विचार

इस युग में भगवान की कृपा से भी अधिक दयालु हो सकता है किसी आईपीएल मैच का फ्री पास। आईपीएल का एक फ्री टिकट, चुनाव के टिकट से कहीं अधिक प्रगाढ़ रिश्तों का प्रतीक और समाज में स्टेटस सिंबल का प्रहरी हो सकता है।

कहावत है कि पूरा विश्व ही एक कुटुम्ब जैसा है। यह दौर शांति, स्थिरता और सहयोग का है, लिहाजा युद्ध की गुंजाइश नगण्य है, लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध ने तमाम मान्यताओं को झुठला दिया है।

15 अप्रैल 1948 वो दिन था, जब धरती का स्वर्ग और देवभूमि हिमाचल अस्तित्व में आया था, अर्थात इसका गठन किया गया था। हालांकि उस समय प्रदेश का दायरा बहुत छोटा-सा था, क्योंकि उस समय इसके मात्र 4 ही जिले थे और इसके बहुत से पहाड़ी क्षेत्र पंजाब में थे। धीरे-धीरे इसका विस्तार होता गया और अब प्रदेश के 12 जिले हैं।

कहानी के प्रभाव क्षेत्र में उभरा हिमाचली सृजन, अब अपनी प्रासंगिकता और पुरुषार्थ के साथ परिवेश का प्रतिनिधित्व भी कर रहा है। गद्य साहित्य के गंतव्य को छूते संदर्भों में हिमाचल के घटनाक्रम, जीवन शैली, सामाजिक विडंबनाओं, चीखते पहाड़ों का दर्द, विस्थापन की पीड़ा और आर्थिक अपराधों को समेटती कहानी की कथावस्तु, चरित्र चित्रण, भाषा शैली व उद्देश्यों की समीक्षा करती यह शृंखला। कहानी का यह संसार कल्पना-परिकल्पना और यथार्थ की मिट्टी को विविध सांचों में कितना ढाल पाया। कहानी की यात्रा के मार्मिक, भावनात्मक और कलात्मक पहलुओं पर...

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘गरीबी मिटाओ’ का एक फॉर्मूला दिया है। उनके मुताबिक, यदि केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनी, तो प्रत्येक गरीब परिवार की एक महिला के बैंक खाते में एक लाख रुपए...

दरअसल अमरीका भी खाड़ी देशों की तरह भारत से रिश्ते और प्रगाढ़ करने की दिशा में बढ़ रहा है। मुद्दा चाहे सैन्य साजो-सामान की सप्लाई का हो या फिर चीन के खिलाफ दमदार सहयोगी का हो, अमरीका को अंदाजा है कि चीन का मुकाबला भारत ही कर सकता है...

मंडी संसदीय क्षेत्र ने अचानक सारे राष्ट्र की निगाहें हिमाचल की ओर मुखातिब की हैं। मानना पड़ेगा कि यह सब वहां से भाजपा प्रत्याशी कंगना रनौत की वजह से कहीं ज्यादा हो रहा है। चुनावी फलक के...

महंगाई का मसला चूंकि सरकार के गले की फांस बना था, इसलिए सरकार ने महंगाई रोकने के लिए एक हाईपावर कमेटी बना दी। अब सरकार तो कमेटी बनाकर निश्चिंत हो गई, लेकिन कमेटी को समझ नहीं...

अगर हम गौर से देखेंगे तो पाएंगे कि इस समस्या के लिए मानव का स्वार्थ जिम्मेदार है। जब तक गाय दूध देती है, या बैल हल जोतता है, हम उनको अपने घर में रखते हैं, बूढ़े होने पर आवारा छोड़ देते हैं… हिमाचल प्रदेश की हलचल भरी सडक़ों, शहर के शोरगुल और ग्रामीण क्षेत्रों के