आस्था

देवभूमि हिमाचल में देवी-देवताओं का वास कहा जाता है। यहां की संस्कृति और परंपराएं काफी अलग हैं। यूं तो प्रदेशभर में बहुत से मेले, त्योहार और उत्सव मनाए जाते हैं, लेकिन शिवभूमि चंबा का मिंजर मेला प्रदेश में ही नहीं, बल्कि पूरे देशभर में प्रसिद्ध है। चंबा शहर राजा साहिल वर्मन द्वारा उनकी बेटी राजकुमारी

हमारे देश में विश्वास और श्रद्धा की एक समृद्ध परंपरा रही है। इसी मिट्टी में भगवान श्रीकृष्ण और श्रीराम का जन्म हुआ। कई पौराणिक कथाएं इसका वर्णन करती हैं। इसी श्रेणी में आता है, लिंगराज मंदिर जो कि आस्था का केंद्र होने के साथ-साथ एक पुरातात्विक महत्त्व का भी है। यह ओडिशा प्रांत के भुवनेश्वर

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग देश का तीसरा ज्योतिर्लिंग है और 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का स्थान सोमनाथ और मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के बाद आता है। मान्यता है कि दक्षिणामुखी मृत्युंजय भगवान श्री महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में विराजमान होकर सृष्टि का संचार करते हैं। इस मंदिर से कई प्राचीन परंपराएं और रहस्य

स्वामी विवेकानंद गतांक से आगे… कर्म का यह ताना-बाना सबने अपने चारों ओर पूर लिया है। अज्ञानवश हम समझते हैं कि हम बंधन में पड़े हैं और तब सहायता के लिए चीखते-पुकारते हैं। किंतु सहायता बाहर से नहीं आती वह हमारे अंदर से ही आएगी। चाहे तुम विश्व के समस्त देवताओं का नाम लेकर चिल्लाओ,

सद्गुरु जग्गी वासुदेव भारत में लगभग हर साधारण आदमी इस बारे में अचेतन रूप से जानता है। इसके पीछे के विज्ञान को जाने बिना भी वह इस बारे में बात करता है। एक दूसरे स्तर पर, जब हम शिव कहते हैं, तो हम एक खास योगी की बात कर रहे होते हैं, आदियोगी या पहले

ओशो उपनिषद जीवन विरोधी नहीं हैं और न ही यह जीवन को अपनाने से इंकार करता है। इसका उद्देश्य संपूर्णता को पाना है। जीवन को उसकी समग्रता के साथ जीना चाहिए। उपनिषद यह नहीं सिखाता कि आपको इस जीवन से बचना चाहिए या जीवन बदसूरत है, बल्कि ये तो जीवन में आनंद भरता है। उपनिषद

स्वामी रामस्वरूप श्रीकृष्ण महाराज का भाव है कि हे अर्जुन ! यदि तू भी इस संयम के रहस्य को जान जाएगा, तो अपने शरीर में ही ब्रह्मांड एवं परमेश्वर का दर्शन करने में समर्थ हो जाएगा और इससे आगे भी जो कुछ रचना आदि का अन्य विषय है, वह भी जान जाएगा… गतांक से आगे…

श्रीराम शर्मा युग निर्माण योजना का प्रधान उद्देश्य है विचार क्रांति। मूढ़ता और रूढिय़ों से ग्रस्त अनुपयोगी विचारों का ही आज सर्वत्र प्राधान्य है। आवश्यकता इस बात की है कि सत्य, प्रेम, न्याय पर आधारित विवेक और तर्क से प्रभावित हमारी विचार पद्धति हो। आदर्शों को प्रधानता दी जाए और उत्कृष्ट जीवन जीने की, समाज

बाल झडऩा मतलब बिना बात की टेंशन। हालांकि बारिश के मौसम में ज्यादातर लोगों के बाल झड़ते ही हैं। आजकल लोग सबसे ज्यादा बालों के झडऩे की समस्या से ग्रसित हंै। इससे निजात पाने के लिए लोग कई प्रकार के शैम्पू और ऑयल बदलते हैं, लेकिन उन्हें आराम नहीं मिलता है। वैसे भी बालों की