विचार

हिमाचल फोरम पहले दस दिन में ही एक हजार करोड़ रुपए की कमाई करने वाली बाहुबली द कान्क्लूजन-2 को लेकर हमीरपुर के युवाओं में खासा क्रेज है। वर्ष 2015 में आई द बाहुबली बिगनिंग को देखने के बाद देश का हर वर्ग इसके दूसरे भाग के रिलीज होने का बेसब्री से इंतजार कर रहा था।

हिमाचल फोरम पहले दस दिन में ही एक हजार करोड़ रुपए की कमाई करने वाली बाहुबली द कान्क्लूजन-2 को लेकर सोलन के युवाओं में खासा क्रेज है। वर्ष 2015 में आई द बाहुबली बिगनिंग को देखने के बाद देश का हर वर्ग इसके दूसरे भाग के रिलीज होने का बेसब्री से इंतजार कर रहा था।

पहले दस दिन में ही एक हजार करोड़ रुपए की कमाई करने वाली बाहुबली द कान्क्लूजन-2 को लेकर धर्मशाला  के युवाओं में खासा क्रेज है। वर्ष 2015 में आई द बाहुबली बिगनिंग को देखने के बाद देश का हर वर्ग इसके दूसरे भाग के रिलीज होने का बेसब्री से इंतजार कर रहा था। 28 अप्रैल

पहले दस दिन में ही एक हजार करोड़ रुपए की कमाई करने वाली बाहुबली दि कान्क्लूजन-2 को लेकर ऊना के युवाओं में खासा क्रेज है। वर्ष 2015 में आई द बाहुबली बिगनिंग को देखने के बाद देश का हर वर्ग इसके दूसरे भाग के रिलीज होने का बेसब्री से इंतजार कर रहा था। 28 अप्रैल

एक हजार करोड़ रुपए से ज्यादा कमाकर बॉक्स आफिस कलेक्शन की नई पटकथा लिखने वाली फिल्म बाहुबली का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। ड्रामा, सस्पेंस और एक्शन से फिल्म दर्शकों का दिल जीत रही। इस फिल्म ने बालीवुड फिल्म इंडस्ट्री के लिए नई लकीर खींच दी है। जानते हैं फिल्म पर दर्शकों

पहले दस दिन में ही एक हजार करोड़ रुपए की कमाई करने वाली बाहुबली द कन्क्लूजन-2 को लेकर बिलासपुर के युवाओं में खासा क्रेज है। वर्ष 2015 में आई दि बाहुबली बिगनिंग को देखने के बाद युवा वर्ग इसके दूसरे भाग के रिलीज होने का बेसब्री से इंतजार कर रहा था। 28 अप्रैल को रिलीज

पहले दस दिन में ही एक हजार करोड़ रुपए की कमाई करने वाली बाहुबली द कान्क्लूजन-2 को लेकर चंबा के युवाओं में खासा क्रेज है। वर्ष 2015 में आई द बाहुबली बिगनिंग को देखने के बाद देश का हर वर्ग इसके दूसरे भाग के रिलीज होने का बेसब्री से इंतजार कर रहा था। 28 अप्रैल

सवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की बोलती बंद का ही नहीं है। सवाल नैतिकता, पारदर्शिता, जवाबदेही और शुचिता का है। सवाल यह भी है कि केजरीवाल वैकल्पिक राजनीति और व्यवस्था लाना चाहते थे या वैकल्पिक भ्रष्टाचार के मूक पैरोकार बनना चाहते थे? केजरीवाल ने अपने ही स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से दो करोड़ रुपए

एलएस हरदेनिया लेखक, मानवाधिकार कार्यकर्ता और वरिष्ठ पत्रकार हैं बिना संसद और विधानमंडल की स्वीकृति के बिना सरकार एक पैसा भी खर्च नहीं कर सकती, परंतु इस अधिकार का उपयोग स्वयं के लाभ के लिए किया जाना एक दृष्टि से अनैतिक है। जनप्रतिनिधियों को अपने चाल-चलन से आदर्श स्थापित करना चाहिए। आज ऐसा लगता है