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यही वजह है कि अपनी प्रसिद्धि को देखते हुए फिल्मों के कलाकार राजनीति में आ तो जाते हैं, पर कम ही लंबी पारी खेल पाने में सफल होते हैं। फिल्म के पर्दे की राजनीतिक दुनिया से एक अपनी अलग ही दुनिया और अलग ही दास्तां है। यहां सफलता पर दर्शकों की तालियों की गूंज बार-बार सुनाई देती है। लेकिन फिल्मी स्टार से नेता बनने के बाद मन में दबी-छुपी आशंकाएं जन्म लेती हैं। ऐसे में अपनों से टकराहट, शिकायत और उलाहने के दौर के बीच की भी एक दुनिया होती है, जहां कई बार कोई साथ नहीं होता। सोचना होगा कि बॉलीवुड और नेतागिरी किस हद तक एक-दूसरे के पूरक हंै। बॉलीवुड समाज के लिए क्या कर सकता है...

भारत सरकार को सजग रहते हुए एपीआई के क्षेत्र में चीन द्वारा की जा रही डंपिंग को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास करने होंगे। अन्य रसायनों के क्षेत्र में भी यह बात लागू होती है...

यह अभूतपूर्व खाद्यान्न भंडारण व्यवस्था नए भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए बहुआयामी उपयोगिता देते हुए दिखाई देगी। हम उम्मीद करें कि लोकसभा चुनाव के बाद गठित होने वाली नई सरकार कृषि एवं ग्रामीण विकास के साथ-साथ कृषि सुधारों की डगर पर तेजी से आगे बढ़ेगी...

भारत में 2030 तक 500 गीगावाट स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। इसे हम प्राप्त कर सकेंगे। किंतु बड़े ऊर्जा पार्क बनाकर स्थानीय संसाधनों पर कुछ जगहों पर ज्यादा दबाव पड़ जाता है, जिससे रोजी-रोटी के संसाधन छिन जाते हैं...

पिछले कुछ सालों से राहुल गांधी के बयानों को भी इसी गहरी नजर से देखना चाहिए। वह अमरीका के लोगों को बताते रहे हैं कि भारत को पाकिस्तान समर्थक इस्लामी आतंकवादियों से इतना डर नहीं है जितना राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से...

इन सब प्रयासों के मद्देनजर सरकार द्वारा प्रोत्साहित सभी क्षेत्रों में निवेश में अभूतपूर्व वृद्धि देखने को मिल रही है। इससे आयातों पर अंकुश लगेगा व निर्यातों को भी प्रोत्साहन मिलेगा...

अफस्पा रुखसत करने के बजाय आतंक के कारण चार दशकों से अपने ही मुल्क में शरणार्थी बनकर तर्क-ए-वतन का दंश झेल रहे कश्मीर के मूल निवासियों की सुध लेनी चाहिए। कश्मीर में टारगेट कीलिंग का सिलसिला जारी है...

वायनाड ने सब गड़बड़ कर दिया। कम्युनिस्टों ने राहुल गांधी से पूछा कि आप तो पिछले दस साल से चिल्ला रहे हो कि आप की लड़ाई भाजपा वालों से है, लेकिन आप केरल में तो हमसे ही लड़ रहे हो। हम दिल्ली में आप के साथ एक मंच पर बैठ कर लम्बे-लम्बे भाषण देते हैं। मिल कर भाजपा के साथ लडऩे की हुंकार लगाते हैं, लेकिन उस सबके बावजूद आप केरल में हमसे ही लड़ रहे हैं...

अभी भी समय है कि सरकार को चाहिए कि इन खेल मैदानों का रखरखाव ठीक ढंग से करवाए, ताकि हिमाचल प्रदेश के खिलाड़ी इन सुविधाओं का लंबे समय तक लाभ उठा सकें...