विचार

राष्ट्रीय खेल हाकी और क्रिकेट के दीवाने देश में देहरा का ढलियारा गांव फुटबाल का क्रेजी है। यहां  शायद ही कोई कोई युवा होगा,जो फुटबाल पसंद न करता हो, तभी तो हिमाचल पुलिस में ही  स्पोर्ट्स कोटे से करीब 10 जवान सेवाएं दे रहे हैं। ये दिग्गज जब भी ढलियारा आते हैं, तो सीधे उस

प्रो. एनके सिंह प्रो. एनके सिंह लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं यदि मोदी साफ-सुथरा प्रशासन लाना चाहते हैं, तो उन्हें कार्यालयों में दिखावे और तड़क-भड़क भरी संस्कृति पर नकेल कसनी होगी। अधिकारियों, विधायकों और सांसदों को अहंकारी दृष्टिकोण के बजाय विनम्रता और सेवाभाव का नजरिया विकसित करने के लिए प्रेरित करना

हिमाचल फोरम ‘दिव्य हिमाचल’ फुटबाल लीग को लेकर प्रदेशभर के युवाओं में खासा जोश है। मीडिया गु्रप की अनूठी पहल से जहां युवाओं को विश्व के नंबर वन खेल में अपनी पहचान बनाने का मौका मिलेगा, वहीं खेल से उनके अंदर छिपी प्रतिभा भी बाहर आएगी। ‘दिव्य हिमाचल’ की टीम ने जब इस बारे में

होटलों से बाहर निकलकर जब हिमाचल में पर्यटन की पहचान होती है, तो हर सड़क एक मंजिल और हर ठहराव एक किनारा बन जाता है। विडंबना यह है कि पर्यटन के इस दस्तूर को देखने के बजाय होटलों की शुमारी में हिमाचल की तैयारी देखी जाती है। अब आते पर्यटक से कहीं वापस जाते सैलानी

बूचड़खानों पर तालाबंदी, यानी गोश्तबंदी, को लेकर बाजार बंद हैं। हड़ताल जारी है। कुछ दुकानें खुद बंद हैं, तो कुछ भय, खौफ के कारण बंद हैं। अब यह मुद्दा उत्तर प्रदेश तक ही सीमित नहीं रहा है। अन्य पांच राज्यों में भी अवैध बूचड़खानों पर तालाबंदी के आदेश जारी हो गए हैं। यह मुद्दा संसद

भूपिंदर सिंह भूपिंदर सिंह लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं प्रदेश विश्वविद्यालय ने अब अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय खेल प्रतियोगिताओं में शीर्ष चार स्थानों पर रहने वाली टीमों तथा खिलाडि़यों को भी नकद इनाम से सम्मानित करने का प्रावधान किया। उत्तर भारतीय खेल प्रतियोगिता से क्वालिफाई कर अखिल भारतीय अंतर विवि खेल प्रतियोगिता वाली टीमें भी

( डा. शिल्पा जैन सुराणा, तेलंगाना (ई-पेपर के मार्फत) ) हाल ही में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई है, जिसमें हम खुश रहने के मामले में बहुत ही पिछड़े हुए निकले। क्यों खुश नहीं हैं हम? क्यों तनाव दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है? क्यों बढ़ी हुई सैलरी भी हमें खुशी नहीं दे रही? हमारे काम का

( रमेश सर्राफ धमोरा,  झुंझुनू ) टीबी की बीमारी भारत की एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। इस बीमारी से प्रत्येक तीन मिनट में दो भारतीय और रोजाना 1000 लोगों की जान चली जाती है। विश्व में भारत पर टीबी का बोझ सबसे अधिक है। देश ने टीबी उन्मूलन को प्राथमिकता के तौर पर लिया है।

( डा. सत्येंद्र शर्मा, चिंबलहार, पालमपुर ) नमक खाते हिंदोस्तानी, लेग-पेग पाकिस्तानी, कोड़े मारें, खाल उधेड़ें, याद कराएं उनको नानी। मां को निर्वस्त्र करते, हैं आका मलिक-गिलानी, उन्हें सड़ाएं काल कोठरी या भेजें काला-पानी। युवा बने कठपुतली, खलनायक करते मनमानी, जीजा के घर पड़ोस में, चल समेट दाना-पानी। मां का मोल लगाते नित, भारत होता