विचार

हिमाचल फोरम…  कुल्लू के लोग बोले, पूर्व प्रधानमंत्री की सौगात को कभी भी भूल नहीं सकता प्रदेश सर्दियों में छह माह तक बर्फ की कैद में रहने वाले लाहुल के लोगों का वनवास खत्म होने वाला है। साल बाद ये दुर्गम इलाके के लोग दुनिया भर से जुड़े रहेंगे। इसका श्रेय सिर्फ और सिर्फ पूर्व

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं नरेंद्र मोदी ने भारतीय राजनीति को बदलने और महात्मा गांधी के उपरांत पहली बार उसे फिर से सामाजिकता और रचनात्मकता से जोड़ने की पहल की है। शायद कुछ लोगों को ध्यान होगा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद  जब वह पहली वार लाल किले

( केसी शर्मा, गगल, कांगड़ा ) विश्व शांति के लिए जरूरी है कि हम विकट से विकट समस्या का हल बातचीत से निकालें। भारत और पाकिस्तान के संबंध आज की तारीख में बिगड़े हुए हैं। बातचीत के लिए जब भी आशा बनी, तभी पाकिस्तान के आतंकवादियों ने कोई ऐसी हरकत कर दी, जिससे बातचीत की

खेल संघों की मर्यादा से जूझते लक्ष्य और फिरकापरस्ती का आलम यह कि नकदी की तरह भुनाए जाते हैं ओहदे। टकराव के सिंहासन पर बैठे हिमाचल कबड्डी संघ के कारण खेल की आबरू कितनी बचेगी। कबड्डी के छोटे ग्राउंड से कहीं विस्तृत है महत्त्वाकांक्षा और यही किस्सा बयां हो रहा है हिमाचल में। एक ही

चाहे बात आजादी से पहले कि हो या बाद की हो या भारत- पाक युद्ध या आपरेशन विजय की हो भारतीय सेना, नौसेना, वायुसेना में हिमाचल के वीरों का प्रदर्शन बहुत ही साहसी और गौरवशाली रहा है। इतिहास गवाह है कि बहादुरी के मेडल विजेताओं मे हिमाचल के सैनिक अग्रिम पंक्ति में है। जब-जब दुश्मनों

इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ  जस्टिस (आईसीजे) के 11 जजों की पीठ ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के संदर्भ में जो अंतरिम फैसला सुनाया है, वह भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत है। भारत और जाधव के परिजनों के लिए नैतिक और मानसिक राहत है। पाकिस्तान कई स्तरों पर बेनकाब हुआ है। अंतरराष्ट्रीय अदालत का फैसला है कि

लेखराम ठाकुर लेखक, सुंदरनगर, मंडी से हैं हिमाचल प्रदेश में उच्चकोटि के चित्रकार हैं, जो मूल रूप से हिमाचली हैं। इनके चित्रों की शैली राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के चित्रकारों की शैलियों के समकक्ष और उत्कृष्ट है, परंतु प्रदेश की गलत एवं चित्रकार विरोधी नीतियां उनकी एवं प्रदेश की प्रगति में बाधक हैं। अतः सरकार

( डा. सत्येंद्र शर्मा, चिंबलहार, पालमपुर ) भूषण है यह राष्ट्र का भूषण है यह राष्ट्र का, जाधव जिंदाबाद बड़ी किरकिरी हो गई, पाक करेगा याद मोदी, सुषमा, साल्वे, भारत की है जीत खोया हीरा फिर मिला, परिजन को मधुमीत, खूब दिवाली मन रही, खुशियों की बरसात मातम मना पड़ोस में, घनी अंधेरी रात आखिर

प्रो. एनके सिंह लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं भीड़ को यह महसूस कराया जाना चाहिए कि अराजकता उसके हित में नहीं है और इसके कारण उन्हें जनधन की भयंकर हानि उठानी पड़ सकती है। उन्हें इस बात का एहसास कराया जाना चाहिए कि सैन्यबलों पर पत्थर फेंकना कोई मजाक का विषय