आस्था

रुद्रयामल तंत्र की उपासना-दृष्टि अति विशाल है। तंत्र से संबंधित किस देवता की मंत्र साधना कैसे की जाए, पूर्वाचार्यों ने साधकों के लिए इसका निर्देश किया है। प्रत्येक तंत्र साधक को इन निर्देशों का पालन करना चाहिए। इष्ट देवता ः मत देवता या आत्म देवता के अवतार या अवतरण देवता को ‘इष्ट देवता’ कहा जाता

स्वामी रामस्वरूप भाव यह है कि ईश्वर पिताओं का भी पिता है जिसने हमारे पिता, दादा, परदादा आदि सबको जन्म दिया है। ओंकारः पद का अर्थ ॐ है। जो कि जानने योग्य है अर्थात ईश्वर का पवित्र नाम ॐ है और ॐ के जाप, चिंतन,मनन से ईश्वर जाना जाता है… गतांक से आगे… मंत्र का

* अपने मस्तिष्क को उच्च विचारों और उच्चतम आदर्शों से भर दो। इसके बाद आप जो भी कार्य करेंगे वह महान होगा * अहंकार ज्ञान का उलटा है, जितना ज्ञान होगा उतना कम अहंकार होगा * जीवन में आगे बढ़ने के लिए पहले खुद को अपनी नजरों में उठाइए, दुनिया की नजरों में तो आप

गतांक से आगे… बुद्धिइंद्रियाणि श्रवण त्वगक्षि घ्राणं च जिह्वा विषयावबोधनात। वाक्पाणिपादं गुदमप्युपस्थः कर्मेंद्रियाणि प्रवणेन कर्मसु ।। श्रवण, त्वचा, नेत्र, घ्राण और जिह्वा ये पांच ज्ञानेंद्रियां हैं, क्योंकि इनसे विषय का ज्ञान होता है तथा वाक, पाणि,पाद, गुदा और उपस्थ ये कर्मेंद्रियां हैं, क्योंकि इनका कर्मों की ओर झुकाव होता है। इनके द्वारा कर्म किए जाते

इसलिए वेद वेत्ता विद्वानों ने वैराग्य को ही संन्यास ग्रहण करने का समय बतलाया है। इस प्रकार की वैराग्य भावना गर्भ काल में कष्टों का विचार करने से, मरणकाल का ज्ञान हो जाने से अथवा योगाभ्यास से उत्पन्न हो सकती है। अथवा उपनिषदों में जो अनेक प्रकार की साधनाएं बतलाई हैं वे भी वैराग्य की

इसका ज्यादा इस्तेमाल बहुत सी बीमारियों को न्योता देने के साथ-साथ कई बार दुर्घटना का कारण भी बन जाता है। मनोरंजन के लिए गाने सुनना हो या देर रात लैपटॉप में मूवी देखना, ईयरफोन का प्रयोग करना एक आम बात है। हम बस, मेट्रो या कैब में ट्रेवल करते हैं तब भी  ईयरफोन लगा लेते हैं… घर

सौंदर्य के क्षेत्र में शहनाज हुसैन एक बड़ी शख्सियत हैं। सौंदर्य के भीतर उनके जीवन संघर्ष की एक लंबी गाथा है। हर किसी के लिए प्रेरणा का काम करने वाला उनका जीवन-वृत्त वास्तव में खुद को संवारने की यात्रा सरीखा भी है। शहनाज हुसैन की बेटी नीलोफर करीमबॉय ने अपनी मां को समर्पित करते हुए

11 अगस्त रविवार, श्रावण, शुक्लपक्ष, एकादशी, पवित्रा एकादशी व्रत 12 अगस्त सोमवार, श्रावण, शुक्लपक्ष, द्वादशी, सोम प्रदोष व्रत 13 अगस्त मंगलवार, श्रावण़, शुक्लपक्ष, त्रयोदशी 14 अगस्त बुधवार, श्रावण, शुक्लपक्ष, चतुर्दशी 15 अगस्त बृहस्पतिवार, श्रावण, शुक्लपक्ष, पूर्णिमा, रक्षाबंधन, पंचक प्रारंभ 16 अगस्त शुक्रवार,श्रावण़, कृष्णपक्ष, प्रथमा 17 अगस्त शनिवार, भाद्रपद, कृष्णपक्ष, द्वितीया

कलाई में लगातार हो रहा यह दर्द कार्पल टनल सिंड्रोम का संकेत भी हो सकता है, जो लगातार 8-9 घंटे तक कम्प्यूटर पर काम करने से हो रहा है। इसके कारण कलाई में दर्द कई बार इतना बढ़ जाता है कि सहन करना ही मुश्किल हो जाता है। इतना ही नहीं, दर्द की ज्यादा अनदेखी