पाठकों के पत्र

(अक्षित, आदित्य, तिलक राज गुप्ता, रादौर (हरियाणा)) जब यह लगने लगा था कि नक्सली ठंडे पड़ने लगे हैं, तभी 100 से ज्यादा हथियारबंद नक्सलियों ने अचानक महाराष्ट्र के नक्सलवाद ग्रस्त गढ़ चिरौली जिला के सूरजगढ़ नामक स्थान पर लोह अयस्क खनन कंपनी ‘लॉयड मैटल’ के कार्य में लगे 76 के करीब ट्रकों में आग लगा

(प्रेम चंद माहिल, बरहाना, हमीरपुर) भारतवर्ष में आज भी कुछ लोग रुढि़वादिता के शिकार हैं। आधुनिक विजन के युग में भी लोग बीमार होने की अवस्था में अस्पताल जाने के बजाय तंत्र-मंत्र और जादू-टोने से इलाज करवाने में विश्वास रखते हैं। प्राचीनकाल में बीमारी के इलाज के लिए दवाइयों का आविष्कार नहीं हुआ था। अस्पताल

( डा. सत्येंद्र शर्मा, चिंबलहार, पालमपुर ) कर्मनिष्ठ की कमर झुक गई, गुंडा मंत्री भारी है, बाहुबली हैं आगे-पीछे, मर्सिडीज सरकारी है। उम्रकैद में सड़ता सच्चा, झूठा पलड़ा भारी है, लूट रहे हैं भरे खजाने, ऊपर हिस्सेदारी है। काले को सफेद करते हैं, कहते हैं लाचारी है, हिचकोले खाती थी नैया, चांदी ने ही तारी

( लक्ष्मी चंद, कसौली, सोलन ) हाल ही में ज्ञात हुआ है कि हिमाचल सरकार जमा दो शिक्षा स्तर पर लोक प्रशासन तथा मनोविज्ञान विषयों को समाप्त कर रही है।  यह फैसला किसी भी कोण से तर्कसंगत नहीं ठहराया जा सकता। सरकार को ध्यान देना चाहिए कि इन दोनों ही विषयों का इनसान को ज्ञान

( डा. शिल्पा जैन सुराना, वंरगल, तेलंगाना ) इसे संवेदनहीनता की पराकाष्ठा ही कहेंगे कि एक 18 वर्षीय युवक सड़क दुर्घटना में घायल, दर्द से कराहता, मदद की गुहार लगाता रहा और लोग उसका वीडियो बनाते, फोटो खींचते मूकदर्शक बने रहे। ये वही लोग हैं जो सोशल मीडिया पर यह वीडियो और फोटो डालेंगे, सरकार

( किशन सिंह गतवाल, सतौन, सिरमौर ) हमें यह लिखते बड़ा दुख होता है कि हमारे प्रदेश में पथ परिवहन निगम अक्षरशः उन नियमों का पालन नहीं कर पाता, जो कि सरकार द्वारा जनता की भलाई के लिए बनाए गए हैं। सरकार की पूरी कोशिश के बाद भी आदेशों का सफल क्रियान्वयन नहीं हो पाता।

( जयेश राणे, मुंबई, महाराष्ट्र ) अमरीका के एच1 बी वीजा को लेकर देश में काफी हलचल मची हुई है। भारतीय आईटी कंपनियों को इस वीजा को लेकर आने वाले वक्त में कुछ मुश्किलें पैदा होने की संभावना दिख रही है। अमरीका पहले से ही भारत का हाथ पकड़कर अपनी तरक्की की सीढि़यां चढ़ते आया

( डा. सत्येंद्र शर्मा, चिंबलहार, पालमपुर ) है अमूल्य निधि वोट यह, इसका लगे न मोल, तुच्छ भेंट, कुछ लाभ पर, इसको कभी न तोल। लालच बहुत बुरी बला, इससे रहना दूर, पल में इज्जत-आबरू, होगी चकनाचूर। मुर्गा, बोतल बंट रही, मत ले भिक्षा, दान, खोटा सिक्का मत चला, करके मदिरा पान। बिक मत जाना

( सूबेदार मेजर (से.नि.) केसी शर्मा, गगल ) मनरेगा कर्मी अपने श्रम से प्रदेश में बहुमूल्य संपत्तियों के निर्माण में अमूल्य योगदान दे रहे हैं। शुरुआती दौर में इस योजना की धुर विरोधी रही भाजपा सरकार ने भी इसके महत्त्व को बखूबी समझा है। यही वजह है कि बजट में इस योजना के लिए धन