विचार

हरिमित्र भागी लेखक, सकोह, धर्मशाला से हैं मुस्लिम समुदाय में महज तीन बार तलाक कह कर शादी तोड़ देना कितना अमानवीय है। समाज समय के साथ तो बदलता ही है, पर सोच से समाज ज्यादा बदलता है। अब हमें अपनी सोच बदलने का समय आ गया है। हमारी सोच बदलेगी, तभी हम इस तरह की

(सुरेश कुमार, योल ) धर्मशाला स्मार्ट सिटी बन गया और शिमला भी रेस में है। शिक्षा में हिमाचल अव्वल हो गया और स्वास्थ्य में भी। पर यह क्या शिलाई की ग्राम पंचायत के रिठोइर, खनियार, पनाल व बिरांडों गांवों के 50 परिवारोें को पता ही नहीं है कि बिजली क्या होती है। आजादी के 70

बुद्धिमान गोगोई (डा. सत्येंद्र शर्मा, चिंबलहार, पालमपुर) गोगोई को कर रहा, भारत आज सलाम। नया शोध तुमने किया, अद्भुत है यह काम। हींग लगी न फिटकरी, चोखा चढ़ गया रंग, घायल बाजों के हुए सारे सपने भंग। घायल द्रोही बांध लो, या फिर उनकी लाश, कोई पत्थरबाज तब, क्या फटकेगा पास? दुश्मन अंदर देश के,

पूर्वोत्तर के दो राज्यों असम व अरुणाचल प्रदेश के बीच प्रगति के जिस आयाम का नाम सबसे बड़े पुल पर अंकित हो गया, उसके विपरीत खुद को बचाने की चेष्टा में ऊना जिला के आवारा स्वां को सियासत ने बांध दिया। स्वां की फितरत कम खतरनाक नहीं और न ही इस पर सियासी किश्तियां चल

(केसी शर्मा, सूबेदार मेजर(रि.),गगल ) भारत के समक्ष कई गंभीर समस्याएं हैं। बढ़ती जनसंख्या, बढ़ती बेरोजगारी, भ्र्रष्टाचार, कानून व्यवस्था, सामाजिक उत्थान, समाज के भीतर बढ़ती असमानता। यह्य समस्याएं देश की अपनी समस्याएं हैं, जिन से सरकारें लड़ रही हैं।  इन समस्याओं पर काबू पाने में लंबी योजनाएं बनाने में सरकारें प्रयासरत  हैं। आज सबसे चर्चित

(कृष्ण गतवाल, संतौन, सिरमौर) हिमाचल को हम देवभूमि कहते बड़ा गर्व महसूस करते हैं और यह देवभूमि है भी। पर आजकल हिमाचल में भी शादी समारोहों पर काफी खर्चा किया जाता है। लोग शराब  पर पानी की तरह पैसा बहाते हैं। दिखावे के लिए शादी समारोहों पर इतना खर्च करते हैं कि सारी उम्र के

प्रो. एनके सिंह प्रो. एनके सिंह लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं पाकिस्तान के तीसरे  प्रधानमंत्री मोहम्मद अली बोगरा, अपनी पहली पत्नी को तलाक देकर, अपनी सेक्रेटरी से दूसरी शादी करना चाहते थे। उनकी पहली पत्नी ने न केवल इसका प्रतिकार किया, बल्कि इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया। जल्द ही, पाकिस्तान

कश्मीर के अब्दुल्ला परिवार पर तो असंख्य कलंक हैं, क्योंकि वह बुनियादी तौर पर हिंदोस्तान के ही नहीं, कश्मीर के भी खिलाफ  रहे हैं। कश्मीर में आज जो हालात हैं, उसके बीज प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और शेख अब्दुल्ला तथा 1977 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी-अब्दुल्ला समझौते ने ही बोए थे। आज इतिहास दोहराने

सामाजिक-सांस्कृतिक विरासत की विविधता में हिमाचल की ताजपोशी के जबरदस्त पहलू परोसते हुए भाषा, कला और संस्कृति विभाग ने अपने संदर्भों को सशक्त करना शुरू किया है। आज से शिमला में जिलों की सांस्कृतिक विरासत पहुंचनी शुरू होगी, तो गेयटी की सक्रियता में पर्यटन सीजन का महत्त्व बदल जाएगा। सर्वप्रथम मंडी जिला अपनी प्रस्तुति में