स्वास्थ्य

डिजिटल डेस्क भागदौड़ भरी जिंदगी में हम सब इतने व्यस्त हो गए हैं कि खुद के लिए समय भी नहीं मिल पाता। जिस कारण हमारी सेहत लगातार खराब होती रहती है या यूं कहें कि हम बिमारियों से घिरते जा रहे हैं, तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। हालांकि हम भी जानते हैं कि जो हम खा-पी

अकसर नाखूनों पर होने वाली समस्याओं को हम इग्नोर कर देते हैं। लेकिन आपके नाखूनों में होने वाली समस्याएं भी कई बीमारियों की ओर इशारा करती हैं। जी हां, नाखूनों के रंग से लेकर इस पर बनने वाले निशान

खाने में नमक स्वाद का काम ही नहीं करता है, बल्कि हमें कई गंभीर बीमारियों से भी बचाता है। आहार में आयोडीन नमक का मौजूद होना सोने पे सुहागा कहा जाए, तो कोइ अतिश्योक्ति नहीं होगी। भोजन में आयोडीन नमक की कमी से कुछ ऐसी बीमारियां हो जाती हैं, जो कि कई बार विकराल रूप धारण कर लेती हैं। ऐसी ही एक बीमारी है थायराइड, जससे मौजूदा समय में बहुत से लोग ग्रस्त हो रहे हैं । कुछ लोग अधूरी जानकारी व कुछ लापरवाही के कारण थायराइड की गिरफ्त में आ जाते हैं। अगर पूरी जानकारी हो, तो इस बीमारी से काफी हद तक बचा जा सकता है। डा. राजेंद्र प्रसाद राजकीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा महाविधालय टांडा अस्पताल के एं

ऊनी गर्म कपड़े सर्दी से तो बचाते ही हैं इसके साथ ही यह इस मौसम में स्टाइल स्टेटमेंट का भी खास हिस्सा माने जाते हैं। आप शॉल, जैकेट्स, स्वेटर, पोंचू आदि पहन कर भी फैशनेबल दिख सकते हैं...

इटावा। सर्दियों का मौसम शुरू होते ही दिल से जुड़ी समस्याएं बढ़ने लगती हैं। हृदय रोग के मरीजों को सर्दी से बचाव करना बेहद जरूरी है। सर्दियों के दिनों में धमनियों के सिकुड़ने से हृदय रोगों का खतरा बढ़ता है। इस मौसम में दिल को अधिक काम करना पड़ता है। क्योंकि दिल को इस समय

सर्दियों के मौसम में आपको अपना खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। इस मौसम में की जाने वाली जरा सी लापरवाही आपको भारी पड़ सकती है। ऐसे में तमाम बीमारियों वाले इस मौसम में अगर बीमार होने से बचना है...

हर कोई सर्दियों में ताजगी और ऊर्जा पाने के लिए सुबह की सैर करना पसंद करता है। यह हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए एक अच्छा अभ्यास है। ताजी हवा शरीर को ऊर्जा देती है और मानसिक शांति भी प्रदान करती है।

आज के दौर में तेजी से फैल रही सर्वाइकल कैंसर की बीमारी का इलाज वैक्सीनेशन है। सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए वैक्सीनेशन बेहद जरूरी है। नौ से 14 वर्ष की बच्चियों को इस वैक्सीन की दो डोज लगती हैं, जिसमें छह महीने के अंतराल पर वैक्सीनेशन किया जाता है। इसके अलावा 15 से 26

हमारे खान-पान की गलत आदतों के कारण आज के समय में फैटी लिवर की समस्या एक आम परेशानी बनती जा रही है। इस रोग में लिवर में फैट बढऩे लगता है, जिसकी वजह से पाचन क्रिया प्रभावित होती है। साथ ही लिवर शरीर के टॉक्सिन्स को सही तरह से बाहर नहीं कर पाता है, जिससे शरीर के कुछ अंगों में सूजन की समस्या भी हो सकती है। इस समस्या से बचाव के लिए आप वेजिटेबल जूस पी सकते हैं...