख से सोऊंगा और मोक्ष कहो या मुक्ति इसका यश चारों दिशाओं में फैलाऊंगा।’ काफी देर वार्तालाप करने के बाद सोल्ह कन्याएं और बारह रानियां मोह में आकर गोपीचंद को पकड़ कर रोने लगीं।

*     चेहरे से काले दाग मिटाने के लिए नींबू का रस, हल्दी और शहद मिला कर इसका लेप लगाएं। *     संतरे के छिल्के भी चेहरे के दाग हटाने में कारगर हैं। संतरे के ताजे छिल्के पीस कर, इसमें शहद मिलाएं और दाग पर लगाएं। *    चंदन पाउडर में थोड़ा सा गुलाब जल डाल कर इसका