पाठकों के पत्र

( कोमल शर्मा, हमीरपुर ) बाबा राम रहीम की गिरफ्तारी के बाद से ही हिसार का डेरा सच्चा सौदा सुर्खियों में है और अब नया खुलासा हुआ है कि डेरा में 600 लोगों के अस्थि कंकाल मिले हैं। यह तो पाप की पराकाष्ठा हो गई। धर्म की आड़ में सारे बुरे काम होते रहे और

( डा. राजन मल्होत्रा, पालमपुर ) मुझे किसी कार्यवश विगत दिनों चंडीगढ़ जाना पड़ा। अपने वाहन में जाने के कारण कांगड़ा-चंडीगढ़ मार्ग पर सड़क की दुर्दशा जो कांगड़ा से देहरा व तत्पश्चात ऊना तक 100 किमी लंबी इस सड़क की देखने को मिली, वह शायद ऊना के बाद 124 किमी चंडीगढ़ तक देखने को नहीं

एक रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा कुपोषित बच्चे भारत में। ऐसे में भारत के पमाणु शक्ति संपन्न देश होने के कोई मायने नहीं हैं। —कंचन राजपूत, मंडी

ब्रिक्स की सफलता (डा. सत्येंद्र शर्मा, चिंबलहार, पालमपुर ) ब्रिक्स हुआ बेहद सफल, खूब कमाया नाम, पाक किया निर्वस्त्र सब झुककर करें सलाम, बड़ों- बड़ों को दे रहा, फक्कड़ अब तो मात। डोकलाम पर युद्ध का बड़ा उठ रहा था शोर नहीं बनाने दी सड़क, मत समझो कमजोर। हमें लड़ाकू बोलता, भड़क रहा था चीन,

(सुरेश कुमार ,योल) हिमाचल की जनता के अच्छे दिन आएं या न आंए, पर हिमाचल के विधायकों के अच्छे दिन जरूर आ गए हैं। उम्मीद यह थी कि मंत्रिमंडल की बैठक में जनता के लिए फैसले होंगे, पर यहां तो विधायकों को लीज पर जमीन देने पर मुहर लग गई। इसी सरकार के कार्यकाल में

(प्रियंका शर्मा, हमीरपुर) ब्लू व्हेल की चपेट में आ रहे कितने ही मासूम, उनकी जिंदगी कर दी गई खुशी से महरूम। इसके चक्रव्यूह में जो भी  फंसा, इसके मालिक को न जाने ऐसा करके क्या  मिलता है, उसे तो बस अपना ही स्वार्थ दिखता है। कई घरों के इकलौते चिराग चले गए, जो उनके परिवार

(शुभम कालरा, नाहन ) अभी कुछ दिनों से प्रदेश में पुलिस कांस्टेबल भर्ती का काफी जोर है। युवा पुलिस में भर्ती होने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। मैदान में कितने ही युवा ग्राउंड टेस्ट से बाहर हो रहे हैं। युवाओं में स्टेमिना ही नहीं है। अगर 2500 युवाओं का दौड़ का टेस्ट होता

(पूजा, मटौर ) दिन-प्रतिदिन पहले से ज्यादा खतरनाक साबित हो रही मोबाइल गेम ‘ब्लू व्हेल चैलेंज’ बच्चों की जान की दुश्मन और उनके माता-पिता का जीना हराम कर दिया है। ऑनलाइन गेम ‘ब्लू व्हेल चैलेंज’ कई देशों के लिए समस्या बन गई है। ऑनलाइन चैलेंज रूस से शुरू किया गया है। इस गेम के कारण

(प्रेम चंद, सोलन ) जिस हिमाचली टोपी को प्रधानमंत्री अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिला रहे हैं, उसी हिमाचली टोपी पर हिमाचली नेता राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं। हिमाचल में तो राजनीति करने का बहाना चाहिए, चाहे वह बहाना टोपी का ही क्यों न हो। क्या कभी सत्ता पक्ष और विपक्ष यह सोचेगा कि उसने इन