आस्था

देवर्षि नारद के कहने पर श्रीकृष्ण ने एक कुंड में सभी तीर्थों के जल को आमंत्रित किया और कुंड में स्नान करके पापमुक्त हो गए। उस कुंड को कृष्ण कुंड कहा जाता है, जिसमें स्नान करके श्रीकृष्ण गो हत्या के पाप से मुक्त हुए थे, माना जाता है कि इस कुंड का निर्माण श्रीकृष्ण ने

विश्व भ्रमण गतांक से आगे… आगे बढ़ने से पहले मैं यहां उनके रहन-सहन के बारे में भी बता दूं। डा. ब्लाजेक एक वरिष्ठ वैज्ञानिक थे और मेरे अंदाज से उनका स्टेटस हमारे यहां के यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर के बराबर होना चाहिए था। उनके दो या तीन बेटे थे। सबसे बड़ा बेटा, डेलीबर, 15-16 साल का

ओशो जितना ध्यान में गहरे उतरता हूं, उतना ही अपने आपके लिए तथा पूरे संसार के लिए जिम्मेदार मानता हूं। यह कैसे संभव है? जितना तुम स्वयं में प्रवेश करोगे, उतना ही तुम जगत के प्रति जिम्मेदारी महसूस करोगे। क्योंकि तुम इस जगत के टुकड़े हो। तुम इससे अलग नहीं हो। स्वयं जैसे होने का

स्वामी  रामस्वरूप श्रीकृष्ण महाराज ने श्लोक 9/32 में प्रत्येक वर्ण एवं स्त्री आदि को विद्वानों की शरण में जाकर वैदिक शुभ कर्म करते हुए सुखी जीवन व्यतीत करने सहित मोक्ष सुख को प्राप्त करने का वैदिक उपदेश दिया है। वेद-शास्त्र, उपनिषद, भगवदगीता, मनुस्मृति आदि किसी भी सद्ग्रंथ में जातिवाद का नामों निशान भी नहीं है…

स्वामी विवेकानंद गतांक से आगे… वे भी स्वामी जी से मिलने के लिए उनके पास आए। वेदांत प्रचार का कार्य सुचारू रूप से चल रहा था, यह जानकर स्वामी जी बेहद खुश हुए। अभेदानंद जी न्यूयार्क लौट गए। 14 अक्तूबर को वेदांत समीति के नए भवन का उद्घाटन हुआ।  इसके बाद एक सप्ताह बाद ही

श्रीराम शर्मा योग साधकों के लिए सबसे पहले साधना के प्रवेश द्वार की पहचान जरूरी है। क्योंकि यही वह महत्त्वपूर्ण स्थल है, जहां से योग साधना की अंतर्यात्रा शुरू होती है। महर्षि पतंजलि ने योगसूत्र में इसी के बारे में गूढ़ संकेत दिए हैं। इस प्रथम सूत्र में उन्होंने योग साधना की पूर्व तैयारियों, साधना

बाबा हरदेव गतांक से आगे… जब ऊपर से विद्युत न मिले, तो ट्राम तत्काल रुक जाती है। अब जैसे ट्राम विद्युत के माध्यम से चलती है, लेकिन वह विद्युत यात्रा नहीं करती है, ठीक वैसे ही आत्मा जो व्यापक तत्त्व है इसके द्वारा परमात्मा से जीवन रूपी ऊर्जा जहां भी यह सूक्ष्म शरीर जाता है,

16 अगस्त रविवार, भाद्रपद, कृष्णपक्ष, द्वादशी, प्रदोष व्रत, संक्रांति 17 अगस्त सोमवार, भाद्रपद, कृष्णपक्ष, त्रयोदशी 18 अगस्त मंगलवार, भाद्रपद, कृष्णपक्ष, चतुर्दशी, कुशाग्रहणी अमावस 19 अगस्त बुधवार, भाद्रपद, कृष्णपक्ष, अमावस, भाद्रपद अमावस 20 अगस्त बृहस्पतिवार, भाद्रपद, शुक्लपक्ष, द्वितीया 21 अगस्त शुक्रवार, भाद्रपद, शुक्लपक्ष, तृतीया, वराह जयंती, हरतालिका तीज 22 अगस्त शनिवार, भाद्रपद, शुक्लपक्ष, चतुर्थी, सिद्धि विनायक

श्रीश्री रवि शंकर ब्रह्मांड में हर वस्तु दूसरी किसी भी वस्तु को अपनी ओर आकर्षित करती है। जब आप मंत्रोच्चारण या हवन करते हैं, तो उसका वातावरण पर अत्यंत सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। मंत्रों के उच्चारण द्वारा वातावरण में सकारात्मक तरंगें फैलती हैं और उनका श्रवण करने से मन शांत होता है… आमतौर पर लोग