आस्था

राम जन्मभूमि से एक किलोमीटर दूर मणि पर्वत है। मणि पर्वत पर सावन मेला आयोजित किया जाता है। रामनगरी के बहुप्रतीक्षित सावन झूला मेले का श्रीगणेश मणि पर्वत के झूलनोत्सव से ही होता है। सावन शुक्ल तृतीया से शुरू होने वाले इस मेले की तिथि अधिक मास के कारण इस बार 19 अगस्त को पड़

स्वामी रामस्वरूप जब सृष्टि के आरंभ में निराकार परमेश्वर चार ऋषियों को अपनी सामथ्र्य से चार वेदों का ज्ञान देता है, तब वहां कोई भी वेद मंत्र ऐसा नहीं कहता कि परमेश्वर ने अपनी योग शक्तियों से चारों ऋषियों के हृदय में चार वेदों का ज्ञान प्रकट किया। अत: योगेश्वर श्री कृष्ण महाराज ने अपनी

तुममें आज्ञाकारिता भी अवश्य रहे। भले ही ये बातें तुम्हें परस्पर विरोधी दिखने वाली लगें, पर इन गुणों को भी तुम्हें अपनाना ही होगा। यदि तुम्हारा वरिष्ठ तुम्हें नदी में कूदकर एक मगर को पकडऩे का आदेश दे दे, तो भी तुम पहले उसकी इस आज्ञा का पालन करो और बाद में तर्क-वितर्क करो। यदि कोई गलत हो, तब भी पहले उसका पालन करना चाहिए और बाद में उसके औचित्य का खंडन। संप्रदायों का मुख्य अभिशाप यह है यदि किसी का थोड़ा भी भिन्न मत हुआ, तो वह तुरंत एक नया संप्रदाय प्रारंभ कर देता है, उ

ये कितना अद्भुत है कि सृष्टि सर्वत्र आश्चर्यजनक वस्तुओं से भरी पड़ी है। लेकिन हम इन्हें अनदेखा कर देते हैं। तभी हम में जड़ता का उदय होने लगता है और साथ में सुस्ती आती है। तमस का कार्य शुरू हो जाता है, निष्क्रियता आने लगती है और अज्ञानता घर कर लेती है। जबकि विस्मय का बोध हम में जागरूकता लाता है। चमत्कार तुम्हें चौंका देता है और ये झटका जागरूकता है। जब हम जागरूक होते हैं, तब हम देखते हैं कि सारी सृष्टि चमत्कारों से भरी पड़ी है। ये समग्र सृष्टि विस्मित होने के लिए आश्चर्यचकित

इसी प्रकार परिवार के भी कुछ नियम होते हैं, रीति-रिवाज होते हैं, मर्यादाएं होती हैं जिन का पालन करना हर सदस्य के लिए आवश्यक होता है। मर्यादा पूर्वक जीवन जीना किसी भी व्यक्ति के लिए गौरव का प्रतीक है। मर्यादा में रहना, संयम में रहना, अनुशासन में रहना एक स्वस्थ सभ्यता का प्रतीक है। बच्चों से स्नेह युक्त व्यवहार करना, बड़ों का आदर सम्मान करना और अतिथि सत्कार करना एक शुभ मर्यादा का प्रतीक है।

किन्नर कैलाश एक पर्वत है जो समुद्र तल से 6050 मीटर (लगभग 24000 फुट) की ऊंचाई पर किन्नर कैलाश पर्वत की चोटी पर स्थित है। जिसकी ऊंचाई लगभग 40 फुट और चौड़ाई लगभग 16 फुट है। हिंदू धर्म में इस हिम खंड को भगवान शिव के प्राकृतिक शिवलिंग के स्वरूप में पूजा जाता है

आशा के कारण ही निराशा हाथ लगती है, न कि संसार की वजह से। संसार को क्या पड़ी है। संसार पूरी तरह से तटस्थ है। सब खेल तुम ही रचा रहे हो। आशा बांधते हो इसलिए निराशा हाथ लगती है। आशा का अर्थ है, तुम चाहते हो भविष्य ऐसा हो, तुम्हारी तृष्णा के अनुकूल हो और ये विराट अस्तित्व तुम्हारी क्षुद्र वासनाओं के अनुकूल नहीं चल सकता। और एकाध ही कोई होता तो च

श्रीराम शर्मा दुनिया में हर वस्तु की चेतन पदार्थों व चेतन के घटकों की अपनी-अपनी सीमाएं हैं। उन्हीं के अंतर्गत वे जाने, समझे व अपनाए जाते हैं। स्थूल बुद्धि इस मामले में विशिष्ट है कि वह सर्वोपरि मानवी संपदा है। उसी के निर्णय निष्कर्ष को यहां विचारणा, अवधारणा, मान्यता, तर्क, तथ्य के रूप में अपनाना

आयुर्वेद में एनीमिया को पांडु रोग कहा जाता है, क्योंकि एनीमिया की समस्या में स्किन, आंख और नाखून सफेद हो जाते हैं। इसलिए इसे पांडु यानी सफेद रोग कहा जाता है। आयुर्वेद में एनीमिया की बीमारी के लिए तमाम उपचार बताए गए हैं। प्राचीन काल से ही लोग आयुर्वेदिक तरीके से इस बीमारी का इलाज